-गिल, अशोक, जैन, ठेकेदार, पक्का, औलख, मास्टर के नाम उछले
बठिडा। बठिडा नगर निगम के तीसरे मेयर को लेकर शहर भर में चर्चाओं का दौर जारी है। जरनल या फिर लेडीज, बठिंडा में मेयर पद को लेकर सरकार के नोटिफिकेशन का इंतजार है। पहले यह पद रजिर्व कैटागिरी के लिए आरिक्षत था, अब इसको लेडीज या जरनल के लिए आरिक्षत रखने के लिए विचार मंथन चल रहा है। यहीं नहीं मार्च में पेश होने वाले पंजाब सरकार के संभवतय: अंतिम बजट में विधानसभा में वित्तमंत्नी मनप्रीत बादल के शहर बठिंडा को मोटे गफ्फे देने के लिए फरवरी अंत तक मेयर का बनना और बजट तो लेकर हाउस की बैठक करना एक तरह से अनिवार्य बन गया है। अखिरकार नगर निगम में हाउस की बैठक में विकास एजेंडो पर मुहर जो लगनी है। इसके लिए हाउस में फाइनांस व कान्ट्रेक्ट कमेटी(एफएंडसीसी) बनानी भी लाजमी है। बहरहाल अब मेयर के पद को लेकर चंडीगढ़ दरबार से लेकर मोती महल तक घमासान मचा हुआ है।
राजनैतिक माहिरों का कहना है कि अगर मेयर पद जरनल पुरु ष के लिए आरिक्षत रखा जाता है, तो सीनियर डिप्टी मेयर डिप्टी मेयर का पद लेडीज और रजिर्व कैटागिरी के खाते में जाएगा।
बताते चलें कि कई पार्षद ऐसे हैं जो शुरू से ही कांग्रेस लीडरशिप के पास अपनी दावेदारी जताते आए हैं। अब उन दावेदारों में कई पार्षद जीत गए हैं और मेयर की दौड में लग गए हैं। मेयर की दौड में सबसे आगे लगातार छठी बार चुनाव जीतने वाले जगरूप सिंह गिल हैं, जबकि अशोक कुमार प्रधान, मास्टर हरमंदर, संतोष महंत, शामलाल जैन, रीना गुप्ता, रमन गोयल, नेहा जिंदल भी दौड में शामिल हैं।
हालांकि अब तक मेयर पद का नोटिफिकेशन नहीं हुआ है, लेकिन यह भी माना जा रहा है कि बठिडा मेयर का पद महिला के लिए आरिक्षत हो सकता है। अगर मेयर का पद महिला के लिए आरिक्षत होता है। तो उक्त पाषर्द प्रबल दावेदार मानी जा रही है। अगर एसा नहीं हुआ तो प्रमुख महिला नेताओं को डिप्टी मेयर या सीनियर डिप्टी मेयर के पद से संतोष करना पड़ सकता है।
मेयर की दौड में जगरूप
गिल का नाम सबसे आगे है। मेयर की दौड़ में 43 साल से कांग्रेस से जुडे हुए अशोक प्रधान
का नाम भी आगे है। अगर मेयर पद रजिर्व रहा तो मनप्रीत बादल के अति करीबी अशोक प्रधान
की लाटरी निकल सकती है। वह लंबे समय चत कांग्रेस के जिला प्रधान, यूथ प्रधान, प्रदेश महासचिव के पदों पर रहे हैं।
इसी तरह सबसे ज्यादा वोटों से जीतने वाले शाम लाल जैन भी मेयर पद की दौड़ में अपना स्थान बनाए हुए हैं। लगातार तीन बार बने पार्षद बठिडा के कारोबारी शाम लाल जैन लगातार तीसरी बार चुनाव जीते हैं। जैन की मोती महल से लेकर दल्ली दरबार में अच्छी पकड़ बताई जा रही है। इस बार के चुनाव में उन्होंने रिकार्ड तोड जीत प्राप्त की है और बठिडा के 50 वार्डों में से सबसे ज्यादा मार्जन से वह चुनाव जीते हैं। पहले वह अकाली दल में रहे हैं लेकिन कांग्रेस सरकार आने के बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। वह मनप्रीत बादल के चुनाव जताने में महतवापूर्ण रहे थे। बलिजंदर ठेकेदार, बलराज पक्का, सुखराज औलख भी महत्वापूर्ण पदों के लिए जोर लगाए हुए हैं। उक्त नेता मेयर पद के लिए समर्थकों से दबाव बनवा रहे हैं। उम्मीद है कि उन्हें सीनियर डिप्टी मेयर, डिप्टी मेयर के पद दिया जा सकता है।
रमन गोयल, रीना गुप्ता, महंत, नेहा, सोनिया, प्रवीन मानी मजबूत महिला पाषर्द
इसी तरह बठिडा के कारोबारी संदीप गोयल की पत्नी रमन गोयल बठिडा से पहली बार चुनाव लडी है। हालांकि उनके पति संदीप गोयल पिछले 28 साल से कांग्रेस के साथ जुडे हुए हैं। उनकी पृष्टभूमि भी सियासत से है। उनके चाचा भी भुच्चो मंडी में पार्षद रह चुके हैं। मेयर पद पर उनकी भी दावेदारी प्रबल है।
