-रैली में आरोपियों को बेकसूर बनाकर लोगों को भड़काता रहा लेकिन स्थानीय पुलिस मूकदर्शक बनकर देखती रही
बठिंडा. बठिंडा जिले के गांव मेहराज में लक्खा सिधाना की तरफ से बुलाई गई रोष रैली में वह पुलिस को चुनौती देता पहुंचा। यही नहीं उसने वहां हाजिर सैकड़ों लोगों को संबोधित किया व दिल्ली पुलिस व केंद्र सरकार को खुलकर चुनौती देता रहा। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि वह पुलिस को चकमा दे रहा है व रैली में शायद ही पहुंचे। 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा मामले में लक्खा सिधाना वांछित है व उसकी गिरफ्तारी के लिए एक लाख रुपए का इनाम रखा हुआ है। ऐसे में अब सब की निगाहें इस बात पर हैं कि पुलिस उसे गिरफ्तार करती है या नहीं। हालांकि जिला पुलिस पहले ही कह चुकी है कि अगर दिल्ली पुलिस उसकी गिरफ्तारी करने आती है तो स्थानीय पुलिस उनका सहयोग करेगी। वही बठिंडा व पंजाब पुलिस के रिकार्ड में वह किसी केस में वांछित नहीं है।
रैली के दौरान मंच से नारेबाजी हो रही थी कि अगर लक्खा व दीप सिद्धू गद्दार है तो हम गद्दार हैं। लक्खा ने कहा जो लोग यह बोल रहे हैं कि दीप सिद्धू किले पर कैसे पहुंच गया। केंद्र से मिला होगा। लक्खा ने कहा दीप सिद्धू अपने दम पर किले पर गया था। सिधाना ने कहा कि भले ही दिल्ली पुलिस पंजाबियों पर कितने ही मामले दर्ज कर लें। उनके सिर पर इनाम रख लें, लेकिन लोगों के रोष को रोका नहीं जा सकेगा, क्योंकि यह मामला किसी व्यक्ति विशेष का नहीं बल्कि पंजाबियों के वजूद का है।
लक्खा ने कहा कि वह संयुक्त किसान मोर्चा से अलग प्रोग्राम या कोई एजेंडा लेकर नहीं चला है। किसान संगठनों द्वारा दिए जाने प्रोग्राम पर ही कायम है। इसीलिए यह रैली की गई है। लक्खा ने कहा कि अगर दिल्ली पुलिस किसी किसान, किसी मजदूर या फिर किसी नौजवान को गिरफ्तार करने के लिए किसी भी गांव में आती है तो गांव के गुरुद्वारे में अनाउंसमेंट कर दिल्ली पुलिस का घेराव किया जाएगा, किसी को भी गिरफ्तार करने नहीं दिया जाएगा।
लक्खा सिधाना ने कहा कि अगर केंद्र सरकार के कहने पर दिल्ली पुलिस पंजाब में किसानों और युवाओं को गिरफ्तार करने के लिए आती है और पंजाब पुलिस उनका सहयोग करती है तो इसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की होगी। उनको ही इस पर जवाब देना होगा। लक्खा ने कहा कि कृषि कानूनों को कतई मंजूर नहीं किया जाएगा। रोष रैली को संबोधित करने के बाद अब लक्खा सिधाना बाइक रैली करते हुए पहुंचा।
लक्खा सिधाना को 26 जनवरी को दिल्ली में लाल किले के ऊपर फहराये गए केसरी ध्वज व दिल्ली में हुए उपद्रव को लेकर अन्य किसान नेताओं सहित नामजद किया गया है। दिल्ली पुलिस ने उसके नाम पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया है। इससे पहले लक्खा सिधाना ने दिल्ली पुलिस को इंटरनेट मीडिया से चुनौती देते हुए कहा था कि वह 23 फरवरी को बठिंडा के मेहराज में रोष रैली शामिल होगा। पुलिस उसे गिरफ्तार करके दिखाए।
उल्लेखनीय है कि मेहराज पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का पैतृक गांव है। लक्खा सिधाना भी इसी इलाके का रहने वाला है। वहीं, इस संबंध में दो दिन पूर्व बठिंडा के एसएसपी भूपिंदर जीत सिंह विर्क का कहना था कि सिधाना बठिंडा में किसी मामले में वांछित नहीं है, लेकिन यदि दिल्ली पुलिस कार्रवाई करती है तो हम पूरा सहयोग करेंगे। किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पंजाब में थे 20 मामले दर्ज, सभी में बरी
पंजाब में लक्खा के खिलाफ 20 आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें वो बरी भी हो चुका है। पुलिस ने पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू, जुगराज सिंह, गुरजोत सिंह व गुरजंत सिंह पर एक-एक लाख रुपये और जगबीर सिंह, बूटा सिंह, सुखदेव सिंह व इकबाल सिंह पर 50-50 हजार रुपये इनाम की घोषणा की थी। दीप सिद्धू, इकबाल सिंह व सुखदेव सिंह को दिल्ली पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। पांच अन्य उपद्रवियों की तलाश जारी है। इनमें लक्खा सिधाना भी शामिल है।
पुलिस ने किए सुरक्षा के प्रबंध लेकिन मूक रहे अधिकारी
लक्खा सिधाना की रैली के दौरान बेशक बड़ी संख्या में पुलिस तो तैनात थी लेकिन कोई भी अधिकारी लक्खा सिधाना के बारे कुछ बोलने को तैयार नहीं हुआ व सभी उच्चाधिकारी इस मामले में मूक रहे। रैली में सुरक्षा को लेकर बङ्क्षठडा पुलिस प्रशासन की ओर से बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई। मौके पर दंगा रोधक वाहन व वाटर कैनन आदि भी तैनात रहे। गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की ओर से 26 जनवरी की दिल्ली ङ्क्षहसा के बाद दीप सिद्धू व अन्य नेताओं के साथ साथ लक्खा सिधाना को भी पुलिस ने संगीन धाराओं के तहत नामजद किया है व दिल्ली पुलिस की ओर से उसकी गिरफ्तारी पर 1 लाख रुपये के इनाम की घोषणा भी की गई है। लेकिन इसके बावजूद रैली के दौरान लक्खा बेखौफ होकर रैली में शामिल हुआ।
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'संबोधन के बाद पुलिस के नाक तले से फरार हुआ लक्खा सिधाना
लगभग डेढ़ बजे लक्खा सिधाना स्टेज पर एकाएक प्रगट हो गया। लक्खा सिधाना के पहुंचने पर युवाओं में भारी उत्साह देखने को मिला व लक्खा सिधाना की आमद पर नौजवानों ने जोरदार नारेबाजी करके उसका समर्थन दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में युवक उत्साहित होकर शोर मचाने लगे व स्टेज प्रबंधकों की बात सुनने को तैयार नहीं हुए। स्टेज प्रबंधकों ने बाद में लक्खा सिधाना से अपील की कि वह युवाओं को शांत करे। इस पर लक्खा सिधाना ने स्टेज पर खड़ा होकर युवाओं से शांत रहने की अपील की जिसके बाद नौजवान शांत हुए। इसके बाद लक्खा सिधाना लगभग 2 घंटों तक स्टेज पर रहा व उसके बाद उसने लोगों को संबोधन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस तो तैनात रही लेकिन संबोधन करने के बाद लक्खा सिधाना जैसे स्टेज पर प्रकट हुआ था ठीक उसी प्रकार वहां से निकल भी गया व पुलिस देखती रह गई। किसी को इसकी जानकारी नहीं मिली कि लक्खा सिधाना कहां गया है। पुलिस अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे रहे।
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