Friday, February 19, 2021

चुनाव में हार का साइड इफेक्ट:करारी शिकस्त के बाद भाजपा में अंदरुनी कार्रवाई जारी; बड़े नेता ने इस्तीफा दिया, कोटकपूरा में कई नेताओं को पार्टी से निकाला

 


कोटकपूरा। पंजाब नगर निकाय चुनाव में करारी शिकस्त के बाद भाजपा ने अंदरुनी कार्रवाई शुरू कर दी है। जिसके तहत भाजपा का गढ़ माने जाने वाले कोटकपूरा में कई बड़े नेताओं को पार्टी से निकाला गया है। वहीं एक बड़े नेता ने पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में अब पार्टी वर्करों और कार्यकर्ताओं में हड़कंप मच गया है कि कब किस पर गाज गिर जाए।


मिली जानकारी के अनुसार, पंजाब भाजपा के कार्यकारिणी सदस्य शाम सुंदर जाडला ने इस्तीफा दे दिया है। पंजाब प्रधान अश्विनी शर्मा को भेजे गए इस्तीफे में जाडला ने कहा है कि कृषि कानूनों के कारण पंजाब में किसानों की कमर टूट गई है। पंजाब पहले ही कृषि पर आधारित राज्य है और पंजाब ने जरूरत पड़ने पर देश को पूरा सहयोग दिया है।


जाडला ने लिखा कि वह कई बार प्रदेश अध्यक्ष से मिले और कानूनों को रद्द करने की मांग की लेकिन उनकी बात को दरकिनार किया गया। अब क्योंकि नगर निकाय चुनाव में भाजपा औंधे मुंह गिरी है इसलिए वह किसानों के समर्थन में अपने पद से इस्तीफे दे रहे हैं। उन्होंने पार्टी की सदस्य्ता से भी इस्तीफा दे दिया है।


दूसरी ओर, फरीदकोट जिले के कोटकपूरा में पार्टी प्रदेश सचिव और जिला इकाई की प्रधान सुनीता गर्ग ने उन नेताओं पर कार्रवाई की है, जो पार्टी प्रत्याशियों की जगह दूसरी पार्टियों के प्रत्याशियों की मदद कर रहे थे। इसी तरह से शिअद जिला प्रधान मनतार सिंह बराड़ ने भी कोटकपूरा में वार्ड 14 में स्थानीय पार्टी नेता मुकेश गर्ग को पार्टी से निकाल दिया है।


बता दें कि कोटकपूरा को भाजपा के गढ़ के रूप में देखा और माना जाता रहा है। यहां पार्टी के एक-दो नहीं बल्कि कई बड़े चेहरे हैं। 5 से ज्यादा पूर्व जिला प्रधान इस शहर में रहते हैं। कई नेता पार्टी की स्टेट कमेटी की विभिन्न इकाइयों का हिस्सा हैं। इसे देखते हुए ही पार्टी ने 29 सदस्यीय कोटकपूरा नगर कौंसिल में 24 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे थे लेकिन इनमें से एक भी प्रत्याशी जीत दर्ज करने में सफल नहीं हुआ।


कई प्रत्याशी तो 15 वोटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए। लगभग सभी जिलों में भाजपा के उम्मीदवारों को करारी हार का सामना करना पड़ा है। जबकि कांग्रेस ने हर जिले में बेहद शानदार प्रदर्शन किया और कृषि सुधार कानून की मुखालफत इसका सबसे बड़ा कारण है।


नगर कौंसिल चुनाव रिजल्ट रिएक्शन:ताऊ के लिए कांग्रेस जिला सचिव ने पार्टी से बगावत की, नहीं जीत पाने पर फंदा लगाकर दी जान


खन्ना (लुधियाना)।
लुधियाना जिले के कस्बा खन्ना में यूथ कांग्रेस के सचिव ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों के मुताबिक वह चुनाव में अपने ताऊ की हार को लेकर व्यथित था। असल में उसके ताऊ को पार्टी ने सिंबल पर चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया और फिर वह निर्दलीय ही मैदान में उतर गए। हार भी गए।


खन्ना का 32 वर्षीय गुरिंदर सिंह सोमल युवा कांग्रेस का सक्रिय कार्यकर्ता और जिला सचिव के पद पर था। 2015 में हुए नगर कौंसिल चुनाव में सोमल की ताई कुलदीप कौर पत्नी गुरमेल सिंह काला वार्ड-4 से चुनाव जीती थी। इस बार उम्मीद थी कि काला को मौका मिले, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सोमल ने आजाद चुनाव लड़ रहे ताऊ गुरमेल का साथ देने के लिए पार्टी से बगावत कर ली। उसे ताऊ की जीत के साथ सियासी समीकरण फिर पहले की तरह ठीक हो जाने की आस थी, लेकिन वार्ड में कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई और उसका ताऊ चुनाव में दूसरे नंबर पर रहा है।


इस हार के कारण सोमल को बहुत ठेस पहुंची। बीती रात को सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर की थी। इसमें उसने ताऊ को 616 वोट देने के लिए लोगों का धन्यवाद किया था। रात बीतने के बाद अगले दिन दोपहर 12 बजे तक जब वह कमरे से बाहर नहीं निकला तो परिजनों ने दरवाजा खोला। अंदर उसका शव पंखे से लटक रहा था।


सूचना के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। पोस्टमॉर्टम के बाद शव को परिजनों के हवाले कर दिया। परिजनों के मुताबिक वह अपने पीछे पत्नी और चार साल की बेटी छोड़ गया है। गर्भवती होने के कारण पत्नी मायके गई हुई थी। गुरिंदर घर के कमरे में अकेला ही था। उधर इस बारे में SHO सदर हेमंत कुमार का कहना है कि चुनाव परिणाम आने के बाद सोमल मानसिक रूप से परेशान था। इसी तनाव में उसने यह कदम उठा लिया।

पंजाब कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले, 1 से 10 मार्च तक बजट सत्र बुलाने को मंजूरी


  • मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई पंजाब कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मोहर लगी। 
  • कैबिनेट ने बजट सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल से सिफारिश कर दी है। सत्र एक से 10 मार्च तक होगा।

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसलों पर मोहर लगी। कैबिनेट ने 15वीं पंजाब विधानसभा का 14वां सत्र (बजट सत्र) 1 मार्च से 10 मार्च 2021 तक बुलाने की मंजूरी दे दी है। इसके लिए राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को सिफ़ारिश कर दी गई है। मंत्रिमंडल ने 1875 नए पद सृजित करने और कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए 5 अन्य विभागों के पुनर्गठन को भी हरी झंडी दे दी है। 

पुनर्गठन वाले पांच विभाग राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन, सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास, योजना, सामाजिक न्याय सशक्तिकरण और अल्पसंख्यक और नागरिक उड्डयन शामिल हैं। सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग में अप्रासंगिक हो चुके 124 पदों की जगह पर 12 नए पदों का सृजन किया जाएगा।

मंत्रिमंडल ने पेशेवर सेवाओं से संबंधित 101 पद (महिला एवं बाल विकास विंग में 62 और सामाजिक सुरक्षा विंग में 39) आउटसोर्सिंग के द्वारा भरने को भी मंजूरी दे दी। इसी तरह योजना विभाग के पुनर्गठन की योजना मंजूर करते हुए अप्रासंगिक हो चुके 637 पदों की जगह पर 219 पदों (पंजाब राज योजना बोर्ड के 5 और आर्थिक और सांख्यिकीय संगठन के 214) की सृजना की गई।

कैबिनेट ने सामाजिक न्याय सशक्तिकरन और अल्पसंख्यक विभाग में फील्ड अधिकारियों को सशक्त करने और बहुसंख्यक कानूनी मामलों को बढ़िया तरीकों से निपटाने के लिए कानूनी सेल को मजबूत करने को इस विभाग के पुनर्गठन को भी मंजूरी दे दी। पुनर्गठन योजना के अंतर्गत 285 अप्रासंगिक पदों की जगह पर 147 नए पदों को सृजित किया जाएगा।