इसी तरह रीना गुप्ता शहर की मशहूर हस्ती है। उनका एक बड़ा स्कूल है। उनके पति कवंल गुप्ता का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं। शहर की रायल फैमिली में शामिल रीना गुप्ता चाहे पहली बार पाषर्द बनी है लेकिन उनका कद बहुत बड़ा है। अनुभव के मामले में वार्ड नंबर 21 ले कांग्रेस की संतोष कुमारी महंत प्रबंल दावेदार मानी जा रही है। हालांकि वित्त मंत्नी मनप्रीत सिंह बादल चुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा में संतोष महंत को विजयी बनाकर मेयर बनाने की बात भी कह चुके हैं। संतोष महंत तीसरी बार नगर निगम में पार्षद बनकर पहुंची है।महिला आरिक्षत मेयर होने की संभावना इस मायने में भी अहम मानी जा रही है कि निगम हाउस में महिला शिक्त का दबदबा रहा है जिसमें कांग्रेस टिकट पर 22 महिलाएं जीतकर हाउस में पहुंची है वही अकाली दल की विजयी हुई चार महिला पार्षदों को जोड़ दे तो सदन में 50 पार्षदों में 26 महिला पार्षद है। फिलहाल मेयर के चयन में पुरानी टक्साली कांग्रेसियों की आम सहमती के बाद सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के पद भी काफी अहम माने जाते हैं। इसके लिए प्रमुख दावेदारों में पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव पवन मानी की पत्नी प्रवीण गर्ग का नाम प्रमुख तौर पर सामने रहा है।
पवन मानी पिछले चार दशक से कांग्रेस के साथ जुड़े हैं। वह कैप्टन अमरिंदर सिंह और मनप्रीत बादल के नजदीकी है। इसके अलावा कांग्रेसी नेता मनोज जिंदल की पुत्नवधू नेहा जिंदल का नाम भी डिप्टी मेयर की दौड़ में है। चाहे वह पहली बार जीती है लेकिन उनके ससुर मनोज जिंदल लंबे समय से राजनीती की सिक्र य है। मनोज शहर के सबसे पुराने युनाईिटड थियेटर के प्रधान है। इसके अलावा वह गौड़ीया मठ से भी जुड़ हुए हैं। मनोज जिंदल मनप्रीत बादल और जैजीत जौहल जोजो के विशनसनीय लोगों में है। रियल अस्टेट बिजनेस से जुड़े सुनील बांसल की पत्नी सोनिया बांसल का नाम भी डिप्टी मेयर की दौड़ में है। सोनिया बांसल के पति सुनील लंबे समय सा राजनिती से जुड़े हैं। उनका शहर में अच्छा रु सूख है। मनप्रीत बादल के चुनावों में उन्होंने बहुत मेहनत की थी। फिलहाल नगर निगम बठिंडा का मेयर राजनीतिक तौर पर काफी महत्व रखता है। बठिंडा लोकसभा क्षेत्र बादल परिवार की बहूं हरसिमरत कौर बादल का क्षेत्र है व वह यहां से सांसद है वही राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल का यह विधानसभा क्षेत्र है। एक साल के अंदर राज्य में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इस स्थिति में शहरी क्षेत्र में प्रभावी व्यक्ति के मेयर बनने का कांग्रेस फायदा उठाना चाहती है। इसी के चलते कांग्रेस का पूरा जोर बठिंडा में एक ऐसे व्यक्ति को मेयर बनाने का है जो कांग्रेस से खिसकते दलीत वोट को बढ़ा सके, प्रभावी अग्रवाल समाज को अपने साथ जोड़कर रख सके।
मोगा में सियासत:नौ आजाद पार्षद मिला कांग्रेस ने ठोकी थी मेयर की दावेदारी, तोता सिंह बोले-मेयर हम बनाएंगे, मैं हाउस में करूंगा धमाका
मोगा नगर निगम जहां सत्ताधारी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला और 50 में से विधायक सहित कांग्रेस को 20 सीटें मिलीं, जिसमें जीते 10 आजाद पार्षदों में 9 को विधायक ने अपने साथ कर पार्टी हाईकमांन को यह संकेत दिया था कि उसके साथ 28 पार्षदों का बहुमत हैं और अपना मेयर बनाएंगे। इसी के साथ 4 सीटें आप और 1 भाजपा की है, जो कर रहे हैं की हम विपक्ष में बैठेंगे।रविवार को प्रेस कांफ्रेंस में जत्थेदार तोता सिंह ने कहा कि बेशक अकाली दल के पास 15 पार्षद ही हैं, परंतु हाउस में मेयर अकाली दल ही बनाएगा। बहुमत का पटाखा वो उसी समय फोड़ेंगे जब हाउस में मेयर का चुनाव होगा।
