सोमवार, 22 फ़रवरी 2021

पंजाब में वैक्‍सीन न लगवाने वाले कर्मी कोरोना पाजिटिव हुए तो खुद उठाना होगा इलाज का खर्च


 चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने कोरोना वैक्‍सीनेशन से परहेज करने वाले और वैक्‍सीन नहीं लगवाने वाले सेहत विभाग के कर्मियों के प्रति रुख कड़ा कर लिया है। सेहत विभाग के प्रयासों के बावजूद सेहत कर्मी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए शुरू की गई कोविड टीकाकरण मुहिम में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है। ऐसे कर्मचारियों को लेकर सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि जिन सेहत कर्मियों ने टीका नहीं लगवाया है, अगर वे भविष्य में संक्रमण के शिकार हो जाते हैं तो पूरे इलाज का खर्च उनको खुद उठाना होगा। ऐसे कर्मचारी एकांतवास अवकाश का लाभ लेने के भी पात्र नहीं होंगे।

सेहत विभाग ने कहा, कोरोना के शिकार होने पर नहीं मिलेगा एकांतवास अवकाश

सिद्धू ने कुछ दिनों में कोरोना के मामलों में हुई वृद्धि का हवाला देते हुए कहा कि 20 फरवरी को 358 केस सामने आए थे और राज्य में 3000 के करीब कोविड के सक्रिय मामले हो गए हैं। जबकि तीन सप्ताह पहले केवल 2000 मामले ही थे। किसी भी अभूतपूर्व स्थिति से निपटने के लिए सभी सेहत कर्मियों का टीकाकरण होना अनिवार्य है।

उन्‍होंने कहा कि पंजाब देश के उन छह राज्यों में से एक है जहां कोविड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इसे कोरोना की दूसरी लहर की तरह मानते हुए हमें पूरी तरह तैयार रहना चाहिए। कोरोना के मामलों में और वृद्धि होने की आशंका है। उन्होंने सेहत कर्मचारियों से अपील की कि उन्हें बिना किसी झिझक जल्द से जल्द टीका लगवाना चाहिए।

सिद्धू ने टीकाकरण की कम दर पर ¨चता जताते हुए कहा कि अब तक राज्य में 2.06 लाख सेहत कर्मचारियों और 1.82 लाख अग्रिम पंक्ति के वर्करों ने कोरोना टीकाकरण के लिए नाम दर्ज करवाया है। इनमें से करीब 79,000 (38 फीसद) सेहत कर्मचारियों और 4,000 अन्य वर्करों ने टीका लगवाया है जो काफी कम है। अब तक पंजाब में टीकाकरण के दुष्प्रभाव का कोई मामला सामने नहीं आया है।

न्‍होंने कहा कि टीकाकरण की पहली खुराक लेने की आखिरी तारीख को 19 फरवरी से बढ़ाकर 25 फरवरी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि वैसे तो सभी को संक्रमण का खतरा है लेकिन सेहत कर्मचारियों को मरीजों से संक्रमित होने का खतरा और भी अधिक होता है।

बठिंडा में पेंशन घोटाला:8 माह में मात्र 60 हजार रिकवरी, इस तरह तो कई सौ साल बाद भी अधूरा रहेगा टारगेट


बठिंडा
 । जिले में 8762 लोगों द्वारा शिअद-भाजपा सरकार के कार्यकाल में गलत दस्तावेज पेशकर लगवाई गई बुढ़ापा पेंशन को रिकवर करने में विभाग को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अकेले बठिंडाA में ही उक्त डिफाल्टरों से करीब 17 करोड़ रुपए की भारी भरकम रिकवरी के लिए हो रहे प्रयासों के बावजूद जिला सामाजिक सुरक्षा विभाग को कोई विशेष कामयाबी नहीं मिली है। वहीं दिल्ली में चल रहे कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन के चलते रिकवरी के काम में काफी दिक्कत आ रही है। टीमों द्वारा दिए जा रहे तर्क के अनुसार अधिकांश लोगों के किसान आंदोलन में जाने के चलते पेंशन की रिकवरी धीमी चल रही है

जबकि विभाग डिफाल्टरों से पेंशन की रिकवरी के लिए जुलाई 2020 से दिसंबर 2020 तक तीन बार नोटिस भेजा चुका है। इस बीच डिफाल्टरों द्वारा दिसंबर 2020 तक कुल 60 हजार रुपए की रकम विभाग के खाते में जमा हुई है जबकि पेंशन घोटाले की भारी-भरकम रकम ही 17 करोड़ रुपए है। अगर सरकारी पैसे की वसूली का यही हाल रहा तो कई सौ बरस बाद भी पेंशन घोटाले की रकम रिकवर होती नजर नहीं आ रही है।

जमीनी हकीकत के अनुसार एक्शन न ले पाने से विभाग रिकवरी करने में असहाय रहा है जबकि गांवों में नोटिस पहुंचाने के लिए लगी टीमों को खूब खरी-खोटी सुननी पड़ रही है। गौरतलब है कि सरकार ने रिकवरी का आदेश तो जारी कर दिया, लेकिन सख्त एक्शन लेने और कानूनी कार्रवाई करने पर सभी चुप्पी साधे हुए हैं। फिलहाल विभाग डिफाल्टरों से रकम की रिकवरी के लिए अब चौथी बार नोटिस भेजने की तैयारी में है।

किसान आंदोलन के चलते रिकवरी धीमी, चौथी बार नोटिस देने की तैयारी

कम उम्र वालों ने खुद को बुजुर्ग बताकर ले ली पेंशन जांच के बाद गिनती के लोगों ने दिखाए दस्तावेज- शिअद-भाजपा सरकार के कार्यकाल में पेंशन लेने वाले लोगों में गलत पेंशन लेने वाले लोग कम उम्र के थे, लेकिन उन्होंने खुद को बुजुर्ग बताकर करीब 2 साल तक पेंशन का लाभ हासिल किया। इस मामले का खुलासा पंजाब सरकार की ओर से 2017 में सत्ता में आने के बाद करवाई गई जांच के आधार पर हुआ। जिस पर अब रिकवरी करने के लिए सामाजिक सुरक्षा स्त्री व बाल विकास विभाग की ओर से सभी जिलों के जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर आदेश दिए गए हैं।

इसके तहत कमेटी द्वारा कम उम्र के दिए गए सबूतों के आधार पर जांच करने के अलावा आमदनी के छिपाए गए स्रोत भी उजागर किए जाएंगे। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार घोटालेबाज लोगों को आपत्ति से जुड़े सबूत जमा कराने को कई मौका दिया गया है, लेकिन गिनती के लोगों ने ही विभाग के पास दस्तावेज पेश किए हैं जिसमें मात्र 60 हजार रुपए की रिकवरी हो पाई है। किसी ने गलत एड्रेस लिखा तो किसी ने आयु

कम दिखा पेंशन लाभ लिया है। ऐसे लोगों ने रिकवरी नोटिस के साथ ड्राफ्ट बनवाकर विभाग को सौंपा है। फिलहाल विभाग द्वारा इन लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं करीब 20 से 30 लोगों ने कमेटी के पास लाभपात्री होने संबंधी दस्तावेज पेश किए हैं, जिसकी जांच चल रही है।

फिर से भेजे जाएंगे रिकवरी नाेटिस - डिफाल्टरों से घोटाले की रकम वापस करवाने के लिए पहले तीन बार नाेटिस भेजे गए हैं जिससे अभी तक मात्र 60 हजार रुपए की रकम वापस हुई है। दिल्ली किसान आंदोलन के कारण रिकवरी अटकी है तथा टीमों को गांवों में विरोध का सामना करना पड़ता है। विभाग द्वारा अब फिर से नोटिस भेजने की तैयारी चल रही है। हालांकि रिकवरी न देने वालों को धारा 420 के तहत केस दर्ज करने की चेतावनी भी दी गई है। डा. तेअवासप्रीत कौर, जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकार

शिअद-भाजपा सरकार में पेंशन, कांग्रेस सरकार मे हो रही है रिकवरी - जिला बठिंडा में 8762 लोगों को पेंशन शिअद-भाजपा सरकार में प्रदान की गई। इसमें तलवंडी साबो ब्लाक में सबसे अधिक पेंशन होल्डर थे। यहां जिला सामाजिक सुरक्षा विभाग ने आंगनबाड़ी, सीडीपीओ और पंचायत लेवल पर बीडीपीओ स्तर से संपर्क कर रिकवरी की मुहिम शुरू की थी।

इसमें तलवंडी साबो ब्लाक में 2200 लोगों को नोटिस भेजा गया हैं। इसके बाद नथाना में 1330, संगत में 1220, बठिंडा में 1200, रामपुरा में 787, मौड़ में 680, भगता में 370 व फूल एरिया में 215 डिफाल्टरों को पेंशन रिकवरी के नोटिस भेजे गए हैं। इसमें 8 माह में दो चरणों में 60 हजार रुपये की कुछ लोगों ने सरकार के पास जमा करवाए हैं जबकि बाकी करोड़ों की रकम अभी रिकवर करनी बाकी है। तीन बार नोटिस देने के बाद रिकवरी धीमी रहने के बाद अब चौथी बार पेंशन रिकवरी के नोटिस भेजने की तैयारी हो रही है।

बठिंडा में 20 करोड़ से बनेगा रोजगार्डन के बलवंत गार्गी ओपन एयर थिएटर का कल्चरल कांप्लेक्स


बठिंडा। 
थिएटर व रंगमंच के कद्रदानों के लिए बहुत अच्छी खबर है, रोजगार्डन स्थित बलवंत गार्गी ओपन एयर थिएटर का कल्चरल कांप्लेक्स में नवीनीकरण होगा। यहां इनडोर आडिटोरियम व आउटडोर थिएटर के अलावा स्टेट आफ द आर्ट डिस्प्ले गैलरी एवं म्युजियम को भी विशेष तरजीह मिलेगी जिससे रंगमंच, थिएटर व साहित्य को प्रफुल्लित होने में भरपूर प्रोत्साहन मिलेगा।

थिएटर ग्रुप व रंगमंच कलाकारों की ओर से लगातार की जा रही मांग को पूरा करते हुए वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल की ओर से इसके लिए 20 करोड़ रुपए का बजट पास किया है और आगामी दिनों में निर्माण कार्य शुरू करके इसी साल अत्याधुनिक आवरण में तैयार होगा।

900 सीटर ऑडिटोरियम और 400 सीटर ओपन एयर थिएटर बनेगा- रोजगार्डन स्थित बलवंत गार्गी ओपन एयर थिएटर के आसपास की जमीन का भी इस्तेमाल किया जाएगा ताकि में स्टेट आफ द आर्ट यानी साहित्यक एवं रंगमंच गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए नई लुक में तैयार हो सके। निर्माणाधीन कल्चरल कांप्लेक्स में 900 सीटर इनडोर ऑडिटोरियम बनेगा, वहीं साथ ही 400 सीटर ओपन एयर थिएटर का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा स्टेट आफ द आर्ट ओपन गैलरी, म्युजियम भी तैयार होगा।

इस प्रोजेक्ट की ड्राइंग तैयार हो रही है जिसमें इंटर्नल ले आउट का प्लान फाइनल किया जा रहा है और आगामी कुछ दिनों में निर्माण शुरू होने की उम्मीद है। संस्कृति के प्रचार का कार्य थिएटर में संभव है। युवा और एमेच्योर से प्रोफेशनल रंगमंच बनने की प्रक्रिया थोड़ा धीमी है जबकि थिएटर के आधुनिक रूप में तैयार होने से रंगकर्मियों को बेहद लाभ मिलेगा।

पंजाबी भाषा के विख्यात साहित्यकार बलवंत गार्गी ने ही बठिंडा के रोजगार्डन में ओपन एयर थिएटर की नींव रखी। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के अध्यापक बलवंत गार्गी को एक भारतीय रंगमंच का उद्भव और विकास रंगमंच की रचना करने के लिये 1962 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रीसीनियम थिएटर शेप में बने बलवंत गार्गी ओपन एयर थिएटर में दर्शक सामने बैठते हैं और मंच पर प्ले चलता है। यह

थिएटर बलवंत गार्गी के नाम पर उनके जीते-जी बना है। इसको महिंदर कुमार ने डिजाइन किया। शहर का रंगमंच बहुत प्रफुल्लित है जहां नाट्यम की ओर से हर साल 10 से 12 दिन का राष्ट्रीय स्तर का नाटक मेला लगाया जाता है, वहीं प्रशासन की ओर से प्रतिभा खोज मुकाबले एवं गीत-संगीत व शायराना महफिलें भी जमती हैं।

इंटर्नल ले आउट प्लान हो रहा फाइनल, जल्द काम होगा शुरू - साहित्य, रंगमंच, थिएटर को प्रोत्साहित करने की दिशा में बलवंत गार्गी ओपन एयर थिएटर को कल्चरल कांप्लेक्स के तौर पर विकसित किया जा रहा है जहां इनडोर ऑडिटोरियम व आउटडोर के अलावा स्टेट आफ द आर्ट गैलरी, म्युजियम बनाए जाएंगे। इसके लिए अभी इंटर्नल ले आउट प्लान तैयार हो रहा है, प्रोजेक्ट 20 करोड़ से ज्यादा का ही रहेगा। एक्सप्रेस ऑन इंट्रेस्ट में दो पार्टियों ने दिलचस्पी दिखाई, जिनमें से एक को फाइनल करके काम जल्द ही शुरू करके इसे साल में मुकम्मल किया जाएगा।
- बिक्रमजीत सिंह शेरगिल, कमिश्नर नगर निगम बठिंडा

हवालाती को तीन मोबाइल, पांच सिम कार्ड और चार्जर देने जा रहा था जेल वार्डन, ड्योढ़ी पर तलाशी में पकड़ा


फिरोजपुर। केंद्रीय जेल में बंद कैदियों और हवालातियों तक मोबाइल व नशा पहुंचाने में जेल कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आ रही है। हालांकि जेल प्रशासन की ओर से कर्मचारियों की इस तरह की हरकतें सामने आने के बाद उनकी तलाशी व जांच के बाद ही उन्हें ड्यूटी पर भेजा जा रहा है बावजूद इसके कर्मियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह पैसों के लालच में इस तरह की प्रतिबंधित चीजाें को जेल पहुंचाने से बाज नहीं आ रहे हैं।
ताजा मामले में केंद्रीय जेल में वार्डन के तौर पर तैनात पुलिस कर्मी एक व्यक्ति से 15 हजार रुपए लेकर जेल में हवालाती को तीन मोबाइल फोन टच स्क्रीन, 5 सिम कार्ड, दो चार्जर अडॉप्टर सहित तीन डाटा केबल और दो हैडफोन पहुंचाने के लिए लेकर जेल में ड्यूटी पर अंदर जाने लगा। जब ड्योढ़ी पर उसकी तलाशी ली तो उसके बैग से एक टेप में लिपटा पैकेट बरामद हुआ जिससे यह सामान बरामद हुआ। सामान की बरामदगी के बाद आरोपी पुलिसकर्मी को गिरफ्तार कर लिया गया तथा थाना सिटी पुलिस को कार्रवाई के लिए लिखा गया। पुलिस ने आरोपी जेल वार्डन के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

हवालाती अमरीक सिंह एनडीपीएस एक्ट के तहत एक मामले में हैं बंद- आरोपी वार्डन गुरमीत सिंह ने पूछताछ में बताया कि उसे मनु नामक एक व्यक्ति ने उक्त सामान दिया था अौर इसे जेल में पहुंचाने की एवज में उसे 15 हजार रुपए मिले थे। उसने यह सामान जेल में बंद हवालाती अमरीक सिंह को पहुंचाना था जोकि एनडीपीएस एक्ट में एक मामले में बंद है। वार्डन ने बताया कि वह उक्त सामान अपने किट बैग में डालकर जेल के अंदर लेकर जा रहा था कि तलाशी के दौरान वह पकड़ा गया।