बता दें, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कैबिनेट ने युवाओं को राज्य सरकार के रहते कार्यकाल के दौरान पड़ावों में तय समय के अंदर एक लाख नौकरियां देने के वादे को पूरा करने की दिशा में सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों और एजेंसियों में खाली पद भरने के लिए 14 अक्टूबर 2020 को प्रांतीय रोजगार योजना 2022-22 को मंजूरी दी थी।

मौड़ मंडी बम धमाका: चार मृतक नाबालिगों के वारिसों को नौकरी देगी सरकार

पंजाब सरकार ने 31 जनवरी, 2017 को हुए मौड़ मंडी बम धमाके में मारे गए चार नाबालिगों के पारिवारिक सदस्यों या वारिसों में से एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देगी। इसके लिए नियमों में विशेष उपबंध करने की मंजूरी दे दी है। मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया गया कि मृतक 15 वर्षीय जपसिमरन सिंह पुत्र खुशदीप सिंह, 14 वर्षीय सौरव सिंसगला पुत्र राकेश कुमार, 11 वर्षीय अंकुश पुत्र ज्ञान चंद और नौ वर्षीय रिपनदीप सिंह पुत्र काला सिंह के परिवार में से एक-एक सदस्य को उनकी शैक्षिक योग्यता के मुताबिक अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने के लिए विशेष उपबंध किया जाए। 

नाबालिग मृतक के संबंध में मौजूदा नियम अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी मुहैया नहीं करवाते हैं। मंत्रिमंडल के फैसले से प्रत्येक सदस्य को विशेष केस के अंतर्गत प्रत्यक्ष कोटे के रिक्त पदों पर बठिंडा या इसके साथ लगते जिलों में उनकी शैक्षणिक योग्यता के मुताबिक नौकरी देने के लिए संबंधित नियमों में छूट दे दी गई है। राज्य सरकार ने नौकरी देने के अलावा प्रत्येक मृतक के परिवार को पांच-पांच लाख रुपये जबकि घायलों को 50-50 हजार रुपयेे वित्तीय सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से दी जा चुकी है। 

मोहाली में एमिटी यूनिवर्सिटी इस वर्ष शुरू होगी

पंजाब विधानसभा के आगामी बजट सत्र में प्राईवेट एमिटी यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए बिल को कानूनी रूप देने के लिए सदन में पेश किया जाएगा। यह यूनिवर्सिटी आइटी सिटी मोहाली में इसी वर्ष शुरू हो जाएगी।

दो फीसद अतरिक्त कर्ज लेने का रास्ता साफ

कोविड के बाद औद्योगिक सेक्टर को प्रोत्साहित करने और अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए कैबिनेट ने जीएसटी फार्मूले का घेरा बढ़ाने के लिए शुक्रवार को औद्योगिक और व्यापार विकास नीति, 2017 में संशोधन को मंजूरी दे दी।   इस नीति के अंतर्गत  17 अक्तूबर, 2022 तक केंद्र सरकार से मिलने वाली रियायतें हासिल की जा सकें। इससे 2020-21 में जीएसडीपी का 2 प्रतिशत अतिरिक्त उधार हासिल किया जा सकेगा। इस राशि का सरकार चुनावी वर्ष में भरपूर इस्तेमाल कर सकती है। 

पंजाब में अब वाहन के कागज जेब में लेकर चलने की जरूरत नहीं, डिजिटल डीएल व आरसी होंगे वैध


चंडीगढ़। पंजाब में अब वाहन मालिक अपने ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) की डिजिटल कापियां अपने पास रख सकते हैं, क्योंकि पंजाब ट्रांसपोर्ट विभाग ने डीएल और आरसी के इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट को मंजूरी दे दी है। परिवहन मंत्री रजि़या सुलताना ने बताया कि यदि ट्रैफिक़ पुलिस और आरटीओ चैकिंग के दौरान ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की मांग करते हैं तो मोबाइल एप  एमपरिवहन और डिजीलॉकर के जरिये डाउनलोड करके यह दस्तावेज दिखाए जा सकते हैं। इससे वाहन मालिकों को ये दस्तावेज प्लास्टिक कार्ड या दस्ती रूप में रखने की जरूरत नहीं होगी।

कैबिनेट मंत्री रजि़या सुलताना ने कहा कि पंजाब ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की तरफ से पंजाब राज्य क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के सभी सचिवों, एसडीएम और एडीजीपी ट्रैफिक़ को पुलिस विभाग के चैकिंग स्टाफ को जागरूक करने के लिए इस संबंधी एक पत्र जारी किया गया है। अधिकारी को यह यकीनी बनाने के लिए कहा गया कि ट्रैफिक़ पुलिस की तरफ से मौके पर वैरीफिकेशन के दौरान स्मार्टफोन में ‘वर्चुअल ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट’ को वैध माना जाए।

रजि़या सुलताना ने निर्देश दिया की आम लोगों को जागरूक करने के लिए ‘वर्चुअल’ डीएल और आरसी की मंजूरी संबंधी जानकारी राज्य के ट्रांसपोर्ट कार्यालयों के नोटिस बोर्डों पर दर्शाई जाए। उन्होंने कहा कि डिजिटल पंजाब मुहिम को अमल में लाने से यह प्रणाली भ्रष्टाचार को भी ख़त्म करेगी और डीएल तथा आरसी की हार्ड कॉपी उपलब्ध न होने की सूरत में लोगों को भारी जुर्मानों से बचने में सहायता करेगी।


राज्य ट्रांसपोर्ट कमिश्नर डॉ. अमर पाल सिंह ने बताया कि यदि कोई अपना ड्राइविंग लाइसेंस/वाहन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट घर भूल जाता है या खो जाता है या प्रिंटिड स्मार्ट चिप वाले डीएल या आरसी की डिलीवरी न होने की सूरत में, उसे चिंता करन की जरूरत नहीं। वह सिर्फ डिजीलॉकर या एमपरिवहन एप को डाउनलोड करके अपने वर्चुअल डीएल या आरसी को अपने मोबाइल में रख सकता है। यह अब पूरी तरह वैध है और चैकिंग के समय दिखाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब आवेदक की आरसी या डीएल को रजिस्टर्ड और लाइसेंसी अथॉरिटी की तरफ से मंजूरी दी जाती है तो मंजूरी संबंधी संदेश उसके फ़ोन पर आता है और फिर ये दस्तावेज एप में से डाउनलोड किए जा सकते हैं।


नगर निगम बठिंडा के आउटडोर मीडिया मामले में ठेकेदार की तरफ से हाई कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई 22 अप्रैल को


बठिडा:
नगर निगम बठिडा के आउटडोर मीडिया को ठेके पर देने के मामले में निगम व ठेकेदारों के बीच चल रहे विवाद के कारण निगम को हर माह से 27 से 30 लाख रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है। वहीं ठेकेदार की तरफ से हाई कोर्ट में दायर किए गए मामले की सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 22 अप्रैल 2021 तय की है। इसके साथ हाई कोर्ट की तरफ से टेंडर पर लगाई गई स्टे अगली सुनवाई तक जारी रहेगी।

गौर होकि निगम ने शुभम क्रिएटर्स, आईएस ट्रेडिग कंपनी तथा लवली टीवी सेंटर की बिड तकनीकी कारणों की वजह से रद की थी। शुभम क्रिएटर्स व अन्य दो ग्रुपों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया। 12 मार्च को हाई कोर्ट ने निगम को फाइनल फैसले को स्वीकार करने की शर्त के साथ कांट्रेक्ट में आगे बढ़ने की परमिशन दे दी। 11 मार्च को वर्क आर्डर इश्यू होने के बाद 20 मई को कन्हैया एडवरटाइजर ने हाई कोर्ट केस का हवाला देते हुए काम से इन्कार कर दिया, जिस पर निगम एसई ने कंपनी की ईएमडी जब्त करने व फर्म के टेंडर में शामिल होने पर रोक लगा दी। 29 जून, 2020 को कन्हैया एडवाइजर ने इस निर्देश को हाईकोर्ट में चैलेंज कर दिया। निगम ने 10 जुलाई, 2020 को पुराने निर्देश वापस ले लिए।

