बठिंडा। नगर निगम का दावा है कि बठिडा शहर पूरी तरह से गार्बेज फ्री सिटी हो चुका है। शहर अब फाइव स्टार की रेटिग हासिल करने के योग्य है। निगम ने यह दावा स्वच्छ सर्वेक्षण अभियान के तहत केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के पास किया है।
यह दावा गार्बेज फ्री सिटी की फाइव स्टार रेटिग हासिल करने के लिए किए गए आवेदन में किया गया है। पिछले सप्ताह ही निगम ने यह आवेदन किया है। निगम के इस आवेदन के बाद उसके दावे की हकीकत जानने के लिए अब केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की टीम बठिडा पहुंचेगी। बताया जा रहा है कि मार्च के पहले सप्ताह के बीच सर्वेक्षण के लिए केंद्रीय टीम बठिडा पहुंचने वाली है। टीम कई दिन यहां पर रहकर शहर भर में निगम की दावों का सर्वेक्षण करेगी। सर्वेक्षण के करीब 15 दिनों के बाद इसका परिणाम घोषित किया जाएगा। अगर निगम के दावे सही साबित हुए तो उसे केंद्रीय शहर विकास मंत्रालय की ओर से गार्बेज फ्री सिटी की फाइव स्टार रेटिग का सर्टिफिकेट मिला जाएगा। जिसके एक हजार अंक हैं।
1000 अंकों का राष्ट्रीय रैंकिग में मिलेगा लाभ
स्वच्छ सर्वेक्षण प्रतियोगिता 2021 इन अंकों का बठिडा को बड़ा लाभ मिलेगा। निगम जहां पर इस बार फिर से राज्य में अपना पहले स्थान का रुतबा बरकरार रखने के लिए जोर लगाए हुए है, वहीं प्राप्त 1000 अंकों से उसकी राष्ट्रीय स्तर की रैंकिग में भी बड़ा सुधार होगा। हालांकि निगम गार्बेज फ्री सिटी की सर्वेक्षण के लिए सभी तैयारियां मुकम्मल कर चुका है। फिर भी एक्सईएन दविदर जौड़ा और एक्सईएन गुरप्रीत सिंह बुट्टर के नेतृत्व में बनाई गई दो टीमें गार्बेज फ्री सिटी के दर्जे के लिए दस्तावेजों के अनुसार री चेकिग करने में लगे। निगम कमिश्नर बिक्रमजीत सिंह शेरगिल भी लगातार अधिकारियों के साथ बैठकें करके उनसे फीडबैक ले रहे हैं। बीते बुधवार को भी उन्होंने संबंधित अधिकारियों के साथ लंबी बैठक कर विस्तृत जानकारी हासिल की।
पिछले साल रुतबा हासिल करने में रहा विफल
बता दें कि वर्ष 2020 में गार्बेज फ्री सिटी का रुतबा हासिल करने में नगर निगम बुरी तरह से असफल हो गया था। जिसका खामियाजा स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 की प्रतियोगिता में राष्ट्रीय रैंकिग में बुरी तरह से पिछड़ गया था। बेशक पंजाब में अव्वल नंबर का खिताब हासिल करने में कामयाब रहा। लेकिन राष्ट्रीय रैंकिग में 104वें स्थान पर पहुंच गया था। जबकि 2019 में 31वें नंबर पर था। निगम की ओर से 2020 की प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर पहले दस की रैंकिग में आने के लिए जोर लगाया जा रहा था।
पिछले दो माह से तैयारियों में जुटे हैं अधिकारी
इस बार निगम पिछले करीब दो माह से इसकी तैयारियों में जुटा हुआ है। निगम अधिकारियों की छह सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। बकायदा एक्शन प्लान तैयार किया गया है। सेनिटेशन शाखा के कर्मचारियों की अलग-अलग वार्डों में ड्यूटियां लगाई, ताकि घर-घर और प्रत्येक व्यापारिक संस्थान से डोर टू डोर कचरा उठना यकीनी बन सके। इसके साथ ही तब से ही गीला व सूखा कचरा अलग अलग रखने के लिए भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। नाइट स्वीपिग भी शुरू की गई है। 50 किलो से अधिक कचरा पैदा करने वाले संस्थानों की पहचान कर उन्हें गीले कचरे का स्वयं अपने स्तर पर निपटारा करने के लिए प्रेरित किया गया। गलियों-बाजारों में कचरा फेंकने वालों, कचरे को आग लगाने वालों पर भी कड़ी नजर रखते हुए उन्हें जुर्माना भी किया गया।
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