बठिंडा: तीन दशक से भी ज्यादा समय के लिए बठिंडा डवेलपमेंट अथॉरिटी (बीडीए) और अन्य महत्वपूर्ण विभागों में सेवाएँ देने उपरांत इंज. बलविन्दर सिंह (58) शुक्रवार को बतौर उप मंडल इंजीनियर सेवा मुक्त हुए। इस मौके ऐक्सियन बीडीए सन्दीप कुमार की अध्यक्षता में रखे प्रोगराम दौरान मौजूद आधिकारियों डीटीपी बलजिन्दर सिंह, ऐसयो सुक्खपाल सिंह, ऐसयो अजीत पाल, ऐसडीयो रमेश कुमार और साथियों की तरफ से फूलों के हार डालते हुए और सम्मान चिह्न भेंट कर स्नेह भरे अंदाज़ के साथ अपने हरमन -प्यारे अधिकारी को अच्छी सेहत व खुशनुमा ज़िंदगी की शुभ कामना देते हुए विभाग से सेवा -मुक्ति दी। इस मौके सुनीत कुमार जेई, मनोज कुमार जेई, नीरज कुमार जेई र सन्दीप कुमार जेई भी उपस्थित थे।
इंज. बलविन्दर सिंह ने 13 फरवरी 1984 को ट्यूबवैल विभाग में बतौर जेई रैंक से शुरुआत की और बाद में 25 फरवरी, 1988 को उन की तैनाती शहरी विकास विभाग पंजाब में हो गई, जहाँ से वह 33 साल लगातार बठिंडा, मानसा, फरीदकोट और जालंधर आदि जिलों में सेवाएँ देने के बाद सेवा निवृत हुए। गौरतलब हैकि 1 जुलाई, 2010 को बतौर ऐसडीयो रैक ओहदा संभाला जबकि उपरांत उनके पास 2013 से ऐक्सियन (रेगुलेटरी) का प्रभार भी रहा। अपनी इमानदार और मेहनती सखशियत की वजह से उन्होंने एक दिन के लिए एस्टेट अफसर के तौर पर भी सेवा दी। इसके इलावा जब भी संवेदनशील और दूसरे हालातों में प्रशासन और विभाग को उन की सेवा की ज़रूरत पड़ी तो उन्होंने मुस्कराते हुए उसे स्वीकार किया जिस में कोरोना काल में दिन रात निभाई ड्यूटी मुख्य तौर पर शामिल है।
ख़ुद रहे टॉपर विद्यार्थी, अपने पुत्र को पहुँचाया आईएएस की पदवी तक
फाजिलका जिले के ग्रामीण एवं पिछड़े इलाके में डब्बवाला कलाँ गाँव से अपनी प्राइमरी पढ़ाई दौरान टॉपर विद्यार्थी रहते हुए जहाँ उन्होंने बेदाग़, इमानदार और मेहनती अफ़सर होने का रुतबा हासिल किया, वहीं इस रीत को आगे चलाते हुए अपने एक पुत्र डा, बलप्रीत सिंह को आईएएस के ओहदे तक पहुँचाया, जो इस समय वायनाड, केरला में असिस्टेंट क्लैकटर के तौर पर समाज को अपनी सेवा दे रहा हैं।
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