-मनप्रीत बादल के पक्ष में रखी रैली में पहुंचा भारी जनसमूह, अपने वार्ड में ही हाशिए पर लुढ़क रहें हैं जगरूप सिंह गिल
-गिल के कई पुराने साथीयों को है मलाल गिल साहब ने पार्टी छोड़ने से पहले सलाह तक नहीं की
बठिंडा, 3 फरवरी. विधानसभा चुनावों की सियासी गर्मी लगातार बढ़ रही है। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार जगरूप सिंह गिल की सियासी पकड़ को कमजोर करने के लिए कांग्रेस ने प्लान बना उसे जमीनी स्तर पर लागू करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में जगरूप गिल के वार्ड नंबर 48 में कांग्रेस ने जनसभाएं आयोजित कर गिल को मात देना शुरू कर दिया है। गत दिवस कांग्रेस के उम्मीदवार और वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने गिल के वार्ड नंबर 48 में भारी जनसभा को संबोधित किया जहां उन्हें लोगों का जबरदस्त समर्थन मिला। मनप्रीत बादल की तरफ से गिल के वार्ड में आयोजित जनसभा में भारी तादाद में लोग पहुंच रहे हैं वही कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं। इससे स्पष्ट हो रहा है कि गिल को उनके ही वार्ड के लोगों ने नकार दिया है। इलाके के लोगों ने कहा कि जगरुप सिंह गिल को पार्टी ने बनता सम्मान दिया। वरिष्ठ नेता होने के नाते वह नगर निगम सदन की रहनुमाई करते रहे। कांग्रेस ने उन्हें पहले इंप्रूवमेंट ट्रस्ट व बाद में जिला प्लानिंग बोर्ड का चेयरमैन बनाया। इसके बावजूद वह पद की लालसा में कांग्रेस से ही दगा कर आप में चले गए। जनसभा में खुद लोगों वे मनप्रीत सिंह बादल के पास आकर बताया कि वह पूरी उम्र उनके साथ खड़े रहे लेकिन जब वह कांग्रेस छोड़डने लगे तो उन्होंने अपने साथियों से भी मश्वरा नहीं किया। वही आप में जाने के बारे में भी किसी से बात नहीं की। इसके चले लोग उनसे नाराज है व गिल से किनारा कर कांग्रेस की हिमायत करेंगे। मनप्रीत सिंह बादल ने जनसभा में कहा कि वो गिल साहब की वो बहुत इज्ज़त करते थे लेकिन जिस कांग्रेस ने उनको इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट का चेयरमैन, ज़िला प्लानिंग बोर्ड का चेयरमैन, आधा दर्जन बार मियुनसपल कौंसलर बनाया। सिर्फ मेयर नहीं बनाने कारण गिल अपनी मां पार्टी से गद्दारी कर गए। मनप्रीत बादल के चुनावी दौरे दौरान जगरूप सिंह गिल के वार्ड के लोग भी मनप्रीत सिंह बादल से मिले, ये लोग गिल से नाराज़ हैं। यहां गिल के कई पुराने साथी भी मिले जिन्हें मलाल है कि गिल साहब ने उनसे सलाह तक नहीं की। बहरहाल जगरूप सिंह गिल अपने वार्ड में कमजोर दिख रहें हैं।