कोरोना की वजह से हालातों को देखते हुए निकाय विभाग ने 15 सितंबर को एक नोटिफिकेशन जारी कर 6 माह की लाइसेंस फीस माफ करने के अलावा आधे मीडिया यूनिट को छोड़ने का आप्शन दे दिया। इसके बाद निगम ने लीगल की राय से स्पीकिग आर्डर जारी कर दिए तथा पुन: 50 फीसदी मीडिया को अवार्ड करने को टेंडर प्रोसेस किया गया जिसके बाद 29 अक्टूबर को पुन हाईकोर्ट में चैलेंज किया गया। हालांकि दिसंबर 2020 में निगम ने स्टे रद करने की मांग की, लेकिन हाई कोर्ट ने इसे यथावत रखते हुए सुनवाई की तारीख दे दी है। वहीं निगम को पिछले नौ माह में करीब 1 से 2 करोड़ के रेवेन्यू का नुकसान हो चुका है।

ਨਗਰ ਨਿਗਮ ਦੇ ਨਵੇਂ ਬਣੇ ਕਾਂਗਰਸੀ ਕੌਂਸਲਰਾਂ ਨੇ ਧਾਰਮਿਕ ਸਥਾਨਾਂ ’ਤੇ ਕੀਤਾ ਸਿਜਦਾ ਅਮਨ ਅਮਾਨ ਨਾਲ ਚੋਣ ਹੋਣ ’ਤੇ ਕੀਤਾ ਸ਼ੁਰਕਾਣਾ

 


ਬਠਿੰਡਾ, 19 ਫਰਵਰੀ - ਨਗਰ ਨਿਗਮ ਬਠਿੰਡਾ ਦੇ 50 ਵਾਰਡਾਂ ਵਿੱਚੋਂ  43 ’ਤੇ ਸ਼ਾਨਦਾਰ ਜਿੱਤ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਸਮੂੰਹ ਕਾਂਗਰਸੀ ਕੌਂਸਲਰਾਂ ਨੇ ਅੱਜ ਸੀਨੀਅਰ ਕਾਂਗਰਸੀ ਆਗੂ ਜੈਜੀਤ ਸਿੰਘ ਜੌਹਲ ਤੇ ਸ਼ਹਿਰੀ ਕਾਂਗਰਸ ਦੇ ਪ੍ਰਧਾਨ ਅਰੁਣ ਵਧਾਵਣ ਦੀ ਅਗਵਾਈ ਹੇਠ ਵੱਖ ਵੱਖ ਧਾਰਮਿਕ ਸਥਾਨਾਂ ’ਤੇ ਸਿਜਦਾ ਕੀਤਾ। ਕੌਂਸਲਰਾਂ ਤੇ ਕਾਂਗਰਸੀ ਆਗੂਆਂ ਨੇ ਅਮਨ ਅਮਾਨ ਨਾਲ ਪਈਆਂ ਵੋਟਾਂ ਨਾਲ ਕਾਂਗਰਸ ਪਾਰਟੀ ਦੀ ਹੋਈ ਇਸ ਵੱਡੀ ਜਿੱਤ ’ਤੇ ਪ੍ਰਮਾਤਮਾਂ ਦਾ ਸ਼ੁਕਰਾਨਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ। ਕਾਂਗਰਸੀ ਕੌਂਸਲਰਾਂ ਨੇ ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਇਤਿਹਾਸਕ ਕਿਲ੍ਹਾ ਮੁਬਾਰਕ ਸਾਹਿਬ ਮੱਥਾ ਟੇਕਿਆ ਅਤੇ ਸ਼ਹਿਰ ਵਾਸੀਆਂ ਦੀ ਚੜ੍ਹਦੀ ਕਲਾ ਲਈ ਅਰਦਾਸ ਕੀਤੀ। ਇਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਸਮੂੰਹ ਕਾਂਗਰਸੀ ਕੌਂਸਲਰ ਤੇ ਆਗੂ ਪ੍ਰਚੀਨ ਹਨੂੰਮਾਨ ਮੰਦਰ ਪੱਜੇ ਜਿੱਥੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਅਰਸ਼ੀਵਾਦ ਲਿਆ। ਕੌਂਸਲਰਾਂ  ਹਾਜੀਰਤਨ ਦਰਗਾਹ ਤੇ ਵੀ ਨਤਮਸਤਕ ਹੋਏ ਅਤੇ ਕਾਂਗਰਸ ਪਾਰਟੀ ਦੀ ਵੱਡੀ ਜਿੱਤ ਅਤੇ ਚੋਣ ਦੇ ਅਮਨ ਸ਼ਾਂਤੀ ਨਾਲ ਨੇਪਰੇ ਚੜ੍ਹਨ ਲਈ ਸ਼ੁਕਰਾਨਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ। ਸਮੂੰਹ ਕਾਂਗਰਸੀ ਕੌਂਸਲਰਾਂ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸ਼ਹਿਰ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਨੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਵਿਕਾਸ ਦੇ ਨਾਮ ’ਤੇ ਵੱਡੀ ਗਿਣਤੀ ਵੋਟਾਂ ਦੇ ਜਿਤਾਇਆ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਉਹ ਸਾਰੇ ਇਕਮੁੱਠ ਹੋ ਕੇ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਵਿੱਤ ਮੰਤਰੀ ਮਨਪ੍ਰੀਤ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ  ਦੇ ਬਠਿੰਡਾ ਸ਼ਹਿਰ ਨੂੰ ਹੋਰ ਵਿਕਸਿਤ ਕਰਨ ਦੇ ਏਜੰਡਾ ਪ੍ਰਤੀ ਤੱਤਪਰ  ਰਹਿਣਗੇ। 


ਕਾਂਗਰਸੀ ਆਗੂ ਜੈਜੀਤ ਸਿੰਘ ਜੌਹਲ ਤੇ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਸ਼ਹਿਰੀ ਪ੍ਰਧਾਨ ਅਰੁਣ ਵਧਾਵਣ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਅੱਜ ਸਮੂੰਹ ਜਿੱਤੇ ਕਾਂਗਰਸੀ ਕੌਂਸਲਰਾਂ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਸ਼ਹਿਰ ਦੇ ਵਿਕਾਸ ਲਈ ਅਕਾਲ ਪੁਰਖ ਦਾ ਓਟ ਆਸਰਾ ਲਿਆ ਗਿਆ ਹੈ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਵਿੱਤ ਮੰਤਰੀ ਮਨਪ੍ਰੀਤ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ ਪਹਿਲਾਂ ਤੋਂ ਬਠਿੰਡਾ ਦੇ ਹਰ ਪੱਖੋਂ ਵਿਕਾਸ ਲਈ ਸਿਰਤੋੜ ਯਤਨ ਕਰ ਰਹੇ ਹਨ ਪਰ ਹੁਣ ਨਗਰ ਨਿਗਮ ਦੀਆਂ ਚੋਣਾਂ ਜਿੱਤਣ ਬਾਅਦ ਇਸ ਨੂੰ ਹੋਰ ਬਲ ਮਿਲਿਆ ਹੈ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਸਾਰੇ ਕੌਂਸਲਰ ਆਪਣੇ ਆਪਣੇ ਵਾਰਡਾਂ ਦੀ ਭਲਾਈ ਅਤੇ ਸ਼ਹਿਰ ਦੇ ਵਿਕਾਸ ਲਈ ਵਿੱਤ ਮੰਤਰੀ ਦੀ ਅਗਵਾਈ ਹੇਠ ਤਤਪਰ ਰਹਿਣਗੇ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਬਠਿੰਡਾ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਨੇ ਵਿੱਤ ਮੰਤਰੀ ਤੇ ਕਾਂਗਰਸ ਪਾਰਟੀ ਦੇ ਨਾਮ ਇਤਿਹਾਸਕ ਜਿੱਤ ਦਰਜ ਕੀਤੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਉਹ ਸ਼ਹਿਰ ਵਾਸੀਆਂ ਦੀਆਂ ਉਮੀਦਾਂ ’ਤੇ ਖਰੇ ਉਤਰਣ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰਨਗੇ।

