बटाला (गुरदासपुर)। ब्यास दरिया के पास बसे गांव बुड्ढ़ा नाला, फतेह कुला, कीरती में जमीन के अंदर छिपा रखी 65 हजार लीटर लाहन तथा 70 लीटर अवैध शराब बरामद की गई। आबकारी विभाग ने दावा किया है कि यह अब तक सबसे अधिक मात्रा में अवैध लाहन है। यह कार्रवाई मंगलवार सुबह दस बजे से लेकर शाम साढ़े छह बजे तक चला। विभागीय टीम के इंस्पेक्टर गुरजार मसीह, जसपिंदर सिंह बाजवा ने पकड़ी गई लाहण तथा अवैध शराब को मौके पर ही नष्ट कर दिया। इस बात की पुष्टि विभाग की गुरदासपुर रेंज सहायक आबकारी कमिश्नर रजिंदर कौर बाजवा तथा गुरदासपुर कमिश्नर तनवर रजिंदर ने किया।
उन्होंने कहा कि एक माह के भीतर अवैध लाहन पकड़कर नष्ट करने का आंकड़ा डेढ़ लाख तक पहुंच गया। मंगलवार की रेड विभाग की बहुत बड़ी सफलता रही। उन्होंने रेड करने वाली टीम को बधाई दी। दरअसल, आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर गुलजार मसीह को सूचना मिली थी कि ब्यास दरिया के पास स्थित गांव के किनारे पर किसी अज्ञात तस्करों ने भारी मात्रा में जमीन में लाहन तथा शराब छिपा रखी है। टीम ने सुबह दस बजे वहां पर रेड की। जमीन खोदने पर तिरपाल में छिपाई लाहन तथा अवैध शराब बरामद हुई। टीम ने मौके पर ही अवैध लाहन तथा शराब को नष्ट कर दिया। टीम ने सारी रिपोर्ट बनाकर अपने आलाधिकारियों को दे दी। इतनी भारी मात्रा में लाहन तथा शराब किस नेटवर्क की थी। इस बारे जानकारी जुटाने में विभाग जुट गया। विभाग ने दावा किया कि जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएंगा।
पूरे पंजाब में होनी थी सप्लाई
विभाग के मुताबिक इतनी भारी मात्रा में तैयार की गई लाहन तथा शराब को पूरे पंजाब में सप्लाई किया जाना था। रात को इसे तैयार किया गया था। किसी को शक न हो, इसलिए जमीन में छिपा दी गई। मगर विभाग को सूचना मिलने के बाद इसे मौके पर ही नष्ट कर दिया गया।
गुड़ व पानी बरामद
टीम को रेड दौरान गुड़ तथा पानी भी हासिल हुआ है। जिसके द्वारा यह लाहन तथा शराब तैयार की जा रही थी। टीम ने पानी तथा गुड़ को अपने कब्जे में लेकर , उसके कुछ हिस्सा जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज दिया है, ताकि पता लगाया जा सके कि इन पदार्थों के इस्तेमाल से लाहन तथा शराब कितनी मनुष्य के शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकती है।
गिरफ्तारी के मामले में विभाग नाकाम
चाहे विभाग हर बार भारी मात्रा में लाहन तथा शराब बरामद कर लेता है। मगर गिरफ्तारी के मामले में हर बार जीरो साबित होता है। इस बाबत विभाग का तर्क है कि इसे तस्कर लोग रात को तैयार करते है, जबकि विभाग की टीम रात को इतनी सक्रिय नहीं होती है। काम करने के बाद , वहां से इधर-उधर हो जाते है, जिस कारँण उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाती है।