बठिडा. कोरोना के बढ़ रहे केसों के बाद पंजाब सरकार ने एक बार फिर सख्ती कर दी है। इसके चलते अब इनडोर फंक्शन करने पर 100 तथा आउटडोर में 200 लोगों को शामिल होने की मंजूरी है। जबकि इससे पहले 500 लोग एकत्रित हो सकते थे। सरकार के इस फैसले के बाद होटल व रिजोर्ट इंडस्ट्री पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। जबकि अब बठिडा के पैलेसों में रखे गए कार्यक्रम रद होने लगे हैं। अगर बठिडा की बात की जाए तो यहां पर 25 के करीब मैरिज पैलेस हैं। इनमें एक मार्च के बाद 200 से ज्यादा कार्यक्रमों की बुकिग है, जबकि एक पैलेस में एवरेज 10 कार्यक्रम की दिन व रात की बुकिग है। लेकिन अब सरकार के फैसले के बाद पैलेस संचालक दुविधा में पड़ गए हैं। उनको यह समझ नहीं आ रहा कि फंक्शनों की बुकिग कैंसिल करें या फिर कम लोगों को बुलाकर फंक्शन को पूरा करें। यहीं नहीं अब लोग भी अपनी शादियों के लिए रिश्तेदारों की गिनती को कम करने में लगे हुए हैं। दूसरी तरफ पैलेस संचालकों में इस बात का रोष है कि अभी तो उनका काम निकलने लगा था, मगर सरकार बार बार ऐसा कर उनको आर्थिक तौर पर कमजोर करना चाहती है। जबकि वह तो पहले ही घाटे में चल रहे हैं।
बठिडा के अविनीश कुमार का कहना है कि उनके किसी रिश्तेदार में चार मार्च को जागरण था। मगर जब नाइट कर्फ्यू लगने के हिट मिले व लोगों को कम बुलाने के आदेश जारी हुए तो यह फंक्शन अब 27 फरवरी को किया गया है। इसके अलावा बठिडा के ग्रीन पैलेस में 1 मार्च के बाद 12 कार्यक्रम बुक थे, जिनको अब कैंसिल करने पर विचार किया जा रहा है। वहीं छाबड़ा पैलेस में आठ फंक्शनों की बुकिग है, जिनको अब किसी प्रकार से एडजस्ट करने की कोशिश की जा रही है। इसी प्रकार पार्क व्यू रिजोर्ट में भी आने वाले समय में होने वाले कार्यक्रमों पर असर पड़ रहा है। पैलेस मालिक तो चाहते हैं कि अगर सरकार व्यापारियों को फायदा पहुंचाना चाहती है तो उनके बारे में कुछ सोचे। जबकि कुछ व्यापारियों ने यह भी आरोप लगाए गए कि सरकार सिर्फ चुनाव करवाना चाहती थी, जब यह पूर्ण हो गए बंद करने के आदेश दे दिए।
बठिडा के ग्रीन पैलेस के जीत सिंह ने बताया कि अब फंक्शन करें या नहीं, कुछ समझ में नहीं आ रही है। जबकि सरकार को चाहिए कि जो बुकिग की जा चुकी है, उनको किसी ने किसी प्रकार से पूरा करवाया जाए। वहीं छाबड़ा पैलेस के रमेश छाबड़ा ने बताया कि उनके द्वारा सारा कुछ देखकर फंक्शनों की बुकिग की गई थी, लेकिन अब उनके काम पर पूरा असर पड़ेगा। इसके अलावा होटल एंड रिजोर्ट एसोसिएशन के पंजाब प्रधान सतीश अरोड़ा ने बताया कि पैलेस वालों ने सभी प्रकार की बुकिग को कर लिया था। इसके लिए डेकोरेशन के अलावा लाइटिग, कैटरिग का प्रबंध कर दिया था। मगर अब लोगों की गिनती कम कर देने के बाद सारा कुछ बिगड़ गया है। अब अगर लोग पैलेस में कम रिश्तेदारों को लेकर आएंगे तो उनके लिए खर्च निकालना भी मुश्किल हो जाएगा। जबकि पैलेस वाले तो पहले ही घाटे में चल रहे हैं।
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