जापान सरकार की तरफ से दी 50 लाख की ग्रांट से बने कम्युनिटी सेंटर को व्यवसायिक इस्तेमाल के लिए दिया


 -गांव बलाढ़ेवाला पंचायत के फैसले को लेकर लोगों व आसपास की ग्राम पंचायतों में आक्रोश

-भारत सरकार, पंजाब सरकार व जापान सरकार को पत्र लिखकर ठेके पर देने की नीति बंद करने की मांग

बठिंडा. जिले के गांव बुलाढ़ेवाला में 25 साल पहले लोगों की भलाई के लिए जापान सरकार की तरफ से दिए अनुदान से कम्युनिटी सेंटर का निर्माण किया गया था। करीब 50 लाख से अधिक राशि जापान सरकार ने खर्च की थी जिसके चलते इस सेंटर को बुलाढ़ेवाला के साथ लगते दर्जनों गांवों के लोगों को निशुल्क समागम करने की सुविधा दी गई। वर्तमान में ग्राम पंचायत ने इस कम्युनिटी सेंटर को व्यवसिक मकदस के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इसे ड्रीम लैंड फिल्म सिटी का नाम देकर इसे मैरिज पैलेस बना दिया गया व अब अगर कोई यहां समागम करवाता है तो उसे भारी भरकम राशि का भुगतान करना पड़ता है। फिलहाल ग्राम पंचायत के इस फैसले का स्थानीय लोगों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है। वही कम्युनिटी सेंटर व गांव की हालत तबदील करवाने के लिए प्रयासरत रहे तत्कालीन आईएएस अधिकारी व विदेश फोरम में तैनात गुरदेव सिंह ग्रेवाल ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर पंचायत के इस फैसले का विरोध जताया है।  

जापान सरकार की तरफ से लगभग 25 वर्ष पहले बठिंडा के पहले गांव बुलाढेवाला को कम्यूनिटी सैंटर बनाने हेतू लगभग 50 लाख रूपए की ग्रांट तत्कालिन विदेशी फोरम में तैनात आई.ए.एस अधिकारी  गुरदेव सिंह ग्रेवाल के प्रयास से दी गई थी। देश की राजधानी दिल्ली स्थित उक्त अधिकारी विदेशी लेखा विभाग में तैनात थे जिन्होंने अपने गांव बुलाढेवाला को प्रफूलीत करने व स्मार्ट गांव बनाने हेतू  प्रयास किया और जपान सरकार से बातचीत कर यह ग्रांट दिलवाई थी। लगभग 20 वर्ष तक तो सब कुछ ठीक चलता रहा लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इस परियोजना का व्यापारीकरण वहां की पंचायत द्वारा कर दिया गया। गुरदेव सिंह ग्रेवाल रिटायरमेंट के बाद अस्ट्रेलिया में प्रवासी भारतीय बने लेकिन पिछले दिनों जब वह भारत लौटे व गांव में पहुंचे तो उन्हे अचंभा भी हुआ और दुख भी। ग्रेवाल ने कहा कि कम्यूनिटी हाल के आसपास के लगभग 2 दर्जन गांवों को फायदा हो रहा था। लोग समाजिक या धार्मिक कार्यक्रम के लिए इसका उपयोग करते थे। पीछे से पंचायत ने प्रस्ताव पारित कर इस चार एकड़ भूमि पर कम्यूनिटी हॉल बना था। इसे व्यवसायिक लाभ के लिए कुछ व्यापारियों के हाथों में सौंप दिया और वहां ड्रीम लैंड फिल्म सिटी का निर्माण करवा दिया। जहां प्री-वैडिग कार्यक्रम किए जा रहे है।। ऐसे में विदेशी सरकार द्वारा लोगों की भलाई के लिए दिया गया अनुदान भी व्यर्थ हुआ। इस मामले को लेकर ग्रेवाल ने जिलाधीश से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई कि इस गोरखधंधे को बंद कर कम्यूनिटी सैंटर को लोगों की भलाई के लिए ही रखा जाए। इस का किराया इतना वसूला जाता है कि जो आम आदमी की पहुंच से बाहर है। उन्होंने कहा कि फिल्म सिटी बनने के बाद इसमें घपलों के आरोप के मद्देनजर वहां आयकर विभाग की छापामारी हुई थी और लगातार पांच दिन अधिकारी वहां बैठ कर जांच करते रहे। ठेकेदारों से भारी जुर्माना भी वसूल किया गया था। यहां तक की वहां बिजली बोर्ड की फ्लाइंग स्कुयड द्वारा भी छापामारी भी गई थी और जुर्माना भी लगा था।

उद्घाटन पर पहुंचे थे जपानी अधिकारी

दो वर्ष के निर्माण के बाद यह परियोजना मुक्कमल हुई थी जो आस पास के गांवों के लिए मिशाल भी बनी थी। 5 सितंबर 1998 को इसके उद्घाटन समारोह में जपान के दुतावास के प्रतिनिधी, जिला प्रशासन, आस-पास गांवों की पंचायतों और  लोग शामिल हुए थे। पूरे भारत में जपान सरकार द्वारा केवल इसी गांव को ग्रांट दी गई थी व इसका एक लिखित एग्रीमैंट भी हुआ था कि इस कम्यूनिटी सैंटर का इस्तेमाल अन्य कार्यों व व्यवसायिक नहीं होगा बल्कि मानवता की भलाई के लिए ही इस प्रयोग होगा।  इसको चलाने के लिए एक ट्रस्ट का भी गठन किया गया था जो ग्रांम पंचायत के अधीन कार्य करेगा। इस संबंधी गुरदेव सिंह ग्रेवाल द्वारा एक पत्र जपान के दुतावास, पंजाब सरकार, भारत सरकार व मिडीया को भेजी गई है। आस पास के लगभग 30 पंचायतों द्वारा इस चिठ्ठी पर हस्ताक्षर भी किए गए है।

- क्या कहते है गांव के सरपंच

गांव के सरपंच मनजीत सिंह का कहना है कि कम्यूनिटी सैंटर को ठेके पर देने का अधिकार पंचायत के पास है। चूंकि यह कम्यूनिटी सैंटर पंचायत की भूमि पर बना है इसलिए यह पंचायत के अधीन है और ट्रस्ट भी उनके अनुसार कार्य करता है। उन्होंने कहा कि पहले इस कम्यूनिटी सैंटर को 90 हजार रूपए प्रति वर्ष ठेके पर दिया गया था लेकिन अब उन्होंने 4 लाख प्रतिवर्ष के लिए 4 वर्षों के लिए एग्रीमैंट किया है। ऐसे में पंचायत को अतिरिक्त आय होगी और पैसा गांव के विकास कार्य पर  खर्च किया जा रहा है।


घरेलू झगड़े के चलते चाचा ने भतीजे से की मारपीट, चार पर मामला दर्ज

बठिंडा. गांव महाराज में घरेलू झगड़े के चलते एक व्यक्ति ने अपने तीन बेटों के साथ मिलकर अपने ही भतीजे से मारपीट की और उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। थाना सिटी रामपुरा पुलिस ने घायल व्यक्ति की शिकायत पर आरोपित बाप-बेटों पर मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है। फिलहाल मामले में किसी भी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। पुलिस को शिकायत देकर कुलदीप सिंह निवासी गांव संदली पत्ती महाराज ने बताया कि उसका अपने आरोपित चाचा गुरबचन सिंह निवासी गांव महाराज के साथ घरेलू झगड़ा चल रहा है। जिसकी रंजिश के चलते गत 17 फरवरी को उसके चाचा गुरबचन सिंह व अपने तीने बेटे गुरजीत सिंह, हरजीत सिंह व जसप्रीत सिंह के साथ मिलकर उसके साथ मारपीट की और उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है।


