बठिंडा. मशरुम की खेती के नाम पर चीटफंड कंपनी बनाकर लोगों से करोड़ों रुपए इकट्ठे कर जालसाजी करने व एक व्यापारी को अगवाकर ब्लैकमेल करने व खाली चैक में साइन कर करोड़ों की ठगी मारने का मामला सामने आया है। इसमें थाना थर्मल पुलिस ने कोतवाली जोधपुर राजस्थान में दर्ज हुई जीरो नंबर एफआईआर के आधार पर बठिंडा, मोगा व फरीदकोट से संबंधित 27 लोगों के खिलाफ जालसाजी, मारपीट, अगवा करने व ब्लैकमेल करने जैसी आपराधिक धाराओं तहत केस दर्ज किया है। इसमें चीटफंड कंपनी के शिकार लोगों को इंसाफ दिलवाने का दावा कर इंसाफ की लहर खातेदार यूनियन का गठन कर संघर्ष करने वाले गुरभेज सिंह संधू को भी आपराधिक मामले में नामजद किया है। इस पर आरोप लगाया गया है कि पहले उसने लोगों के चीटफंड कंपनी पर्ल में पैसे निवेश करवाएं व बाद में स्वयं को बचाने व लोगों से पैसे इकट्ठा करने के लिए संगठन का गठन कर पुलिस अधिकारियों के पास लोगों की शिकयते दर्ज करवाते रहे। फिलहाल इस मामले में शिकायतकर्ता ढीगरा होटल एंड रेस्टोरेंट के मालिक रहे कुशलदीप सिंह ढिगरा बने हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि उसके पिता अमरजीत सिं ढिंगरा एक बीमा कंपनी में वैरिफिकेशन अफसर है व उनकी कई लोगों से जानपहचान थी। इसमें प्रमुख आरोपी पाम सिंह वासी महिमा भघवाना नहियावाला व वर्तमान में ओमेक्स सिटी बठिंडा, विजय नेगी वासी ओमेक्स सिटी, नवजीत सिंह ढोलेवाल जिला मोगा उनके दोस्त थे। इन लोगों ने उनके पिता अमरजीत सिंह को मशरूम की खेती में शामिल कर सर्व एग्रो कंपनी बनाकर इसे सप्लाई करने के काम में शामिल कर लिया। इस धंधे में शिकायतकर्ता कुशलदीप सिंह को कोई संबंध नहीं था क्योंकि वह साल 2015 से 2020 लाकडाउन तक अपना व्यवसाय चला रहा था। इसी दौरान उक्त आरोपी लोगों ने सैकड़ों लोगों को मोटा मुनाफा दिलवाने के नाम पर अपने मशरुम के धंधे में जोड़ लिया। यही नहीं इन लोगों ने उससे करीब 60 लाख रुपए की राशि विभिन्न महीनों में उधार ली जिसे उसने बैंक के माध्यम से ट्रांसफर किया था। कुछ साल पहले उसके विवाह की बात चल रही थी व उसकी मंगेतर की मां नीलम रानी विवाह को लेकर खुश नहीं थी जिसके चलते उसने फोन में उसके पिता के दोस्तों राम सिंह, विजय नेगी व अन्य लोगों के संबंध में गलत शब्दावली का इस्तेमाल किया था व इसकी जानकारी सभी को लग गई। इसके बाद राम सिंह, विजय नेगी, गुरबाज सिंह, नवीत सिंह उससे रंजिश रखने लगे। उसकी शादी के बाद सभी लोगों ने उससे व्यक्तिगत रंजिश रखना शुरू कर दी। इस पूरे मामले में राम सिंह, विजय नेगी, नवजीक सिंह, प्रवीण रानी वासी ओमेक्स सिटी बठिंडा, जिंदप्रीत कौर वासी ओमेक्स सिटी, गुरबाज सिंह वासी बाजाखाना फरीदकोट, रतन शर्मा वासी सुभाष गली अमरिक सिंह रोड बठिंडा, गुरचरण सिंह वासी वार्ड नंबर 23 मोगा, सुरजीत सिंह रोमोना वासी मौड़ मंडी, डा. दविंदर बस्सी नजदीक दुग्गल पैलेस गुरुकुल रोड बठिंडा, अनमोलप्रीत सिंह वासी गणेशा बस्ती बठिंडा, चरणजीत सिंह, इकबाल कौर वासी बठिंडा, दर्शन सिंह वासी गणेशा बस्ती, निहाल सिंह, हरबंस सिंह वासी धोबियाना बस्ती, सेवक मिगलानी वासी कोटकपूरा रोड मुक्तसर साहिब, अशोक कुमार, बूटा सिंह वासी मोगा, बलकरण सिंह वासी मौड़ मंडी, बलवान सिंह वासी धोबियाना बस्ती, शिवदेव