बठिंडा. सिविया रोड पर जिला प्रशासन की ओर से अपनी निगरानी में लिए आक्सीजन गैस प्लांट की सुरक्षा के लिए पुलिस की तैनाती कर दी गई है। कोरोना महामारी में दूसरी लहर काफी खतरनाक साबित हो रही है। तेजी से बढ़ते संक्रमण के बीच अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग बढ़ने लगी है तथा इसकी किल्लत भी होने की बात सामने आ रही है। ऐसे में जिला प्रशासन ने प्लांट को अपनी निगरानी में लेकर वहां प्रशासन के अधिकारियों को तैनात करने के अलावा गैस प्लांट को सुरक्षा मुहैया करवा दी है जिसके बाद यह प्लांट पूरी तरह पुलिस व प्रशासन की निगरानी में काम कर रहा है। जहां रोजाना 500 से 700 सिलेंडर रिफिल हो रहे हैं। इसी बीच जिले में चार अन्य रिफिल प्लाटों में भी प्रशासन ने मुस्तैदी बढ़ाते सेहत विभाग के अधिकारियों व ड्रग इंस्पेक्टरों को तैनात किया है जो बाहर से आने वाली आक्सीजन को यहां पर अपनी निगरानी में जरूरी अस्पतालों में सप्लाई करवा रहे हैं। इससे पहले जिले में आक्सीजीन की सप्लाई हिमाचल प्रदेश से मिल रही थी लेकिन एकाएक मांग बढ़ने व उत्पादन सीमित होने के चलते उक्त सप्लाई पिछले दिनों से बंद है इसके चलते पंजाब सरकार व जिला प्रशासन ने अपने साधनों को कंट्रोल में लेकर मरीजों तक सप्लाई देने की योजना बनाई।
इसी तरह वही इस ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को देखते हुए अब आक्सीजन प्लांट संचालकों ने आक्सीजन बेचने के लिए सिक्योरिटी राशि जमा करवानी शुरू कर दी है। अब ऑक्सीजन के सिलेंडर की जरूरत वाले लोगों को पहले सिक्योरिटी राशि जमा करवानी होगी और उसके बाद ही जरूरत अनुसार उन्हें ऑक्सीजन दी जाएगी। बठिंडा में चार रिफिलिंग प्लांट हैं जबकि एक ऑक्सीजन प्लांट को जिला प्रशासन ने टेकओवर कर लिया है। अब ऑक्सीजन प्लांटों से ऑक्सीजन लेने के लिए संबंधित व्यक्ति को पहले 11 हजार रुपए सिक्योरिटी जमा करवानी पड़ रही है, उसके बाद प्रति किलो 50 रुपए ऑक्सीजन फीस जमा करवानी होगी।
अधिकांश केसों में ऑक्सीजन सिलेंडर वापस नहीं करने की सूरत में गैस प्लांट्स ने सिक्योरिटी राशि लेना शुरू कर दिया है उक्त सिक्योरिटी राशि में सिर्फ 8 हजार रुपए ही वापस होंगे जबकि बाकी के 3 हजार रुपए सिलेंडर के साथ दिए जाने वाले सामान के हैं जो रिफंडेबल नहीं है। गौरतलब है कि पानीपत से लिक्विड आक्सीजन की सप्लाई थमने के बाद आक्सीजन के रेट चढ़ गए हैं। सामान्य 17 रुपए किलो की ऑक्सीजन के लिए संबंधित व्यक्ति को सिक्योरिटी नहीं देनी पड़ती थी।
कई जगह निजी अस्पताल बोले, खुद करो ऑक्सीजन का प्रबंध
सिविया रोड स्थित ऑक्सीजन बॉटलिंग प्लांट में आक्सीजन के लिए पहुंचे एक व्यक्ति ने कहा कि उनका मरीज जिसको तीन-चार दिन पहले कोरोना हो गया था। जिसे एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। उन्हें दो दिन पहले अस्पताल प्रबंधकों ने कहा कि उनके पास एक-दो घंटे की आक्सीजन रह गई है,आपको खुद ही आक्सीजन का प्रबंध करना होगा। उनको इसके बारे में जानकारी नहीं थी कि ऑक्सीजन कहां से मिलती है और सप्लायर कौन है। जैसे-तैसे वह सिवियां रोड पर स्थित ऑक्सीजन बॉटलिंग प्लांट में पहुंचा तो वहां से वो जैसे तैसे मिन्नतें करके पांच सिलेंडर आक्सीजन के ले आए लेकिन आज फिर से उनको अस्पताल प्रबंधकों ने कहा कि दो घंटे की गैस रह गई जब वो फिर से प्लांट पहुंचे तो उनको बड़ी मुश्किल के बाद सिफारिश करवाने के बाद ऑक्सीजन मिली।
वहीं ड्रग इंस्पेक्टर रमन गुप्ता ने कहा कि ऑक्सीजन बॉटलिंग प्लांट जो सिवियां गांव में है,को प्रशासन की निगरानी में लिया गय है। यहां से जो भी आक्सीजन सप्लाई हो रही है उसका पूरा रिकार्ड रखा जा रहा है।
ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है
ऑक्सीजन की कमी नहीं है। प्रशासन की निगरानी में बॉटलिंग प्लांट में मेडिकल आक्सीजन का काम शुरू हो गया है जहां से रोजाना 550 सिलेंडर आक्सीजन रिफिलिंग हो रहे हैं। प्लांट पर ड्रग इंस्पेक्टर की तैनात कर आक्सीजन का ऑडिट किया जा रहा है। लिक्विड ऑक्सीजन बाहर से आ रही है जिसमें एक ट्रक अभी आया है। जो अस्पताल मरीजों के परिजनों को बॉटलिंग प्लांट पर भेज रहे हैं यह सरासर गलत है। ऐसा करके निजी अस्पताल अपनी जिम्मेवारी से भाग रहे हैं। कोई भी अस्पताल आक्सीजन का स्टॉक जमा न करे।
डा. तेजवंत सिंह ढिल्लो, सिविल सर्जन बठिंडा
जो कोताही करेगा, होगा एक्शन
ऑक्सीजन की आपूर्ति बनाए रखने को चंडीगढ़ से ऑक्सीजन मंगवाने के अलावा बठिंडा में बॉटलिंग शुरू कर दी गई है, लेकिन अगर कहीं ऑक्सीजन को लेकर कोई अस्पताल बेवजह किल्लत पैदा कर मरीजों को ऑक्सीजन लेने कहीं भेजता है तो उनका नाम मुझे बताया जाए, इस पर एक्शन होगा। अस्पतालों को ऑक्सीजन की सुचारू सप्लाई शुरू हो चुकी है।
बी. श्रीनिवासन, डीसी, बठिंडा
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