टावर नंबर 1 पर थी वार्डन गुरमीत सिंह की ड्यूटी -ताजा मामले में जेल के सहायक सुपरिंटेंडेंट जरनैल सिंह ने पुलिस को दी लिखित शिकायत में बताया कि 19-20 फरवरी की रात 10 से 2 बजे तक जेल के टावर नंबर एक पर वार्डन गुरमीत सिंह नंबर 2656 की ड्यूटी थी। इस दौरान जब उसने ड्यूटी पर जाने के लिए अंदर प्रवेश किया तो ड्योढ़ी पर उसकी तलाशी ली गई तो उसके बैग में से एक पार्सल में तीन मोबाइल फोन टच स्क्रीन, 5 सिम कार्ड, दो चार्जर अडॉप्टर सहित तीन डाॅटा केबल और दो हैड फोन बरामद हुए। मामले की जांच कर रहे थाना सिटी के एएसआई रमन कुमार ने बताया कि पुलिस ने जेल वार्डन गुरमीत सिंह के खिलाफ 52-ए पर्सिनंज एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत के मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।

दो साल में पकड़े गए नशीले पदार्थ और मोबाइल-

27 जनवरी 2020 : पति से मुलाकात करने आई महिला उसे नशीले पदार्थ दे गई तो जब मुलाकात के बाद हवालाती पति सुरेश कुमार की तलाशी ली गई तो उससे 1 ग्राम नशीला पाउडर बरामद हुआ था।
17 अप्रैल 2020 : स्वास्थ्य विभाग की ओर से जेल में फार्मासिस्ट तैनात इंदरजीत सिंह ड्यूटी पर जाते समय जुराबों मे दो मोबाइल और 32 ग्राम नशीला पाउडर छुपा कर ले गया था। तलाशी में सामान बरामद हुआ जोकि उसने दो कैदियों को देना था।
25 मई 2020 : बाहर से फैंके गए एक पैकेट को जेल के पेस्को कर्मचारी रजिंदर सिंह व सरबजीत ने जेल में बंद हवालाती गोपाल चंद निवासी आवा बस्ती तक पहुंचाया था। तलाशी में हवालाती से तलाशी में 3 मोबाइल, एक सिम और 36 नशीली गोलियां बरामद हुई थीं।
10 अगस्त 2020 : जेल की छत पर ड्यूटी कर रहे सिपाही से एक मोबाइल, तीन पूड़ी जर्दा व 15 बीड़ी बरामद हुई थी।
18 अगस्त 2020 : सेहत विभाग के लैब टैक्नीशियन से 94 नशीली गोलियां बरामद हुई थीं जोकि उसने जेल में बंद शेख रियाजुद्दीन और कैदी गौरव को देनी थीं। वहीं बीते वर्ष में ही एक ओर मामले में दो पुलिस कर्मचारियों सहित चार व्यक्ति जेल में मुलाकात करने के लिए आए थे। जब जेल में उनके सामान की चैकिंग के दौरान तो तो कैरमबोर्ड से आपत्तिजनक सामान बरामद किया गया था।

ठगी का मामला:कंपनी बना लकी ड्राॅ का झांसा दे 634 लोगों से 38.4 लाख ठगे,आरोपी ने डेहलों में बना लिया डेढ़ करोड़ का ऑफिस, खरीदे दो प्लाॅट


लुधियाना।
प्राइवेट कंपनी बना लकी ड्राॅ निकालने का झांसा देकर मालिक ने 634 लोगों से 38.4 लाख की ठगी मार ली। जब लोगों को ठगी का पता चला तो उन्होंने पुलिस को शिकायत दी। थाना डेहलों पुलिस ने गांव पौहीड़ के अमरीक सिंह की शिकायत पर गांव गिल के सुखचैन सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एएसआई अश्वनी कुमार ने बताया कि शिकायतकर्ता प्राइवेट नौकरी करता है। उक्त आरोपी सुखचैन सिंह परिवार स्टार हम तुम नाम से कंपनी चलाता है। जिसमें 12 महीने की स्कीम में हर व्यक्ति से प्रति महीना एक हजार रुपए लिए जाते हैं।


उनका लकी ड्राॅ निकाला जाता है। शिकायतकर्ता की एक जानकार के जरिए 2018 में आरोपी की कंपनी के बारे में पता चला। इसके बाद उसने भी कंपनी में किश्त देनी शुरू कर दी। इस तरह उसने 18 लोगों को साथ जोड़ लिया। जबकि उसके 18 जानकारों ने भी आगे और लोग जोड़कर कुल 634 लोग जोड़ दिए। 6 महीने की किश्तें लेने के बाद ड्राॅ के लिए आरोपी ने टाल मटोल करनी शुरू कर दी। जिसके बाद शिकायतकर्ता को ठगी का पता चला।


आरोपी ने बनाए थे 13 ग्रुप, हर ग्रुप में थे 3000 लोग- शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपी ने ए से लेकर एम नाम तक 13 ग्रुप बना रखे थे। हर ग्रुप में तीन हजार लोग शामिल थे। लोगों से किश्त लेने के दौरान हर ग्रुप का महीने के आखिरी रविवार को लकी ड्राॅ निकाला जाता था। जिसका ड्रा निकलता था, तो उसे गिफ्ट मिलता था। अगर किसी का ड्राॅ न निकला तो 12 महीने पूरे होने पर उसे सामान देने की बात कही गई। लेकिन आरोपी ने ऐसे झांसा देकर न तो ड्राॅ निकाला और न ही कोई गिफ्ट दिया। शिकायतकर्ता के अनुसार आरोपी ने ये कंपनी चलाने के दौरान डेहलों में अपने डेढ़ करोड़ का ऑफिस व दो प्लॉट बना लिए।


10 दिनों में फर्जी जमानत देने के 3 केस:फर्जी जमानती ने नाबालिग लड़की को घर से भगाने व रेप के आरोपी की जमानत दे दी


लुधियाना। 
मरे हुए व्यक्ति की फर्द निकलवाकर जाली आधार कार्ड तैयार करके फर्जी जमानती ने नाबालिग लड़की को घर से भगाने व रेप के आरोपी की जमानत दे दी। लेकिन जब कोर्ट द्वारा चेक किया गया तो फर्द व आधार कार्ड फर्जी पाया गया। जिसके चलते जाली जमानत का खुलासा हुआ। थाना डिवीजन नंबर पांच की पुलिस ने जज रश्मि शर्मा के आदेशों पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एएसआई सुखपाल सिंह ने बताया कि गांव बुढेवाल में आरोपी मोहम्मद जनी इलाके में रहती एक 16 साल की नाबालिगा को परेशान करता था।

वह 20 अक्टूबर 2018 को सुबह पांच बजे लड़की को बहला फुसलाकर अगवा करके साथ ले गया। जिसके बाद लड़की के पिता ने थाना जमालपुर में आरोपी मोहम्मद जनी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। कुछ महीने बीतने पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लड़की को बरामद कर लिया। जिसके बाद उससे रेप की पुष्टि होने पर पुलिस ने साथ में रेप की धाराएं भी जोड़ दी थी। जिसके बाद से आरोपी जेल में बंद था। करीब 6 महीने पहले फर्जी जमानती ने मरे हुए व्यक्ति के दस्तावेजों के आधार पर आरोपी की फर्जी जमानत दे दी। जमानत मंजूर होने पर आरोपी को जेल से रिहा कर दिया गया।

फर्जीवाड़ा : ऑनलाइन निकाली थी फर्द- फर्जी जमानती द्वारा ऑनलाइन फर्द चेक की गई। उन्होंने जगजीत सिंह पुत्र तारा सिंह के नाम की फर्द चयनित की। जिसके बाद उसकी एक फोटो कॉपी निकलवा उसी के आधार पर आधार कार्ड तैयार कर लिया गया। जबकि आधार कार्ड पर फोटो फर्जी जमानती की लगी है। उसी के आधार पर कुछ महीने पहले रेप के आरोपी की जमानत दे दी गई।

