बठिंडा। पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय (सी यू पी) ने बुधवार को पाठ्यक्रम डिजाइन और विकास पर 12 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला शुरू की। विश्वविद्यालय का शिक्षा विद्यापीठ कुलपति प्रो राघवेंद्र प्रसाद तिवारी के संरक्षण में 3 फरवरी से 16 फरवरी तक आयोजित होने वाली इस कार्यशाला का आयोजन कर रहा हैं। उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता प्रोफेसर सी. बी. शर्मा, इग्नू, नई दिल्ली थे। देश भर के विभिन्न संस्थानों के संकाय ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से इस कार्यशाला में भाग ले रहे हैं।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता प्रो. सी.बी शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति -2020 ने हमारे पारंपरिक भारतीय ज्ञान प्रणाली पर आधारित भारत-केंद्रित पाठ्यक्रम विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जो विश्व बंधुत्व और वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट 2021 शिक्षकों और शिक्षण विधियों की गुणवत्ता बढ़ाने, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा तैयार करने और एनईपी-2020 के विभिन्न सुधारों की कार्यान्वयन प्रक्रिया को और मजबूत करेगा।
कुलपति प्रो.राघवेंद्र प्रसाद तिवारी ने प्रो. सी.बी.शर्मा को विद्वतापूर्ण संबोधन देने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमारी पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों ने हमें जीवन भर सीखने और समग्र व्याक्तिव विकास की अवधारणाएँ दी हैं जिसमें परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि पाठ्यचर्या की रूपरेखा सशक्त, संवेदनशील और सामंजस्यपूर्ण समाज के निर्माण और जिम्मेदार नागरिकों को विकसित करने पर केंद्रित होनी चाहिए जो राष्ट्र के विकास में योगदान करेंगे।
कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत भाषण के साथ प्रो एस.के. बावा जहां उन्होंने कार्यक्रम की थीम पर प्रकाश डाला। उसने कहा कि इस कार्यशाला के दौरान, प्रतिभागी पाठ्यक्रम के विकास के महत्वपूर्ण घटकों को डिजाइन करना सीखेंगे। उन्होंने बताया, इस कार्यशाला में 23 सत्र शामिल होंगे, जिसके दौरान 15 विशेषज्ञ वक्ता पाठ्यक्रम डिजाइन एवं विकास के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा करेंगे। डीन इंचार्ज एकेडमिक्स प्रो. आर.के. वुसरिका ने प्रतिभागियों को इस कार्यशाला के सभी सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया और उन्होंने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन दिया।
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