पांच किलो भुक्की व 10 बोतल हरियाणा शराब समेत चार काबू

बठिंडा. जिला पुलिस ने नशा तस्करी के आरोप में दो महिलाओं समेत चार तस्करों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपितों से पांच किलो भुक्की व 10 बोतल हरियाणा मार्का शराब बरामद कर उनके खिलाफ थाना संगत व नंदगढ़ में नशा विरोधी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। थाना संगत के एएसआइ गुरदीप सिंह के मुताबिक गत वीरवार को पुलिस टीम ने गांव पथराला के पास नाकाबंदी कर वाहनों की चेकिंग की जा रही थी। इस दौरान पुलिस ने शक के आधार पर ट्रक नंबर पीबी-03एजे-9277 को रोककर उसकी तलाशी ली, तो ट्रक से पांच किलो भुक्की चूरा पोस्त बरामद हुआ। पुलिस ने मौके पर ट्रक चालक बूटा सिंह व लखविंदर सिंह निवासी मंडी कलां बठिंडा को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। इसी तरह थाना नंदगढ़ के एएसआइ महिंगा सिंह ने गांव चक अतर सिंह वाला के पास की नाकाबंदी के दौरान स्कूटी सवार महिला सर्बजीत कौर व जसविंदर कौर निवासी गांव रामगढ़ भूंदड़ जिला बठिंडा को 10 बोतल हरियाणा मार्का शराब समेत गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने दोनों महिलाओं पर एक्साइज एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया।


कार की टक्कर से बाइक रेहड़ी चालक की मौत

बठिंडा. वीरवार रात्रि गोनियाना रोड़ पर ट्रांसपोर्ट नगर के समीप बाइक रेहड़ी चालक को एक कार टक्कर मारकर फरार हो गई। हादसे में बाइक रेहड़ी चालक बुरी तरह से घायल हो गया। घटना की सूचना मिलते ही समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसायटी के वालंटियर निर्भय सिंह, अंकित कुमार एंबुलेंस सहित मौके पर पहुंचे तथा घायल को तुरंत सिविल अस्पताल पहुंचाया। जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने घायल संतोष सिंह पुत्र बलजिंदर सिंह (46 वर्ष) निवासी गली नंबर 9 आदर्श नगर को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मृतक के स्वजनों के बयानों पर अज्ञात कार चालक पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं गोनियाना मंडी के समीप ट्रक की टक्कर से राहगीर सोमादी पुत्र गोयलामंडी निवासी तपन जिला (यूपी) घायल हो गया। घटना की सूचना मिलते ही सोसायटी की हाईवे एंबुलेंस टीम मौके पर पहुंची तथा घायल को तुरंत सिविल अस्पताल दाखिल करवाया।



बठिंडा नगर निगम मेयर का ताज किसके सिर- चुनावों में एतिहासिक जीत हासिल करने के बाद अब मेयर बनाने के लिए मत्थापैची शुरू


-कैप्टन के कोटे से जगरुप गिल है सबसे प्रबल दावेदा, तो वित्त मंत्री अशोक प्रधान व सतोष महंत पर लगवा सकते हैं मोहर 

बठिंडा. नगर निगम में जीत के बाद अब इनके लिए मेयर के चयन को लेकर कांग्रेस में माथापच्ची शुरू हो गई है। स्थानीय मंत्री और विधायक अपनी पसंद का मेयर बनाने की कोशिश में जुटे हैं वही कैप्टन अमरिंदर सिंह अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पूरी रणनीति अपने स्तर पर तय कर रहे हैं। संवैधानिक तौर पर मेयर का चयन हाउस में जुड़ने वाले पार्षदों को करना है लेकिन असल में मुहर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से ही लगनी है। ऐसे में कैप्‍टन अमरिंदर सोच-समझ कर ऐसे लोगों को मेयर बनाएंगे जिससे भविष्‍य में कोई चुनौती न पैदा करे और सारा कुछ उनके नियंत्रण में रहे ताकि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस इसका फायदा उठा सके। दरअसल, पंजाब के स्थानीय निकाय चुनाव में कांग्रेस को मिली बड़ी सफलता ने कैप्टन अमरिंदर को और मजबूत कर दिया है। चूंकि अभी नगर निगमों में मेयर के पद महिलाओं और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित भी होने हैं जिस संबंध में आगामी सप्ताह अधिसूचना जारी होने की संभावना है। इसमें भी सारा खेल कैप्टन अमरिंदर के हाथ में ही रहने वाला है।


बठिंडा नगर निगम में अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह का दबदबा रहता है तो पार्षद जगरूप सिंह गिल मेयर पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। वह सातवीं बार पार्षद बने हैं और मुख्यमंत्री के करीबी माने जाते हैं। हाल ही में उन्होंने जिला योजना बोर्ड की चेयरमैनशिप को भी छोड़ा है। साफ है कि सीएम की ओर से उन्हें ही मेयर बनाए जाने को हरी झंडी मिल सकती है। हालांकि वित्तमंत्री मनप्रीत बादल भी यहां अपना उम्मीवार खड़ा करना चाहेंगे। इसके लिए सरकार की उस अधिसूचना का इंतजार किया जा रहा है जिसमें बठिंडा नगर निगम को जरनल व रिजर्व कैटागिरी में रखा जाना है। पहले बठिंडा नगर निगम में रिजर्व कैटागिरी का पार्षद मेयर बन सकता है जबकि हर चुनाव के बाद सरकार नए सिरे से नोटिफिकेशन जारी करती रही है इस स्थिति में अगर बठिंडा रिजर्व रहता है तो इसमें पूर्व जिला शहरी प्रधान अशोक कुमार का दावा मजबूत माना जा रहा है। वही सामान्य वर्ग में जगरुप सिंह गिल की दावेदारी पर मोहर लग सकती है। इन दोनों नेताओं का पोजटिव प्वाइंट यह है कि दोनों लंबे समय से कांग्रेस के साथ खड़े हैं। 


वही महिला आरक्षित होने की स्थिति में कई टैक्साली कांग्रेसियों की पत्नी दावेदारों में है लेकिन अनुभव के मामले में वार्ड नंबर 21 ले कांग्रेस की संतोष कुमारी महंत प्रबंल दावेदार मानी जा रही है। हालांकि वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल चुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा में संतोष महंत को विजयी बनाकर मेयर बनाने की बात भी कह चुके हैं। संतोष महंत तीसरी बार नगर निगम में पार्षद बनकर पहुंची है। महिला आरंक्षित मेयर होने की संभावना इस मायने में भी अहम मानी जा रही है कि निगम हाउस में महिला शक्ति का दबदबा रहा है जिसमें कांग्रेस टिकट पर 22 महिलाएं जीतकर हाउस में पहुंची है वही अकाली दल की विजयी हुई चार महिला पार्षदों को जोड़ दे तो सदन में 50 पार्षदों में 26 महिला पार्षद है। फिलहाल मेयर के चयन में पुरानी टक्साली कांग्रेसियों की आम सहमती के बाद सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के पद भी काफी अहम माने जाते हैं। इसके लिए प्रमुख दावेदारों में प्रवीण गर्ग, नेहा जिंदल, कमलेश मेहरा जैसे नाम प्रमुख है।  वही श्याम लाल जैन, मास्टर हरमंदर सिंह जैसे सीनियर पार्षद भी इस दौड़ में शामिल है।  श्याम लाल जैन ने अपने वार्ड में विरोध दलों को सबसे बड़े अंतर के साथ पराजित कर अपनी पैठ बनाने में सफलता हासिल की।  

फिलहाल नगर निगमों में मेयर का चयन करने के मामले में वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल अगले साल होने वाले विधानसभा के चुनाव को भी ध्यान में रखना चाहते हैं लेकिन कांग्रेस की तरफ से साल 2022 के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की रणनीति के चलते स्थानीय निकायों में चुनाव प्रक्रिया पर उनका सीधा प्रभाव रहेगा। 