पत्नी ने दिखाया मौत का सर्टिफिकेट तो हुआ खुलासा- दरअसल जिस फर्द पर जमानत दी जाती है, उस पर लाल अक्षरों में लिख दिया जाता है। जिसके चलते उसकी कॉपी नहीं ली जा सकती। फर्जी जमानती द्वारा जब जमानत दी गई, तो बाद में कोर्ट द्वारा उसे चेक कराया गया। लेकिन जब आधार कार्ड रिकाॅर्ड में नहीं बोला तो कोर्ट द्वारा पुलिस को मामले की जांच के लिए कहा गया। जांच की तो जगजीत की पत्नी ने उसकी मौत का सर्टीफिकेट दिखाया। जिससे पता चला कि रेप के आरोपी की फर्जी जमानत दी हुई थी।

केस-1 : 2019 में जमानत देने पर 6 पर पर्चा- थाना डिवीजन 8 द्वारा 2018 में ऑडी ए-6 की जाली एनओसी तैयार करके बेचने के नाम पर 10 लाख ठगनेे के आरोप में न्यू प्रेम नगर के रिचू शर्मा की शिकायत पर अजीत कुमार, सचिन गुप्ता, कमल किशोर और सचिन अरोड़ा के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था। 2019 में अजीत व कमल किशोर की दो फर्जी जमानती, मुचलका भरने समेत 6 लोगों द्वारा जाली जमानत देकर रिहा करवा दिया गया। बाद में कोर्ट ने चेक किया तो ठगी का पता चलने पर जमानत कैंसिल की गई। अब 20 फरवरी 2021 को थाना डिवीजन 5 द्वारा छह लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।

केस-2 : हत्यारोपी समेत तीन ऐसे ही मामले में काबू- 14 फरवरी 2021 को नशा तस्करी के आरोपी की जाली जमानत देने आए तीन आरोपियों को कोर्ट द्वारा चेक करने पर जाली पाया गया। पुलिस द्वारा चमकौर सिंह, हरदीप सिंह व दीपक कुमार को गिरफ्तार कर मामला दर्ज किया गया। जांच में पता चला कि आरोपी दीपक कुमार हत्या, हरदीप पर चोरी व चमकौर सिंह पर घर में घुसकर मारपीट का मामला दर्ज है। जमानत देने के लिए दीपक जाली आधार कार्ड बनाया, चमकौर ने जाली जमानत दी और हरदीप ने मुचलका भरा था।

ऐसे संगीन अपराध में उम्रकैद भी मुमकिन - अदालत में जाली जमानत देने वालों पर पर जालसाजी की धाराओं में पर्चा दर्ज होना चाहिए। साथ ही जिन्होंने जालसाजी की यानि जिनकी जमानत के लिए बेल बाॅन्ड बनाए गए, उनको भी साजिश में नामजद करना चाहिए। फर्जी जमानत देने पर धोखाधड़ी की धारा 467 आईपीसी के तहत उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। -सुरजीत सिंह, पूर्व एडीश्नल सेशन जज

महंगी पड़ी VIP दावत:शादी के 10 दिन बाद विधायक प्रगट सिंह का बेटा कोरोना पॉजिटिव; परिवार के सेंपल लिए, मेहमानों की लिस्ट मांगी


जालंधर
कैंट से विधायक प्रगट सिंह का नवविवाहित बेटा कोरोना संक्रमित हो गया है। विधायक के बेटे हरताज सिंह की 10 दिन पहले ही शादी हुई थी। सेहत विभाग ने दुल्हन समेत विधायक के सभी परिजनों के सैंपल RT-PCR की जांच के लिए ले लिए हैं, जिसकी रिपोर्ट आनी बाकी है। वहीं समारोह में शामिल मेहमानों की लिस्ट भी मांगी है। हरताज को कोरोना होने का पता चलते ही शादी समारोह में शामिल हुए लोगों में भी हड़कंप मचा है। ज्यादातर लोग अपना कोरोना टेस्ट करवा रहे हैं।

शादी समारोह में विधायक प्रगट सिंह के साथ सांसद चौधरी संतोख सिंह, विधायक लाडी शेरोवालिया व अन्य नेता।
शादी समारोह में विधायक प्रगट सिंह के साथ सांसद चौधरी संतोख सिंह, विधायक लाडी शेरोवालिया व अन्य नेता।

संक्रमण की पुष्टि तो सेहत विभाग में हड़कंप

विधायक प्रगट सिंह के बेटे की शादी में जालंधर के सांसद चौधरी संतोख सिंह, विधायक हरदेव सिंह लाडी शेरोवालिया, सुरिंदर चौधरी समेत राजनीति व खेल जगत के कई वीआईपी के साथ काफी बाराती शामिल हुए थे। इसका पता चलते ही अब सेहत विभाग के अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है। कोरोना के जिला नोडल अफसर डॉ. टीपी सिंह ने कहा कि उनसे मुख्य मेहमानों की लिस्ट मांगी गई है। उनके परिवार को भी एहतियात बरतने को कहा गया है। उनके परिवार के संपर्क में आए लोगों के सैंपल भी लिए जा रहे हैं।

चंडीगढ़ में हुई थी ग्रैंड पार्टी, अफसर व मंत्री भी हुए थे शामिल

विधायक प्रगट सिंह के बेटे हरताज सिंह की शादी जालंधर में हुई थी लेकिन यहां पर चुनिंदा व लोकल लोग ही बुलाए गए थे। इसके बाद चंडीगढ़ के एक होटल में ग्रैंड पार्टी रखी गई थी। जिसमें सरकार के बड़े अफसर, विधायक व मंत्री भी शामिल हुए थे। चूंकि प्रगट सिंह हॉकी के बड़े खिलाड़ी रहे हैं और ओलंपिक भी खेल चुके हैं, इसलिए खेल जगत से जुड़े कई बड़े चेहरे भी इस पार्टी में शामिल हुए थे।

दहेज लोभ ने ली जान:मायके वाले ससुरालियों की मांग पूरी नहीं कर पाए तो विवाहिता ने घर में लगाया फंदा

 


फतेहगढ़ साहिब में रविवार को एक विवाहित महिला ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। इसके पीछे वजह दहेज प्रताड़ना को बताया जा रहा है। पिता के बयान के आधार पर पुलिस ने ससुराल वालों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में केस दर्ज कर लिया है।

पोस्टमॉर्टम के दौरान मोर्चरी पहुंचे परिजन।
पोस्टमॉर्टम के दौरान मोर्चरी पहुंचे परिजन।

मामला फतेहगढ़ साहिब जिले के गांव राजिंदर नगर का है। इस बारे में पुलिस को दी शिकायत में मृतक महिला के पटियाला जिले के महमूदपुर निवासी पिता छोटा सिंह बताया है कि उसकी लड़की पिंकी कौर का विवाह 25 जनवरी 2020 को राजिन्दर नगर के गुरसेवक सिंह पुत्र करनैल सिंह के साथ किया गया था। विवाह से लगभग 2 महीने बाद ही ससुराल वाले पिंकी कौर को दहेज कम लाने पर तंग करने लग गए।

पति गुरसेवक सिंह, चरनजीत कौर सास, करनैल सिंह ससुर और गुरजीत सिंह सोनी देवर दहेज के लिए अक्सर ताने देते रहते थे। पिता ने पिंकी के ससुराल वालों को कई बार समझाने की कोशिश की, लेकिन वो अपने रवैये से बाज नहीं आए। इसी बात से दुखी होकर पिंकी ने घर में ही फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली।

रविवार, 21 फ़रवरी 2021

मौत की लिफ्ट:जालंधर में हार्डवेयर स्टोर के दो मंजिला गोदाम में लिफ्ट टूटी; एक कर्मचारी की मौत, दूसरा जख्मी