इसके बाद कांग्रेस विधायक डॉ. हरजोत कमल की मुश्किलें और बड़ गईं और उन्होंने उनके साथ चंडीगढ़ गए 9 आजाद पार्षदों को आगे कर स्पष्टीकरण देने की कशिश की तो यह कोशिश भी उनके उल्ट पड़ती दिखने लगी है। 9 में से 8 आजाद पार्षद व 9वां आजाद पार्षद वो आया था जिसने अभी तक किसी पार्टी को समर्थन नहीं दिया है। 8 में से एक ने कहा कि वो चंडीगढ़ कांग्रेस को समर्थन देने गया था, उसने पार्टी ज्वाइन नहीं की है। इससे विधायक की समस्या और बढ़ गई है।
सोमवार को रखी प्रेस कांफ्रेंस में वार्ड 4 से आजाद जीते पार्षद गुरप्रीत सच्चदेवा ने कहा कि वो चंडीगढ़ में इसलिए कांग्रेस पार्टी को समर्थन देने गए थे, ताकि शहर में विकास के कार्य हो सकें। उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन नहीं की है। वो अपने वार्ड निवासियों से बैठक करने के बाद ही फैसला लेंगे। वहीं वार्ड नंबर 6 से आजाद जीते अरविंदर सिंह ने कहा कि उसने किसी को समर्थन नहीं दिया।
वो आजाद जीता हैं और आजाद ही हैं। वार्ड नंबर 2 से आजाद जीते जसप्रीत सिंह विक्की किसी काम के चलते पहुच नहीं पाए। वहीं बाकी 7 आजाद पार्षदों ने कहा कि वो कांग्रेसी विधायक के साथ हैं। उन्होंने कहा कि विरोधी जो उन्हें बिकाऊ होने का गलत प्रचार कर रहे हैं, वो झूठा व बेबुनियाद आरोप है। वे केवल अपने क्षेत्र के विकास के लिए विधायक का समर्थन कर रहे हैं। जब उनसे पूछा कि अगले साल विधानसभा चुनाव में अगर अकाली दल जीता तो क्या वो उसके साथ जाएंगे तो पार्षद बोले, जब जो समीकरण होंगे, तब देखा जाएगा। इस दौरान विधायक डाॅ. हरजोत कमल मीडिया से दूर रहे और बाद में पार्षदों के साथ फिर बैठक की।
कांग्रेसी पार्षद नितिका भल्ला विधायक की पत्नी के लिए अपनी सीट छोड़ने को हैं तैयार - 9 आजाद पार्षदों को अपने साथ मिलाकर जहां कांग्रेस विधायक डाॅ. हरजोत कमल ने पार्टी हाई कमांड के आगे अपना बहुमत साबित करने के बाद एक बार फिर से अपनी पत्नी डाॅ. रजिंदर कौर कौर को मेयर बनाने के प्रयास शुरु कर दिए थे। शनिवार को 9 आजाद पार्षदों के साथ बैठक में विधायक ने उनसे अपने समर्थन में हाथ
उठवाने के साथ वार्ड 5 से कांग्रेसी पार्षद नितिका भल्ला से कहलवा लिया कि वो डाॅ. रजिंदर कौर के हक में सीट छोड़ने को तैयार हैं और वहां से डॉक्टर को चुनाव लड़ाकर जीता कर मेयर बनाने का रास्ता साफ करेंगे। लेकिन रविवार को अकाली दल के वरिष्ठ नेता जत्थेदार तोता सिंह ने अपने घर प्रेस कांफ्रेंस कर धमाका किया कि हाउस में अकाली दल अपना मेयर बनाएगा और यह धमाका वो हाउस में उस समय करेंगे, जब मेयर का चुनाव होगा।
ऐसे आ सकती हैं कांग्रेस काे अपना मेयर बनाने में समस्या - कांग्रेस विधायक के पास कांग्रेस से जीते 19 पार्षद+9 आजाद पार्षद, कुल 28+1 विधायक का वोट 30 का गणित है। हाउस में बहुमत के लिये 26 का आंकड़ा अनिवार्य है। ऐसे में विधायक बहुमत से 4 का ज्यादा आंकड़ा रखने का दावा कर रहे हैं। एसे में विधायक के पास 18 जीते पार्षद, दो आजाद पार्षद अगर खिसकते हैं तो, आंकड़ा 18+6 =24+1 विधायक की वोट 25 का रह जाता है और अगर खुदा न खस्ता अकाली दल की बात सही रही तो कांग्रेस पार्टी के 3-4 पार्षदों की भी कांग्रेस विधायक से बगावत की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
लटक सकता है मेयर का फैसला- पंजाब में सभी नगर निगमों में मेयर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की सहमति के बाद ही बनने की संभावना है। पार्टी उच्च सूत्रों का कहना है कि अभी नगर निगमों को महिला, एससी/बीसी आरक्षणों में भी बांटा जाना है। ऐसे में इससे की प्रक्रिया को समय लग सकता है।
No comments:
Post a Comment