इन मायनों में भी अहम है बठिंडा के निगम चुनावों के परिणाम

बठिडा में हुए निकाय चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत सबसे बेहतर रहा है इसका पूरा श्रेय वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को जाता है। इस स्थिति में बठिंडा में मेयर मुख्यमंत्री और वित्तमंत्री की पसंद का बनाने की पुरजोर कोशिश रहेगी। मनप्रीत सिंह बादल के एक माह तक लगातार किए प्रचार के चलते शिअद को दूसरे स्थान पर धकेलने में सफलता मिली है। आम आदमी पार्टी तीसरे व भाजपा चौथे स्थान पर रही है। कांग्रेस को सबसे ज्यादा 46.81 फीसद वोट मिले, जबकि शिअद को कांग्रेस से आधे 23.15 फीसद वोट मिले हैं। इसी प्रकार आम आदमी पार्टी को 13.12 फीसद वोट मिले हैं तो भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ 4.20 फीसद वोट मिले हैं। बहुजन समाज पार्टी को 0.49 फीसद तो सीपीआई को 0.05 फीसद वोट मिले हैं। वहीं आजाद उम्मीदवारों को 11.04 फीसद वोट मिले हैं। नोटा का बटन 1.10 फीसद लोगों ने दबाया है।


पूर्व मेयर बलवंत राय अपना प्रभाव दिखाने में रहे सफल

50 सदस्यीय नगर निगम में इस बार शिरोमणि अकाली दल के प्रत्याशी केवल सात सीटें ही जीत सके हैं, जबकि अन्य सभी 43 सीटों पर कांग्रेस ने अपना परचम लहरा दिया है। लेकिन शिअद की ओर से जो सात सीटें जीती गई हैं, उनमें तीन वार्डों की सीटें पूर्व मेयर बलवंत राय नाथ के पुराने वार्ड नंबर 33 का ही हिस्सा हैं। इस बार स्थानीय निकाय विभाग की ओर से नगर निगम चुनाव के लिए नई हदबंदी की गई है। इस नई हदबंदी में लगभग तमाम वार्डों की तस्वीर ही बदलकर रख दी गई है। 

नाथ के पुराने वार्ड को तीन वार्डों में बांटा

नई हदबंदी में पुराने वार्ड नंबर 33 को तीन वार्डों में बांट दिया गया है, जिसमें वार्ड नंबर 19, 20 और 22 बनाए दिए गए हैं। नई वार्डबंदी के अनुसार पूर्व मेयर का निवास अब वार्ड नंबर 22 के अधीन आता है। चुनाव परिणाम जब घोषित हुए तो इन तीनों सीटों से ही शिरोमणि अकाली दल के प्रत्याशी विजेता घोषित करार दिए गए। वार्ड नंबर 19 से शीला रानी ने कांग्रेस की परविदर कौर को 360 वोटर के अंतर से पराजित किया। इसी तरह वार्ड नंबर 20 से मक्खन सिंह ने कांग्रेस के प्रत्याशी हरमनदीप सिंह को 13 मतों के साथ व वार्ड नंबर 22 से सुरेश चौहान ने कांग्रेस प्रत्याशी नवीन वाल्मीकि को 201 वोटों के अंतर के साथ हराकर शिरोमणि अकाली दल का परचम लहराया है। अपने कार्यकाल में विकास पर विशेष जोर दिया

अपने पुराने वार्ड से संबंधित इन तीनों ही वार्डों में शिअद के विजय होने पर पूर्व मेयर बलवंत राय नाथ बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान स्लम एरिया में शामिल इन इलाकों के विकास पर विशेष जोर दिया गया था। इस इलाके के लोग पहले नरक जैसे इलाके में जिदगी व्यतीत कर रहे थे। यह नतीजे किए गए काम की बदौलत है।



शिअद के साथ पूरे विपक्ष का आरोप, जब नगर निगम मतदान 14 फरवरी को हुआ तो ईवीएम 16 फरवरी को क्यों हुई बंद, कांग्रेस ने मिलकर किया घपला इसलिए जाएंगे हाईकोर्ट


बठिडा:
नगर निगम चुनाव के नतीजों के बाद शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के पराजित उम्मीदवारों सहित विजेता पार्षदों ने भी ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगाए। पूर्व विधायक सरूप चंद सिगला ने कहा कि चुनाव 14 फरवरी को संपन्न हुए थे, लेकिन ईवीएम पर इसकी क्लोजिंग डेट 16 फरवरी दिखाई दे रही थी। ऐसे में स्पष्ट है कि मशीनों को चुनाव के बाद छेड़ा गया है। 

शिकायत के बावजूद नहीं की गई कार्रवाई: गोबिंद

शिअद वर्कर गोबिद मसीह ने बताया कि उनकी मां शीला रानी वार्ड 19 में से चुनाव लड़ी हैं। हालांकि उनकी मां की चुनाव में जीत हुई है, लेकिन उन्होंने देखा कि जब कांउटिग हो रही थी तो मशीनों के ऊपर 14 फरवरी के बजाये 16 फरवरी का सुबह दस बजे का समय आ रहा था। हमने मौके पर तैनात अमले से इसके बारे में पूछा भी लेकिन किसी ने भी कोई तस्ल्लीबख्श जबाव नहीं दिया।

कांग्रेस ने चुनाव जीता नहीं, लूटा: सिद्धू

शिअद के शहरी प्रधान राजबिदर सिंह सिद्धू ने कहा कि चुनाव को कांग्रेस ने जीता नहीं बल्कि लूटा है। हमने चुनाव आयोग को लिखित शिकायत की है। सरेआम धांधली हुई है। इस संबंध में वीरवार को शिअद, बीजेपी, आप व आजाद प्रत्याशियों द्वारा मिल कर रोष प्रदर्शन भी किया गया। 

हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे: सिंगला

सरूप चंद सिगला ने कहा कि कांग्रेस द्वारा प्रत्याशियों को चुनाव से पहले डराया धमकाया भी गया। बूथ कैप्चरिग भी की गई। इसके बावजूद सात उम्मीदवार जीते हैं। उन्होंने कहा कि हमने बठिडा के डीसी के अलावा चुनाव आयोग को भी शिकायत की है। इसके बाद हाइ कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे। नगर निगम चुनाव के बाद पराजित उम्मीदवारों ने ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं।


गौरतलब है कि गत दिवस नगर निगम चुनावों में मतगणना के दिन बड़ी धांधली के आरोप लगा सभी पार्टियों ने प्रेसवार्ता करने के साथ धरना लगाकर फिर से मतदान करने की मांग की थी। आजाद उम्मीदवारों द्वारा सांझे रूप से चुनाव कमीशन व कांग्रेस सरकार का पुतला दहन किया गया 200 से करीब पार्टियों में आजाद उम्मीदवारों द्वारा इस मतगणना के खिलाफ माननीय उच्च अदालत में पिटीशन भी दायर की गई है। सभी ने एक स्वर में कहा कि  पहले तो चुनावों के दिन मौजूदा सरकार द्वारा जमकर गुंडागर्दी की गई और फिर मतगणना के समय सरेआम अबजर्वरो द्वारा व मौजूदा सरकार की तरफ से लोकतंत्र की हत्या की गई। किसी भी उम्मीदवार  या काउंटिंग एजेंट को मशीनों की सीले चेक नहीं करवाई गई और मशीन में चुनाव की तारीख के बदले 16 फरवरी क्लोजिंग दिन दिखाया जा रहा था। जिसका एतराज करने पर  मौजूदा अफसरों द्वारा कोई कार्रवाई करने की बजाय कैंडिडेट व उनके काउंटिंग एजेंट को वहां से बाहर निकलने के लिए कहा गया। जिसके खिलाफ उन्होंने तुरंत एतराज भी दर्ज कराया लेकिन मौजूदा प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।