 

जालंधर. 
भगत सिंह चौक के पास रविवार सुबह करीब 10.30 बजे बड़ा हादसा हो गया। यहां एक हार्डवेयर स्टोर के गोदाम में लगी लिफ्ट टूट गई। इससे धमाके जैसी आवाज आई। इस हादसे में दो कर्मचारी बुरी तरह से जख्मी हो गए और बाद में एक ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।

सामान के साथ दोनों कर्मचारी भी लिफ्ट में चढ़े थे

शुरूआती जांच में सामने आया है कि भगत सिंह चौक के पास हार्डवेयर का काम करने वाले तिलकराज एंड संस कपूर ट्रेडर्स ने यहां गोदाम बना रखा था। सामने ही उनका स्टोर भी है। दो मंजिल के इस गाेदाम में पहली मंजिल से सामान लाने के लिए माल ढ़ोने वाली लिफ्ट बनाई गई थी। जब माल लेकर दोनों कर्मचारी दूसरी मंजिल से नीचे आ रहे थे तो उस वक्त लिफ्ट टूट गई और सामान व दोनों कर्मचारी धड़ाम से नीचे गिर गए। मरने वाला राजू राज नगर का रहने वाला है, जबकि जख्मी को अभी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

ओवरलोड थी लिफ्ट या कोई दूसरी वजह, जांच कर रहे : SHO

इस बारे में SHO मुकेश कुमार ने कहा कि मौके का जाएजा ले लिया है। लिफ्ट ओवरलोड थी या कोई दूसरी वजह, इसकी जांच की जा रही है। पुलिस जख्मी के बयान ले रही है ताकि हादसे की वजह के बारे में कुछ पता चल सके। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

कृषि कानूनों का विरोध: बरनाला में किसान-मजदूर एकता महारैली, महिलाओं से कहा- 8 मार्च को दिल्ली आंदोलन में जरूर शामिल हों


बरनाला.
 कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए दिल्ली बॉर्डर पर रविवार को 88वें दिन भी किसानों का धरना जारी रहा। इसी बीच पंजाब के बरनाला में किसान-मजदूर एकता महारैली का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान किसान नेताओं ने इलाके की महिलाओं से अपील की कि वो 27 फरवरी और 8 मार्च को महिला दिवस पर दिल्ली में आंदोलन का हिस्सा जरूर बनें।

जानकारी के अनुसार, भारतीय किसान यूनियन एकता (उग्राहा) और पंजाब खेत मजदूर यूनियन ने रविवार को बरनाला की दाना मंडी में किसान-मजदूर एकता महारैली का आयोजन किया। इसमें खेत मजदूरों और किसानों सहित बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया। महारैली में भारतीय किसान यूनियन उग्राहा के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्राहा ने कहा कि किसान संघर्ष को मजबूत करने के लिए खेत मजदूरों सहित अन्य वर्गों की भागीदारी जरूरत थी। इसके लिए देशभर के किसानों की एकता को मजबूत किया जाना चाहिए। उग्राहा ने 26 जनवरी की घटनाओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने आंदोलन को गलत रूप देने का प्रयास किया, लेकिन वह अपनी योजना में सफल नहीं हो पाई। इसके बाद आंदोलन और मजबूत होकर उभरा।

रैली में मंच पर उपस्थित किसान संगठनों के नेता।
रैली में मंच पर उपस्थित किसान संगठनों के नेता।

उन्होंने आंदोलन और फर्जी मामलों में फंसाए गए लोगों को तत्काल रिहा करने व उनके खिलाफ दर्ज केस रद्द करने की मांग की। रैली को संबोधित करते हुए संयुक्त किसान मोर्चे के नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक किसान आंदोलन है। इसे सफल बनाने के लिए किसानों को जाति, धर्म से ऊपर उठना होगा। पंजाब फार्म वर्कर्स यूनियन के राज्य सचिव लछमन सिंह सीवेवाला ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर हमला देश की खाद्य सुरक्षा पर किए गए एक बड़े साम्राज्यवादी हमले का हिस्सा है, जिसे विश्व साम्राज्यवादी संस्थानों द्वारा निर्देशित किए जा रहे तथाकथित आर्थिक सुधारों के तहत किया जा रहा है।

भारतीय किसान यूनियन एकता (उग्राहा) की महिला शाखा की नेता हरिंदर कौर बिंदू ने कहा कि महिलाओं ने अब तक इस संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आंदोलन में महिला खेत मजदूरों को भी आगे आना चाहिए। महिलाओं से अपील की कि वो 27 फरवरी और 8 मार्च को महिला दिवस पर दिल्ली में आंदोलन में शामिल जरूर हों।

उन्होंने मोदी सरकार द्वारा पर्यावरण कार्यकर्ता दिश रवि और श्रमिक नेता नौदीप कौर गंधार की गिरफ्तारी की निंदा की और उनकी बिना शर्त रिहाई की मांग की। इसके अलावा रैली को संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष झंडा सिंह जेठूके, कुलवंत सिंह संधू और रुल्लू सिंह मनसा, किरनजीत सिंह सेखों, बलदेव सिंह निहालगढ़, पवितर सिंह लाली, हरपाल सिंह बुलारी, सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने भी संबोधित किया।

फरीदकोट मर्डर केस में खुलासा:राजस्थान के जेल में रची गई थी कांग्रेस नेता की हत्या की साजिश, अजमेर में बंद लॉरेंस बिश्नोई के जीजा समेत 3 गिरफ्तार


फरीदकोट.
 पंजाब के फरीदकोट में युवा कांग्रेस नेता गुरलाल पहलवान की हत्या के मामले में रविवार को दिल्ली पुलिस ने तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया। ये कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि लॉरेंस बिश्नोई ने करीब तीन महीने पहले चंडीगढ़ में अपने एक साथी की हत्या का बदला लेने के लिए इस वारदात को अंजाम दिलवाया है। यह वारदात CCTV में भी कैद हो गई थी, वहीं इसकी जिम्मेदारी राजस्थान की अजमेर जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई गैेंग की तरफ से लीगई थी।

बता दें कि 18 फरवरी की शाम को फरीदकोट के जुबली सिनेमा चौक पर यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष गुरलाल सिंह पहलवान की अंधाधुंध फायरिंग करके हत्या कर दी गई थी। इसके कुछ देर बाद ही राजस्थान की अजमेर जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर गुरलाल सिंह पहलवान की हत्या की जिम्मेदारी ली गई थी। इसके बाद से ही पंजाब पुलिस इस वारदात के आरोपियों को तलाशने में जुटी थी। इसी बीच रविवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को बड़ी कामयाबी मिली है। टीम ने बिश्नोई गैंग से जुड़े तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है।

आरोपियों की पहचान कोटकपूरा निवासी गुरिंद्र पाल उर्फ गोरा भाऊ, फरीदकोट निवासी सुखविंदर सिंह सन्नी और सौरव वर्मा के रूप में हुई है। दिल्ली पुलिस की प्राथमिक पड़ताल में सामने आया है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने अपने एक साथी फरीदकोट जिले से संबंधित गुरलाल सिंह बराड़ की नवंबर 2020 में चंडीगढ़ में हुई हत्या का बदला लेने के लिए गुरलाल पहलवान की हत्या कराई है।

पता यह भी चला है कि गुरिंद्र पाल गोरा भाऊ चंडीगढ़ में मारे गए गुरलाल बराड़ का बहनोई है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि हत्या की साजिश कनाडा में बैठे गोल्डी बराड़ और राजस्थान जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने रची और इसे अंजाम तक पहुंचाने में गुरलाल बराड़ के बहनोई गुरिंद्र पाल गोरा ने अहम भूमिका निभाई। तीनों आरोपियों ने गुरलाल पहलवान की हत्या में शामिल होने की बात कबूल कर ली है, लेकिन अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि गुरलाल सिंह पहलवान पर गोलियां किसने चलाई थी। फरीदकोट पुलिस की तरफ से भी अभी तक इस केस के बारे में आधिकारिक रूप से कोई खुलासा नहीं किया गया है। आशंका है कि इस हत्याकांड की साजिश में कई लोग शामिल हैं।

पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह बोले- कृषि कानूनों पर मेरी टिप्पणी को तोड़ मरोड़ कर किया गया पेश


चंडीगढ़।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन को लेकर उनके बयान को गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया है। कैप्टन ने कहा कि कुछ किसान नेताओं की आशंकाओं को दूर करते हुए कि वे उनके आंदोलन में हस्तक्षेप की बात कर रहे थे। मीडिया में जारी बयान में कैप्टन ने कहा कि उन्होंने साक्षत्कार में स्पष्ट रूप से कहा था कि मैं कृषि कानूनों को लागू करने के लिए सहमत नही हूं।


एक इंटरव्यू में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया था कि कि किसानों को अब आंदोलन खत्म करने पर विचार करना चाहिए। उन्हेंं बीच का रास्ता अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी समस्याएं बातचीत से हल हो जाती हैं। यह मसला भी ऐसे ही हल हो जाएगा। इसके बाद किसान नेता हरिंदर लक्खोवाल व बूटा सिंह ने भी इसे निराशाजनक बताया था। वहीं, आप और शिअद ने कैप्टन पर सवाल उठाए थे। शिअद ने कहा कि कैप्टन केंद्र सरकार की भाषा बोल रहे हैं। आप ने कहा कि कैप्टन ने किसानों की पीठ में छुरा घोंपा है। केंद्र सरकार के हाथों में खेल रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है। वह हमेशा कृषि कानूनों के विरोध में रहे हैं।  

पटेल नगर में एक झपटमार सरेआम पैदल जा रही महिला के गले से चेन झपटकर फरार


बठिंडा।
शहर में झपटमारों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। आएं दिन शहर के किसी ना किसी एरिया में महिलाओं से झपटमारी की वारदातें हो रही है। इन वारदातों को अंजाम देने वाले झपटमार सीसीटीवी कैमरे में कैद भी हो रहे है, लेकिन पुलिस इन्हें फिर भी पकड़ नहीं पा रही है। चूकिं पहले पुलिस शिकायत दर्ज होने का इंतजार करती है, अगर कोई शिकायत नहीं देता है, तो पुलिस कोई कार्रवाई भी नहीं करता है। ऐसा ही एक ताजा मामला बीती शनिवार को शहर के पटेल नगर में सामने आया है। जहां पर एक झपटमार सरेआम पैदल जा रही महिला के गले से चेन झपटकर फरार हो जाता है और वारदात एक घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो जाती है। इतना ही उक्त वारदात की फुटेज सोशल मीडिया पर खुद वायरल हो गई है, लेकिन संबंधित थाना कैंट पुलिस को इस वारदात की कोई जानकारी तक नहीं है। थाना कैंट प्रभारी एसआइ गुरमीत सिंह का कहना है कि उनके पास ना तो कोई शिकायत आई है और नहीं कोई पुलिस कंट्रोल रूम से उन्हें कोई जानकारी मिली है, जबकि सीसीटीवी कैमरे की फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल है। पुलिस का यह बयान इस बात को साबित करता है कि वह शहर में आएं दिन हो रही झपटमारी की वारदातों को लेकर कितना गंभीर है। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि अगर कोई पीड़ित व्यक्ति पुलिस के पास शिकायत नहीं देता है, तो पुलिस कोई भी कार्रवाई नहीं करेगी। क्या पुलिस का कोई फर्ज नहीं बनता कि वह झपटमार को ढूंढे। ऐसे में हररोज हो रही वारदातों के कारण महिलाओं में डर का माहौल बना हुआ है। दरअसल, शनिवार देर शाम को सोशल मीडिया पर एक सीसीटीवी कैमरे की फुटेज वायरल हुई। इसमें शहर के पटेल नगर में पैदल जा रही महिला का एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा पीछा किया जा रहा है। इसके बाद उक्त व्यक्ति का महिला के गले से चेन झपटकर मौके से फरार हो जाता है। हालांकि, महिला द्वारा शोर मचाते हुए झपटमार का पीछा करने की कोशिश करती है, लेकिन रात का अंधेरा होने के कारण वह भगाने में सफल रहता है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस का कहना है कि उनके पास ऐसी घटना की कोई जानकारी या सूचना नहीं आई है।-

बठिंडा के गोपाल नगर में घर से नकदी व सामान चोरी


बठिंडा.
गोपाल नगर गली नंबर 8 में एक घर में कल रात को चोरी हो गई। चोर घर से नकदी व अन्य सामान चुरा ले गए। घटना का पता चलते ही मौके पर पहुंची कैनाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। घर की मालकिन जगदीश कौर पत्नी कश्मीर सिंह ने बताया कि वो अपने बेटे के साथ अपनी बेटी को उसके ससुराल जीरा में मिलने गई थी। रविवार को जब वह अपने घर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि घर में समान इधर उधर बिखरा पड़ा था और अलमारी से 800 नगदी के अलावा इनवर्टर व उसका बैटरी व बर्तन और घर में पड़ी ड्रम में गेहूं को चुरा कर ले गए। मौके पर पहुंचे एएसआई प्रकाश सिंह ने बताया कि घटना स्थल की जांच करने के बाद चोरों की तलाश शुरू कर दी है।


तरनतारन में शादी समारोह में फायरिंग, गोली लगने से बच्चे की मौत, बुजुर्ग गंभीर

 


तरनतारन। तरनतारन के पट्टी क्षेत्र के गांव दुब्बली में शादी समारोह के दौरान एक व्यक्ति ने फायरिंग कर दी। फायरिंग में एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि एक बुजुर्ग गंभीर रूप से घायल हो गया। जब फायरिंग हुई तब डीजे पर डांस पार्टी चल रही थी। गोली चलने से शादी समारोह में अफरा तफरी मच गई। आरोपित फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश में छापामारी कर रही है। 

पट्टी के गांव दुब्बली में सुखवंत सिंह के बेटे यादविंदर सिंह का विवाह था। इसी दौरान शनिवार रात को घर में डीजे लगाकर भंगडा डाल विवाह की खुशी मनाई जा रही थी। इसी बीच मेहमान गुरलाल सिंह निवासी गांव नारली ने कथित तौर पर शराबी हालत में डबल बैरल बंदूक से हवाई फायरिंग शुरू कर दी। शराब के नशे में होने के कारण गुरलाल का संतुलन बिगड़ गया और गोली सीधे एक 14 वर्षीय बच्चे जशनदीप सिंह व बुजुर्ग जोगिंदर सिंह को लग गई। फायरिंग की घटना के बाद शादी समारोह में अफरा तफरी मच गई। 

गोली लगने से घायल जशनदीप व जोगिंदर सिंह को तत्काल अमृतसर के केडी अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने जशनदीप को मृत घोषित कर दिया, जबकि बुजुर्ग जोगिंदर सिंह की हालत गंभीर बनी हुई है। एसडीपी एसपी सुरक्षा बलजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि मौक़े पर पुलिस ने जाकर शव कब्जे में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। उन्होंंने बताया कि गोलियां चलाने वाला आरोपित अभी फरार है। वहीं, फायरिंग की घटना के बाद शादी समारोह में मातम पसर गया।

बताया जा रहा है कि सुखवंत सिंह किसान परिवार से संंबंधित हैंं और रिटायर टीचर हैंं। उनके बेटा यादविंदर सिंह विदेश से आया था जिसका विवाह शनिवार को ही हुआ है। विवाह की खुशी में रात को घर में डीजे लगाकर भंगडा डाला जा रहा था कि दूल्हे के दोस्त गुरलाल सिंह निवासी नारली ने 12 बार बंदूक से फायर करते उछल कूद शूरू कर दी। गोलियां के छर्रे बुजुर्ग जोगिंदर सिंह और मासूम जशनदीप सिंह को लगे। बताया जाता है कि मरने वाला मासूम जशनदीप सिंह दूल्हे के रिश्ते का भतीजा था जबकि घायल हुआ बुजुर्ग जोगिंदर सिंह गांव का ही रहने वाला है।