सिंह वासी बठिंडा, गुलाब सिंह वासी झुडिके मानसा, लक्षमण सिंह वासी ओमेक्स सिटी, रामकृष्ण वासी ओमेक्स सिटी, बंटी शर्मा वासी गणेशा बस्ती व गुरबंत सिंह वासी बठिंडा ने मिलकर उसे व उसके पिता अमरजीत सिंह को मानसिक तौर पर परेशान करना शुरू कर दिया। यही नहीं 27 जुलाई 2017 को उक्त लोगों ने साजिश के तहत उसके पिता को उनके रेस्टोरेंट के नजदीक पैसों का हिसाब करने के लिए बुलाया जहां उक्त सभी लोगों ने मिलकर उसके पिता अमरजीत सिंह को पूरा दिन बंदी बनाकर रखा व सांय के समय उसे फोन तक धमकी दी व चैंकबुक व दूसरे दस्तावेज लेकर आने के लिए कहा। इसमें जब वह उनकी तरफ से बताई जगह पर गया तो उन्होंने कुशलदीप सिंह व उनके पिता के साथ मारपीट करना शुरू कर दी वही जबरदस्ती उससे चैंकबुक पर साइन करवाकर करोड़ों रुपए के चैक वसूल कर लिए वही मौके पर कुछ लोगों को चैंक बांटकर खाते से पैसे निकलवाने के लिए कहा। इसमें विरोध करने व पुलिस को सूचना देने पर जान से मारने की धमकिया भी दी गई। मामला यहीं समाप्त नहीं हुआ बल्कि उक्त सभी 27 लोगों ने मिलकर उसके व परिजनों के खिलाफ विभिन्न थानों में लिखित शिकायते देकर उससे पैसों की मांग करना शुरू कर दी। इस बारे में उनके पिता अमरजीत सिंह ने लिखित शिकायत पुलिस के तत्कालीन अधिकारियों के पास की लेकिन उक्त लोगों के तत्कालीन सरकार में संपर्क व पहुंच होने के चलते किसी तरह की कारर्वाई नहीं की गई। मामले में मानसिक व आर्थिक तौर पर टूट चुके कुशलदीप सिंह ने इस बाबत अपना रेस्टोरेंट बठिंडा से बंद कर दिया व राजस्थान में जयपुर शिफ्ट हो गए। वहां उन्होंने लिखित शिकायत जयपुर थाने में दी जहां शून्य एफआईआर दर्ज कर इसे आगे कारर्वाई के लिए बठिंडा जिले के संबंधित थाने में भेज दिया जहां कैंट पुलिस ने उक्त सभी 27 आरोपियों पर केस दर्ज कर लिया है। शिकायत में कहा गया है कि आरोपी लोगों में दर्शन सिंह, शिवदेव सिंह, गुरबाज सिंह संधू सहित कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने लोगों के साथ ठगी मारकर एक एसोसिएशन का गठन कर लिया व इसमें चीटफंड कंपनियों के शिकार लोगों को इंसाफ देने के नाम पर करोड़ों रुपए इकट्ठे किए गए। उन्होंने पूरे मामले में आयकर विभाग से जांच करवाने व उक्त सभी लोगों के खातों व संस्था के खातों की जांच करवाने की मांग भी की है। उना कहना है कि जालसाजों ने करीब एक करोड़ रुपए का आयकर चोरी किया है। वही इस बाबत पुलिस ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट में भी जिक्र किया है। वही गुरभेज सिंह संधू के संबंध में कहा गया है कि उसने बठिंडा व आसपास के इलाकों में चीटफंड नेटवर्किंग का काम किया जो पर्ल कंपनी का एजेंट भी था। उसने वर्तमान में रंजीत सिंह व दर्शन नाम के दो लोगों के साथ मिलकर इंसाफ की लहर खातेदार यूनियन का गठन कर लिया व कंपनी से किए गए निवेश को मांगने का साधन बना लिया। वही लोगों के साथ मिलकर उसके खिलाफ झूठी शिकायते दर्ज की जिसमें पुलिस ने जांच के बाद लगाए गए आरोपों को झूठा पाया था। इस पूरे मामले में थाना थर्मल पुलिस की तरफ से की गई जांच के बाद आरोपी लोगों के खिलाफ टैक्स चोरी, लोगों से ठगी करने जैसी धाराओं के तहत भी नामजद किया है।
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