चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रधान सलाहकार के तौर पर प्रशांत किशोर की नियुक्ति होते ही राज्य में उनको लेकर राजनीति गर्म होने गई है। कांग्रेस का एक वर्ग इसे लेकर क्षुब्ध है तो विपक्ष भी हमलावर हो गया है। वहीं, प्रधान सलाहकार का मुद्दा बुधवार को पंजाब विधान सभा में भी उठ गया। इस पर विधानसभा में माहौल गर्माया गया। शिरोमणि अकाली दल ने 2017 के विधानसभा चुनाव में झूठे वादे करने के लिए प्रधान सलाहकार के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की। शिअद ने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी निशाने पर लिया और उनके खिलाफ भी मामला दर्ज करने की मांग की।
शिअद ने प्रधान सलाहकार के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की, कैप्टन अमरिंदर पर भी निशाना
विधानसभा में शिरोमणि अकाली दल ने 2017 के चुनाव में बड़े-बड़े वायदे करके पंजाब के लोगों के साथ धोखा करने के का आरोप लगाया और प्रधान सलाहकार पर एफआइआर दर्ज करने की मांग की। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि प्रधान सलाहकार भले ही एक रुपये तनख्वाह लेंगे लेकिन अंडर टेबल करोड़ों रुपए का भुगतान होगा।
राज्यपाल के अभिभाषण में हिस्सा लेते हुए शिरोमणि अकाली दल के विधायक पवन टीनू ने हाल ही में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा अपना प्रधान सलाहकार नियुक्त करने का मामला उठाया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दो दिन पहले ही प्रशांत किशोर काे अपना प्रधान सलाहकार बनाया है। सदन में पवन टीनू ने प्रधान सलाहकार के खिलाफ 120 बी (साजिश रचना) के तहत पर्चा दर्ज कराने की मांग की।
उन्होंने कहा कि 2017 में इस व्यक्ति ने मंडियों और गांव-गांव में जाकर लोगों से घर-घर नौकरी देने के फार्म भरवाए थे। युवाओं को स्मार्ट फोन देने को लेकर फार्म भरवाए। यह सब प्रधान सलाहकार व उनकी टीम ने किया। लोगों ने भरोसा किया, लेकिन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह भरोसा तोड़ दिया। इस व्यक्ति ने पंजाब के लोगों के साथ धोखा किया है। इसलिए इनके खिलाफ पर्चा दर्ज होना चाहिए।
पवन टीनूे ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ भी केस दर्ज होना चाहिए। बड़े-बड़े वायदे कर चुनाव के बाद प्रधान सलाहकार गायब हो गया। चुनाव में जिस व्यक्ति ने नारा दिया 'काफी विद कैप्टन, हर घर कैप्टन' बाद में वह कहने लगा ‘नो विद कैप्टन’।
आप नेता बोले- तनख्वाह तो एक रुपये, लेकिन अंडर टेबल करोड़ों रुपये का होगा भुगतान
वहीं, आम आदमी पार्टी के मीत हेयर ने कहा कि असली मुद्दा कैबिनेट रैंक देने को लेकर हैं। भले ही सरकार ने यह कह दिया कि रणनीतिकार एक रुपया तनख्वाह लेगा लेकिन हकीकत यह है कि सरकार करोड़ों रुपये का भुगतान करेगी। इस पर कांग्रेस के विधायक नवतेज चीमा ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि विपक्ष को प्रधान सलाहकार के अलावा और कोई मुद्दा नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल वाले रणनीतिकार को अपने साथ लाना चाहते थे। उन्होंने मना कर दिया तो वे (शिअद नेता) दुखी हैं।
वहीं, पवन टीनू ने कहा कि जिस प्रकार से मुख्यमंत्री की पत्नी व सांसद परनीत कौर के खाते से झारखंड के जालसाजों ने 29 लाख रुपये की ठगी के मामले में पुलिस ने कार्रवाई की और गिरोह को वहां से गिरफ्तार किया था। ऐसी तत्परता इस बार फिर दिखानी चाहिए। पुलिस को रणनीतिकार के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए। इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि जिसे मुख्यमंत्री ने अपना प्रधान सलाहकार बनाया है, वह प्रोफेशनल हैं। सरकार अंडर टेबल रणनीतिकार को करोड़ों रुपये का भुगतान करेगी।
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