पंजाब के बजट सेशन में रहेगी 2022 चुनाव के बड़े वोट बैंक पर नजर- किसानों, युवाओं पर मेहरबान होगी कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार, कर सकती है कुछ बड़े ऐलान


चंडीगढ़। 
कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन को देखते हुए इस बार सबकी नजर पंजाब सरकार के बजट पर रहेगी। कैप्टन सरकार अपने आखिरी बजट में किसानों और युवाओं के लिए कुछ बड़े एलान कर सकती है। इनमें सबसे बड़ी घोषणा किसानों की कर्ज माफी से जुड़ी हो सकती है। माना जा रहा है कि आठ मार्च को पेश होने वाले बजट में सरकार 32 हजार किसानों को कर्ज माफी का तोहफा दे सकती है। पंजाब में 8 मार्च को बजट पेश किया जाएगा।

बड़े वोट बैंक पर नजर

कैप्टन सरकार की नजर किसानी वोट बैंक पर है। तीन कृषि कानूनों को लेकर राज्य सरकार ने सबसे पहले इन बिलों के खिलाफ अपने बिल पारित करके राज्यपाल को भेज रखे हैं। पिछले चुनाव में भी सरकार किसानों के कर्ज माफ करने का वादा करके सत्ता में आई थी।

बजट में ये हो सकता है खास

  • 3200 किसानों व कृषि मजदूरों की कर्ज माफी की खुलेगी राह
  • 1500 से 2000 करोड़ रुपये कर्ज माफी के लिए रखने की योजना
  • 1500 करोड़ रुपये की दरकार है खेतिहर मजदूरों की कर्ज माफी के लिए
कितने चरणों में कर्ज माफी

पहला चरण: ढाई एकड़ तक जमीन वाले किसानों के दो लाख रुपये के कर्ज माफ किए थे। ये कर्ज सरकारी, सहकारी बैंकों से लिए थे या प्राइवेट बैंकों से।
दूसरा चरण: पांच एकड़ तक जमीन वाले किसानों के दो लाख तक के कर्ज माफ किए। इसमें दो लाख रुपये तक का कर्ज को माफ हो गया,लेकिन जिनका कर्ज दो लाख रुपये से एक रुपया भी ज्यादा है, उनका कर्ज माफ नहीं हुआ।
तीसरा चरण: दूसरे चरण में 32 हजार किसान वेरिफिकेशन से रह गए थे। नए बजट में इनको शामिल किया जा रहा है। इस वर्ग में 1.16 लाख किसानों ने अप्लाई किया था।
चौथा चरण: सरकार को खेतिहर मजदूरों का कर्ज भी माफ करना है। इस वर्ग के लिए लगभग 1500 करोड़ रुपये की अलग से दरकार है।

ज्यादा भर्ती पर जोर


किसानों के अलावा युवाओं पर भी कैप्टन सरकार की नजर है। उन्हें स्मार्ट फोन दिए जाने की योजना लागू कर दी गई है, लेकिन रोजगार उनका मुख्य मुद्दा पिछले साल सरकार ने रिटायरमेंट एज को 60 से कम करके 58 इसी इरादे से किया था, ताकि इनमें ज्यादा से ज्यादा भर्ती की जा सके।

2500 रुपये बेरोजगारी भत्ता विचाराधीन

सरकार नए सिरे से विभागों का पुनगर्ठन किया जा रहा है। पुराने व अप्रासंगिक हो चुके पदों को खत्म किया जा रहा है और उनमें नए पद सृजित करके नई भर्ती खोल दी गई है। बेरोजगारों के लिए 2500 रुपये बेरोजगारी भत्ता देना भी सरकार के विचाराधीन है।

  • 1000 करोड़ रुपये बजट में रखने की मांग की है रोजगार सृजन विभाग ने
  • 1875 नए पद सृजित करने व पांच नए विभागों के पुनर्गठन को मंजूरी दे चुकी है सरकार

3000 प्राइवेट मिनी बसों के परमिट

युवाओं को मिनी प्राइवेट बसों के परमिट दिए जा रहे हैं। मार्च के पहले हफ्ते में ही सरकार ऐसे युवाओं को तीन हजार परमिट देने की घोषणा कर सकती है। राज्यपाल के अभिभाषण में इसकी घोषणा की जा सकती है। इसके अलावा और भी कई बड़ी योजनाओं पर काम चल रहा है।

इस वर्ष अतिरिक्त कर्ज नहीं लेगी सरकार

सरकार कई अहम कार्यों अंजाम देने की तैयारी में है। बड़ी घोषणाओं के लिए वित्तीय इंतजाम कुल घरेलू सकल उत्पाद के दो फीसद अतिरिक्त कर्ज के जरिए किया जाएगा। वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने नए साल में प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि सरकार चालू वित्त वर्ष में अतिरिक्त कर्ज नहीं लेगी, हम अगले साल यह राशि लेंगे।

बठिंडा के सरकारी दफ्तरों में आर.टी.आई. के तहत मांगी जानकारी नहीं मिलने पर उच्चाधिकारियों से की शिकायत


बठिंडा.
सोशल व आरटीआई एक्टीविस्ट संजीव गोयल ने राज्य सूचना आयुक्त व प्रशासकीय अधिकारियों को लिखित शिकायत देकर आरोप लगाया है कि बठिंडा के आर.टी.ए. कार्यालय, उप मंडल मजिस्ट्रेट कार्यालय और ए.डी.सी. (डी) कार्यालय के लोक सूचना अफसर आर.टी.आई. एक्ट- 2005 के प्रति बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार एक्ट -2005 कानून बने 15 वर्षों से ज्यादा समय हो गया है मगर अधिकतर दफ्तरों के लोक सूचना अफसरों के द्वारा मांगी गई सूचनाएं कई महीने बीतने के बाद भी उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है जबकि नियमानुसार यह जानकारी 30 दिनों के अंदर देनी होती हैं।


उन्होंने बताया कि  पिछले साल 16 जून 2020 को आर.टी.आई. एक्ट के तहत कुछ सूचनाएं बठिंडा के आर.टी.ए. कार्यालय के लोक सूचना अफ़सर से मांगी गयी थी। तय समय में सूचना न देने पर इसकी शिकायत 22 जुलाई 2020 को राज्य सूचना कमीशन, पंजाब के पास की गई थी। कमिश्नर अजय कुमार शर्मा के पास केस सुनवाई के लिए रखा गया।केस की सुनवाई के पश्चात इस केस को पहली अपीलेट अथॉरिटी सचिव, रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के पास ट्रांसफर कर दिया गया। मगर सूचना अपील कर्ता को प्रदान करवाना जरुरी नहीं समझा गया। आखिरकार 15 दिसंबर 2020 को दूसरी अपील केस बना कर राज्य सूचना कमीशन पंजाब के पास फिर भेजा गया, जोकि अब 04 मार्च 2021 को कमिश्नर अनुमित सिंह सोढ़ी की कोर्ट में सुनवाई के लिए रखा गया है। इसमें अपील कर्ता और लोक सूचना अफ़सर, आर.टी.ए. कार्यालय व पहली अपीलेट अथॉरिटी को केस की सुनवाई के लिये नोटिस निकाले गए हैं।

