- हरियाणा का उदाहरण देते हुए सिद्धू ने कहा कि तिल और तिलहन खरीदकर हरियाणा तेल बेचता है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। सिद्धू ने कृषि कानूनों को किसानों के हित में वापस लेने की अपील की।
चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू काफी समय बाद मीडिया के सामने आए और केंद्र के साथ राज्य की अपनी ही कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला। गुरुवार को उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार पर तिलहन और दलहन की खरीद को लेकर सवाल उठाए।
सिद्धू ने बताया कि तीनों काले कानून सूबे के अधिकारों को छीन रहे हैं। पंजाब को नीलाम, जमीनों को नीलाम और पंजाब को गुलाम बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यही वजह से है कि बाहर बसे पंजाबी और यहां रह रहे पंजाबी किसानों को समर्थन दे रहे हैं। वे बोले- इन तीनों कृषि कानूनों का मुख्य विषय कृषि और मार्केट हैं। शब्दों का जाल बनाकर हमें फंसाने की कोशिश की जा रही है।
ट्रेड एंड कॉमर्स के अधीन इन कानूनों को लाया गया है। क्लियर है कि सेंटर अपनी अथॉरिटी फूड आइटम्स पर यूज करके हमारी एग्जिकल्चर प्रोड्यूस को भी हथियाना चाहता है। हमें जंजीरों में जकड़ रहे हैं, फिर जंजीरें चाहे सोने की हों, चांदी की या लोहे की, गुलाम बना देती हैं। वे बोले, सेंटर को कोई अधिकार नहीं कि वह फसलों की अंतरराज्यीय खरीद-फरोख्त पर कोई सेस या लेवी लगाए।
सिद्धू ने कहा- पंजाब सरकार दाल और तिलहन पर किसानों को MSP क्यों नहीं दे रही है।सरकार को चाहिए कि वह राज्य के किसानों को दलहन और तिलहन की फसलों पर MSP दे। पांच गांव पर एक कोल्ड स्टोरेज बनाकर सरकार किसानों की होल्डिंग कैपेसिटी बढ़ाए। हरियाणा का उदाहरण देते हुए सिद्धू ने कहा कि तिल और तिलहन खरीदकर हरियाणा तेल बेचता है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। सिद्धू ने कृषि कानूनों को किसानों के हित में वापस लेने की अपील की।
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