बठिडा: गुरु नानक देव थर्मल प्लांट के इर्द-गिर्द की बस्तियों और कालोनियों में रहने वाले लोगों का अकसर अंधेरा होते ही दम घुटने लगता है। ऐसा धुएं के कारण होता है। दरअसल यह धुआं थर्मल प्लांट से आता है, जहां अंधेरा होते ही कचरे को आग लगा दी जाती है। जिस तरफ भी हवा का रुख होता है, उसी ओर धुआं जाने लगता है और कालोनियों के लोग इससे परेशान हो उठते हैं। यह सिलसिला पिछले कई दिन से चल रहा है। थर्मल प्लांट के अधिकारी इससे अब तक इससे अंजान थे। बता दें कि थर्मल प्लांट के आसपास विशाल नगर, शक्ति नगर, टैगोर नगर, ग्रीन एवेन्यु, पंचवटी नगर, जनता नगर, खेता सिंह बस्ती सहित कई कालोनियां हैं।
दरअसल पिछले कुछ माह से थर्मल प्लांट को तोड़ने का काम चल रहा
है। राज्य सरकार की यहां पर फार्मास्यूटिकल पार्क लगाने की योजना है, लेकिन जिस कंपनी को थर्मल
प्लांट की मशीनरी उखाड़ने का काम मिला हुआ है, उस कंपनी के कर्मचारी दिन भर तो
मशीनरी उखाड़ने का काम करते रहते हैं, लेकिन जब अंधेरा हो जाता है तो
मशीनरी से निकले प्लास्टिक की केबल आदि के टुकड़ों के कचरे को आग लगा दी जाती है।
इससे आसमान पर काले धुएं के गुबार उड़ने लगते हैं। यहां से गुजरने वाले लोगों को
प्लास्टिक के धुएं से निकलना मुश्किल हो जाता है। काले धुएं के कारण सांस लेना हुआ
मुश्किल: जौड़ा
विशाल नगर के निवासी और वरिष्ठ भाजपा नेता नीरज जौड़ा ने कहा
कि एक दिन तो उनकी कालोनी की तरफ हवा का रुख था। अंधेरा होने के बाद घर पर सांस
लेनी मुश्किल हो रही थी। आसमान से काला धुआं गिर रहा था, जोकि थर्मल प्लांट की तरफ से आ
रहा था। समाजसेवी गुरविदर शर्मा ने कहा कि यह जगजाहिर है कि प्लास्टिक को आग लगाने
से कैंसर फैलता है। प्लास्टिक को आग कैंसर की बीमारी का घर है। पावरकाम के
अधिकारियों को इस ओर से ध्यान देना चाहिए और तुरंत इस आग को रोकना चाहिए। आग रोकने
को तुरंत कदम उठाएंगे : चीफ इंजीनियर
थर्मल प्लांट के चीफ इंजीनियर डीपी गर्ग ने कहा कि यह
जानकारी उनके पास नहीं है। अगर थर्मल प्लांट के अंदर ऐसा हो रहा है तो यह बहुत गलत
बात है। वेस्टेज को आग लगाने का कोई मतलब नहीं। वह तुरंत इस आग को रोकने के लिए
कड़े कदम उठाएंगे और कचरे को आग लगाने की अनुमति नहीं देंगे।
No comments:
Post a Comment