इसी तरह 11 सितंबर 2020 को आर.टी.आई. एक्ट के तहत कुछ सूचनायें बठिंडा के ए.डी.सी. (डी) कार्यालय के लोक सूचना अफसर से मांगी गई थीं। तय समय में सूचना न देने पर पहली अपीलेट अथॉरिटी के पास 20 अक्टूबर 2020 को फाइल कर दी गई मगर पहली अपीलेट अथॉरिटी की तरफ से भी आर.टी.आई. एक्ट के तहत मांगी गई सूचनायें अपील कर्ता को प्रदान नहीं की गई। अब 15 दिसंबर 2020 को दूसरी अपील केस बना कर सूचना कमीशन पंजाब के पास भेदी गई है, जिसमें 04 मार्च 2021 को सुनवाई होनी है। इसी तरह का एक मामला 10 अक्टूबर 2020 को आर.टी.आई. एक्ट के तहत कुछ सूचनाए बठिंडा के उप मंडल मजिस्ट्रेट कार्यालय के लोक सूचना अफसर से मांगी गई थी। तय समय में सूचना न देने पर पहली अपीलेट अथॉरिटी के पास 16 नवंबर 2020 को फाइल कर दी गई मगर पहली अपीलेट अथॉरिटी की तरफ से भी आर.टी.आई. एक्ट के तहत मांगी गई सूचनायें नहीं मिलने पर 15 फरबरी 2021 को दूसरी अपील केस बना कर राज्य सूचना कमीशन के पास भेजी गई है। फिलहाल आरटीआई एक्ट के नियमों की पालना नहीं करने पर अब  इन सभी कार्यालयों के लोक सूचना अफसरों की शिकायत मुख्यमंत्री पंजाब, मुख्यसचिव पंजाब और डिप्टी कमिश्नर बठिंडा को भेज कर सम्बंधित लोक सूचना अफसरों पर बनती कारर्वाई करने की मांग की है। 


सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बठिंडा जिले के गांव में रैली करेगा दिल्ली हिंसा का आरोपित लक्खा सिधाना, पुलिस की बढ़ी चिंता


बठिंडा।
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में वांछित पूर्व गैंगस्टर लक्खा सिधाना की चुनौती ने दिल्ली पुलिस के साथ-साथ पंजाब पुलिस की चिंता भी बढ़ा दी है। एक लाख रुपये के इनामी लक्खा सिधाना ने दिल्ली पुलिस को इंटरनेट मीडिया से चुनौती देते हुए कहा है कि वह 23 फरवरी को बठिंडा के मेहराज में रैली करने वाला है। पुलिस उसे गिरफ्तार करके दिखाए।

लाल किला किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में फरार मुख्य आरोपी और गैंगस्टर से सामाजिक कार्यकर्ता बने लखबीर सिंह उर्फ लक्खा सिधाना ने शनिवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में सिधाना ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार किसानों के खिलाफ झूठे केस दर्ज कर उन्हें डराने की कोशिश कर रही है। इस वीडियो में उसने अप्रत्यक्ष रूप से भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पर भी हमला बोला है। सिधाना ने कहा कि किसान आंदोलन पर अब लोगों का कब्जा हो गया हो जो कि पंजाबी भी नहीं हैं। उसने कहा है कि किसानों का आंदोलन सात महीने पुराना है और अपने चरम पर पहुंच गया है।

लक्खा सिंह बीते 25 दिनों से लगातार दिल्ली पुलिस की पहुंच से बाहर है। उसके ऊपर पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया है। अपने फेसबुक पर उसने एक वीडियो अपलोड किया है। इस वीडियो में वह पंजाब के लोगों और युवाओं को भड़का रहा है।

टेंट के अंदर बनाया गया है वीडियो
वीडियो किसी टेंट के अंदर रात में बनाया गया है। टेंट में दिख रहा है कि कई लोग जमीन पर कंबल में सो रहे हैं। लक्खा उनके बीच बैठकर वीडियो बना रहा है।वह वीडियो में कह रहा है, '23 फरवरी को बड़ी संख्या में लाखों की संख्या में लोग पहुंचने चाहिए। बठिंडा जिले मेहराज पिंड में आओ, उधर ही प्रदर्शन रखा गया है। आओ मेरे भाइयों बड़ी संख्या में कोशिश करें ताकि पता लगे कि हम किसान आंदोलन के साथ हैं।'


कौन है लक्खा सिंह सिधाना?
बता दें कि पंजाब में बठिंडा के रहने वाले लाखा सिधाना 26 नवंबर, 2020 से ही सिंघु बॉर्डर पर टिके हुए हैं। सिधाना पर पंजाब में दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह कई बार जेल भी जा चुके हैं।

गौरतलब है कि मेहराज पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का पैतृक गांव है। लक्खा सिधाना भी इसी इलाके का रहने वाला है। इस लिहाज से पंजाब पुलिस भी सतर्क हो गई है। बठिंडा के एसएसपी भूपिंदर जीत सिंह विर्क ने कहा कि सिधाना बठिंडा में किसी मामले में वांछित नहीं है, लेकिन यदि दिल्ली पुलिस कार्रवाई करती है तो हम पूरा सहयोग करेंगे। किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

पंजाब पुलिस की चिंता इस बात को लेकर भी है कि सिधाना से युवाओं से बड़ी संख्या में रैली में पहुंचने की अपील की है। उसके खिलाफ पंजाब में 20 आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें वो बरी भी हो चुका है। पुलिस ने पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू, जुगराज सिंह, गुरजोत सिंह व गुरजंत सिंह पर एक-एक लाख रुपये और जगबीर सिंह, बूटा सिंह, सुखदेव सिंह व इकबाल सिंह पर 50-50 हजार रुपये इनाम की घोषणा की थी। दीप सिद्धू, इकबाल सिंह व सुखदेव सिंह को दिल्ली पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। पांच अन्य उपद्रवियों की तलाश जारी है। इनमें लक्खा सिधाना भी शामिल है। पुलिस को शक है कि वह सिंघू बार्डर पर ही आंदोलनकारियों के बीच छिपा हुआ है।

वहीं, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि पुलिस कानून के हिसाब से अपना काम कर रही है। सही समय पर उचित निर्णय लेने से पुलिस नहीं चूकेगी। दिल्ली पुलिस गुरनाम सिंह चढ़ूनी के वीडियो को भी गंभीरता से ले रही है, जिसमें उसने गिरफ्तारी के विरोध की बात कही है।

सिधाना ने दावा किया था कि उन्‍होंने अपराध की दुनिया छोड़ दी है। उसके बाद से ही वे सामाजिक कार्यों में संलिप्त हो गए। उन्‍होंने वर्ष 2012 में पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब के चुनाव निशान पर विधानसभा चुनाव भी लड़ा था। अब यह पार्टी अस्तित्व में नहीं है।

इसका गठन राज्य के मौजूदा वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने शिरोमणी अकाली दल छोड़ने के बाद किया था। बादल बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे और वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव पार्टी के टिकट पर लड़ा था।

एक लाख रुपये का घोषित है इनाम

दिल्ली पुलिस ने पंजाब के गैंगस्टर लखबीर सिंह लक्खा उर्फ लक्खा सिधाना पर 1 लाख रुपये इनाम की घोषणा की है। पुलिस को उसकी सूचना देने वाले को यह रकम दी जाएगी।

लक्खा 26 जनवरी को लाल किले में हुई हिंसा में शामिल था। उस दिन दिल्ली पुलिस के जवानों पर बर्बरता करने वाले और चार आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।

वीडियो के जरिए पुलिस को गुमराह करने की कोशिश

दिल्ली पुलिस ने बताया कि क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल की छह टीमें लक्खा को खोज रही है। उसके सिर पर इनाम की घोषणा पिछले हफ्ते की गई थी।

कहा जा रहा है कि सिधाना सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों के बीच छिपा है। पिछले हफ्ते उसे टिकरी बॉर्डर के एक वीडियो में देखा गया था, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वह जानबूझ कर वीडियो में दिखा ताकि पुलिस को गुमराह किया जा सके।

लक्खा पर दर्जनों मुकदमे
एक अधिकारी ने कहा, 'वो पंजाब के भटिंडा जिले के सिधाना गांव का रहने वाला है। एक वक्त वह पंजाब का सबसे कुख्यात गैंगस्टर हुआ करता था। उस पर दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। इनमें हत्या, हत्या की कोशिश, बूथ कैप्चरिंग, लूट और अवैध हथियार रखने जैसे मामले शामिल हैं।'

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