 भाजपा के प्रदेश सचिव सुखपाल सिंह सरां ने कहा के प्रदेश  प्रदेश सरकार बेनकाब हो चुकी है और गुंडागर्दी  व सरकारी बल पर निगम में कब्जा जमाने के लिए तैयारी कर रही है जो की सरेआम लोकतंत्र की हत्या है। जिसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सुखपाल सरां ने कहा कि धांधली का इस बात से स्पष्ट होता है कि स्ट्रांग रूम में कोई सीसीटीवी कैमरों से निगरानी नही की गई, और न ही मतगणना की कोई वीडियोग्राफी हुई। जबकि उम्मीदवार बार बार एतराज जता रहे थे, उन्होंने मांग की की सभी मशीनों को केंद्र सरकार कब्जे में लेकर उच्च स्तरीय जांच करवाएं। सरां ने कहा उन्होंने पहले ही शंका जाहिर की थी कि इस तरह पंजाब पुलिस साफ सुथरे चुनाव नही करवा सकेगी। इसलिए केंद्रीय सुरक्षा बल लगाए जाएं लेकिन कांग्रेस के दबाब में ऐसा नही हुआ। अब इसके खिलाफ माननीय उच्च अदालत में केस दर्ज किया जाएगा और इसे लेकर आजाद उम्मीदवारों सहित सभी पार्टियों के  कैंडिडेट ओं द्वारा पिटीशन दायर कर चुके हैं और इस पर सख्त नोटिस लिया जाएगा। अकाली दल के राकेश काका ने कहा कि चुनावो के समय जो गुंडागर्दी की गई व नतीजों में जो गड़बड़ की गई वो असहनीय है जिसने समाज को शर्मसार किया है। बठिण्डा सोशल ग्रुप के डॉक्टर तरसेम गर्ग ने कहा कि लोकतंत्र के लिए काला दिन है अगर ऐसे ही चुनाव धांधली करके जीतने थे तो चुनाव की जरूरत ही क्या थी। आजाद उम्मीदवार अलका चावला ने कहा कि उनकी आवाज दबाई गई बार बार शोर मचाने पर भी किसी ने कोई सुनवाई  की गई।

बठिंडा नगर निगम चुनावों में पूर्व मेयर बलवंत राय का जलवा रहा बरकरार, अकाली दल की झोली में डाली 7 में से 3 सीटे


बठिंडा:
नगर निगम के चुनाव में बेशक कांग्रेस ने 43 सीटें जीतकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है और 53 साल से शिरोमणि अकाली दल के गढ़ के तौर पर जाने जाते इस शहर में अकालियों की भी बुरी हालत करके रख दी है। अकाली दल के दिग्गज नेताओं के पास भी अपनी इतनी बड़ी हार और कांग्रेस की जबरदस्त जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए कोई शब्द नहीं है। इस बीच ही नगर निगम के पूर्व मेयर व शिअद नेता बलवंत राय नाथ के अपने वार्ड और आसपास के इलाके में कराए गए विकास कार्यों के चलते उनका दबदबा पूरी तरह से कायम रहा है।

50 सदस्यीय नगर निगम में इस बार शिरोमणि अकाली दल के प्रत्याशी केवल सात सीटें ही जीत सके हैं, जबकि अन्य सभी 43 सीटों पर कांग्रेस ने अपना परचम लहरा दिया है। लेकिन शिअद की ओर से जो सात सीटें जीती गई हैं, उनमें तीन वार्डों की सीटें पूर्व मेयर बलवंत राय नाथ के पुराने वार्ड नंबर 33 का ही हिस्सा हैं। इस बार स्थानीय निकाय विभाग की ओर से नगर निगम चुनाव के लिए नई हदबंदी की गई है। इस नई हदबंदी में लगभग तमाम वार्डों की तस्वीर ही बदलकर रख दी गई है। नाथ के पुराने वार्ड को तीन वार्डों में बांटा

नई हदबंदी में पुराने वार्ड नंबर 33 को तीन वार्डों में बांट दिया गया है, जिसमें वार्ड नंबर 19, 20 और 22 बनाए दिए गए हैं। नई वार्डबंदी के अनुसार पूर्व मेयर का निवास अब वार्ड नंबर 22 के अधीन आता है। चुनाव परिणाम जब घोषित हुए तो इन तीनों सीटों से ही शिरोमणि अकाली दल के प्रत्याशी विजेता घोषित करार दिए गए। वार्ड नंबर 19 से शीला रानी ने कांग्रेस की परविदर कौर को 360 वोटर के अंतर से पराजित किया। इसी तरह वार्ड नंबर 20 से मक्खन सिंह ने कांग्रेस के प्रत्याशी हरमनदीप सिंह को 13 मतों के साथ व वार्ड नंबर 22 से सुरेश चौहान ने कांग्रेस प्रत्याशी नवीन वाल्मीकि को 201 वोटों के अंतर के साथ हराकर शिरोमणि अकाली दल का परचम लहराया है। अपने कार्यकाल में विकास पर विशेष जोर दिया

अपने पुराने वार्ड से संबंधित इन तीनों ही वार्डों में शिअद के विजय होने पर पूर्व मेयर बलवंत राय नाथ बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान स्लम एरिया में शामिल इन इलाकों के विकास पर विशेष जोर दिया गया था। इस इलाके के लोग पहले नरक जैसे इलाके में जिदगी व्यतीत कर रहे थे। यह नतीजे किए गए काम की बदौलत है।

निगम चुनाव के बाद सियासी हलचल : मोगा में 10 में से 9 आजाद पार्षद कांग्रेस में शामिल, अब मेयर कांग्रेस का बनना तय


मोगा
नगर निगम चुनाव में अल्पमत में रह गई कांग्रेस, वीरवार को बहुमत में आ गई। वीरवार को मोगा निगम चुनाव में आजाद जीते 10 पार्षदों में से 9 ने बाकायदा कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली है। इस समय कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ तथा मोगा के चुनाव प्रभारी केबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू भी उपस्थित थे। 

यह स्पष्ट कर दिया था कि इस बार कांग्रेस बहुमत से दूर रहेगी और बहुमत की चाबी आजाद पार्षदों के हाथ में होगी और कांग्रेस पार्टी आजाद की मदद से अपना पहला मेयर बनाएंगे। जसप्रीत सिंह विक्की, गुरप्रीत सिंह सचदेवा, प्रवीण मक्कड़, बूटा सिंह, सुखविंदर कौर, रीमा सूद, तीर्थ राम, पायल गर्ग तथा सुरिंदर सिंह आजाद उम्मीदवार कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए हैं। इस समय विधायक डाॅ. हरजोत कमल, केबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू तथा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ भी उपस्थित थे।

फंसेगा पेंच.. कुछ जीते कांग्रेसी विधायक को कर रहे पेशकर कि डॉ. रजिंदर कौर को मेयर बनाने के लिए छोड़ देंगे अपनी सीट

बहुमत के लिए कांग्रेस को 5 और शिअद को 11 सीटों की थी जरूरत | मोगा नगर निगम 50 सीटों वाली निगम है और यहां बहुमत के लिए 26 का आंकड़ा चाहिए। इस बार दोनों बड़ी पार्टीयों, कांग्रेस व अकाली दल को बहुमत नहीं मिला। कांग्रेस को 20 व अकाली दल को 15 सीटें मिलीं, जिस कारण कांग्रेस भी अल्पमत में ही थी। मोगा में 10 आजाद भी जीते हैं, जिनमें से 9 के कांग्रेस में शामिल होने के बाद अब कांग्रेस का गणित 29 सीटों का हो गया है।डॉ. रजिंदर कौर हार चुकी हैं और मोगा में सबसे ज्यादा 992 मतों के

