जालंधर की ट्रैवल एजेंसी ESS ग्लोबल के हरियाणा के करनाल स्थित दफ्तर के 3 कर्मचारियों ने 54 लाख का फर्जीवाड़ा कर डाला। विदेश में पढ़ाई के इच्छुक स्टूडेंट्स से लेकर उन्होंने खुद की ही कंपनी को चूना लगा दिया। उन्होंने स्टूडेंट्स से पैसे लिए लेकिन अपनी कंपनी के खाते में जमा नहीं कराए और उनका वीजा लगवाने के लिए चंडीगढ़ व दिल्ली की ट्रैवल एजेंसी को केस भेज दिया। मामले की पोल तब खुली, जब एक स्टूडेंट को पैसे देने के बावजूद विदेश नहीं भेजा गया तो वो ट्रैवल एजेंसी के हेड ऑफिस जालंधर स्थित सिविल लाइंस एरिया में आया। कंपनी की शिकायत के बाद पुलिस ने अपने तीनों कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
ट्रैवल एजेंसी के डायरेक्टर ने दर्ज कराई शिकायत
यहां सिविल लाइंस में सिटी स्क्वायर में ESS ग्लोबल प्रा. लिमिटेड के डायरेक्टर रोहित सेठी ने पुलिस को शिकायत दी कि उनकी ट्रैवल एजेंसी का करनाल में भी ऑफिस खुला। जिसमें करनाल के चंडीगढ़ सिटी की रहने वाली प्रेरणा अरोड़ा को मैनेजर, वकीलपुरा सदर बाजार करनाल की इना अरोड़ा को वीजा काउंसलर व संत नगर के केशव शर्मा को काउंसलर रखा हुआ था। उनकी कंपनी का ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्रिटेन व सिंगापुर की यूनीवर्सिटीज से टाईअप है। जहां पढ़ने के इच्छुक स्टूडेंट्स को उनकी एजेंसी विदेश भेजती है। उनकी कंपनी की पॉलिसी है कि जब तक यूनीवर्सिटी वाले देश की तरफ से स्टूडेंट का वीजा नहीं मिल जाता, तब तक वो किसी से कोई पैसा नहीं लेते। इसके बावजूद प्रेरणा अरोड़ा व उसके साथी स्टूडेंट्स से एडवांस पैसे लेते रहे और फिर उन्हें कंपनी के जरिए बाहर भेजने के बजाय उनके केस दिल्ली की BCES कंपनी व चंडीगढ़ की प्लेनेट एजुकेशन को भेज दिए।
एक स्टूडेंट जालंधर पहुंचा तो उजागर हुआ फर्जीवाड़ा
ट्रैवल एजेंसी के डायरेक्टर के मुताबिक उनके पास विशाल नाम का स्टूडेंट पहुंचा, जिसके जरिए उन्हें पूरी गड़बड़ी का पता चला। इसके बाद उन्होंने करनाल ऑफिस में अपना प्रतिनिधि भेजकर जांच कराई तो पूरा मामला उजागर हो गया। यह भी पता चला कि यह आरोपी स्टूडेंट्स का वीजा कन्फर्म कराने के लिए उन्हें जाली डिप्लोमा बनाकर भी देते थे। स्टूडेंट्स से ली गई रकम के बारे में रजिस्टर में भी ब्यौरा दर्ज किया गया था।
कितने स्टूडेंट्स ठगे गए, इसकी जांच जारी
करनाल ऑफिस में बैठी मैनेजर प्रेरणा अरोड़ा व उसके साथियों ने कितने स्टूडेंट्स के साथ ठगी की, इसके बारे में जांच की जा रही है। स्टूडेंट्स की संख्या सैकड़ों में होने की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल पुलिस के पास मितेश नाम का स्टूडेंट पहुंचा। जिससे 1 लाख एडवांस मांगे गए थे लेकिन उसने प्रेरणा को 40 हजार रुपए दिए। इसके बाद टालमटोल की जाने लगी तो वो कंपनी के जालंधर हेड ऑफिस पहुंचा। कंपनी ने अपनी छवि बचाने के लिए पैसे लौटा दिए। केस दर्ज करने के बाद अब पुलिस ट्रैवल एजेंसी के हेड ऑफिस की मदद से सभी स्टूडेंट्स का पता लगा रही है।
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