डॉ. रजिंदर कौर हार चुकी हैं और मोगा में सबसे ज्यादा 992 मतों के अंतर से जीतीं अमनप्रीत मान का भी मेयर पद के लिए दावे की संभावना-मोगा के कांग्रेस विधायक डाॅ. हरजोत कमल की धर्म पत्नी डाॅ. रजिंदर कौर मेयर का चेहरा लेकर चुनाव मैदान में थी, परंतु वो अकाली दल की उम्मीदवार बीबी हरविंदर कौर गील से 151 मतों से हार गईं। बेशक वो चुनाव हार गए हैं, परंतु विधायक ग्रुप से सुगबुहाट हो रही है कि डाॅ. रजिंदर कौर ही मेयर बनेगीं, क्योंकि बिना चुनाव लड़े वो 6 महीने के लिये मेयर बन सकती हैं और फिर 6 महीनों के अंदर-अंदर उन्हें चुनाव लड़कर जीतना होगा और इसके लिये कुछ जीते कांग्रेसियों ने विधायक को पेशकश की है कि वो रजिंदर कौर के लिए अपनी सीट छोड़ने को तैयार हैं, परंतु कांग्रेस में ही वार्ड नंबर 3 से जीती अमनप्रीत कौर मान की भी मेयर पद पर प्रवल दावे की संभावना है। उनके पती व कांग्रेसी नेतामनजीत मान लंबे समय से इस वार्ड से चुने आ रहे हैं और इस बार वार्ड महिला के लिए आरक्षित होने के बाद उनकी पत्नी ने चुनाव लड़ीं और मोगा में सबसे ज्यादा अंतर 992 मतों के अंतर से जीतीं।

वहीं 2015 में उनके पती मनजीत मान ही इकलौते कांग्रेस के पार्षद थे, जिन्होंने पार्टी की इज्जत रखी थी। हालांकि मेयर के लये पार्टी हाई कमांड क्या निर्णय लेती है, यह आने वाले 1-2 दिनों में साफ हो जायेगा परंतु यह तय है कि मेयर कांग्रेस ही बनाने जा रही है।

पंजाब के फरीदकोट में युवा कांग्रेस अध्यक्ष की गोली मारकर हत्या, फरीदकोट यूथ कांग्रेस चीफ मर्डर में नया मोड़, फेसबुक पोस्ट में दावा- गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने हत्या करवाई

 


फरीदकोट। यहां युवा कांग्रेस अध्यक्ष नेता गुरलाल पहलवान की गोली मारकर हत्या किए जाने से शहर में सनसनी फैल गई है। गोलेवाला से जिला परिषद सदस्य व कांग्रेस नेता 38 वर्षीय गुरलाल पहलवान की वीरवार की शाम 05:00 बजे जुबली चौक पर बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। घटना की सूचना पर बड़ी संख्या में पुलिस के अधिकारी व जवान मौके पर पहुंचे और जांच शुरु कर दी है। हमलावरों ने गुरलाल पर 11 राउंड फायर किए, जिनमें से छह गोलियां उसे लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मामले में सूबे के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं।

फरीदकोट में कांग्रेस नेता की हत्या कर दी गई है।

गुरलाल, फरीदकोट के विधायक व मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार कुशलदीप सिंह ढिल्लो का बेहद करीबी था। घटना जिस स्थल पर घटित हुई उससे चंद कदम की दूरी पर पुलिस का नाका था, फिर भी हत्यारों ने जुबली चौक पर स्थित एक एमीग्रेशन सेंटर से बाहर निकलते ही ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर गुरलाल की हत्या कर दी। घटना को अंजाम देने के उपरांत हत्यारे बाइक से मौके से फरार हो गए।


घटना की सूचना पर मौके पर पहुंचे थाना सिटी के प्रभारी गुरविंदर सिंह भूल्लर, डीएसपी अवतार चंद्र अन्य अधिकारियों ने घटना पर हत्यारों द्वारा प्रयुक्त किए गए हथियारों के साक्ष्य के रूप में राउंड के खोखे आदि एकत्र करने के साथ सीसीटीवी की फुटेज जुटानी शुरु कर दी है।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिए जांच के आदेश

राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरलाल पहलवान की हत्या को घिनौना कृत्य बताया है। उन्होंने डीजीपी पंजाब को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह एक दिल दहला देने वाली घटना है। उन्होंने कहा कि वारदात को अंजाम देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। डीजीपी दिनकर गुप्ता को मामले की जांच कर आरोपितों को जल्द पकड़ने के आदेश दिए गए हैं।  

एसएचओ भुल्लर ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है, फिल हाल अभी कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है, सीसीटीवी फुटेज में हत्यारें गोली चलाते हुए दिखे है। घटना में हत्यारों द्वारा 11 राउंड प्रयोग किए गए है, जिनकी खोल बरामद हो गई है।

फरीदकोट यूथ कांग्रेस चीफ मर्डर में नया मोड़, फेसबुक पोस्ट में दावा- गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने हत्या करवाई

आपसी रंजिश में गोलेवाला से जिला परिषद सदस्य व यूथ कांग्रेस के जिला प्रधान 38 वर्षीय गुरलाल पहलवान की हत्या में बड़ा खुलासा हुआ है। वीरवार की रात को जेल में गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई की फेसबुक आइडी से एक पोस्ट डालकर दावा किया गया है कि हत्या लारेंस बिश्नोई ने करवाई है। पुलिस जांच कर रही है कि यह आइडी किसकी है और इसे कहां से आपरेट किया गया है।

बता दें कि वीरवार शाम 5 बजे दो हमलावरों ने गुरलाल को ताबड़तोड़ गोलियां मारी थी। घटना शहर के जुबली चौक पर हुई थी और मौके से चंद कदम की दूरी पर ही पुलिस का नाका लगा था। चौक पर स्थित एक इमीग्रेशन सेंटर से बाहर निकल कर कार में बैठते समय हमलावरों ने गुरलाल पर पीछे से ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। गुरलाल के जमीन पर गिरने के बाद भी हमलावरों ने छाती पर फिर से गोलियां चलाईं। घटना के बाद हमलावर बाइक पर बैठ कर फरार हो गए। घटना इमीग्रेशन सेंटर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। पुलिस ने फुटेज लेकर हमलावरों की पहचान की कोशिश शुरू कर दी है। उधर, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्विटर पर कहा कि वह गुरलाल की हत्या से स्तब्ध हैं। उन्होंने घटना की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।

हमलावरों ने कुल 13 राउंड फायर किए

हत्यारों ने कुल 13 राउंड फायरिंग की। माना जा रहा है कि यह घटना आपसी रंजिश का नतीजा है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि रंजिश किस बात को लेकर थी। पुलिस ने अज्ञात लोगों पर हत्या का मामला दर्ज किया है। गुरलाल फरीदकोट के विधायक व मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार कुशलदीप सिंह ढिल्लों का बेहद करीबी था। गुरलाल पर भी तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं।

Indian Railway: पंजाब की 12 नई ट्रेनों में करंट टिकट लेकर यात्री कर सकेंगे सफर, जानें आपको कैसे मिलेगा लाभ

 


लुधियाना। Indian Railway: कोविड संकट के बाद एक बार फिर रेलवे पटरी पर लौटनी आरंभ हो गई है। नार्दन रेलवे ने 22 फरवरी से 35 नई ट्रेनें चलाने का फैसला लिया है। नई चलाने वाली ट्रेनों के नाम व समय सूची भी जारी कर दी गई है। इन नई ट्रेनों में 12 ट्रेनें फिरोजपुर डिवीजन में तो 23 ट्रेनें नार्दन रेलवे के अन्य डिवीजन में चलेंगी। इन ट्रेनाें में यात्रियाें काे करंट टिकट लेकर सफर करने की सुविधा दी जा रही है।फिरोजपुर डिवीजन में चलने वाली ट्रेनों में लुधियाना से अंबाला के बीच चलने वाली ट्रेन को काफी प्रमुख माना जा रहा है। क्योंकि इस ट्रेन से अंबाला, राजपुरा, गोबिंदगढ, खन्ना, दोराहा व साहनेवाल से कई लोग लुधियाना में काम करने के लिए पहुंचते है। इस ट्रेन का समय सुबह सवा आठ बजे लुधियाना रेलवे स्टेशन पर पहुचंने का है, जोकि काम करने वालों के लिए काफी उचित है। वहीं इस ट्रेन से लुधियाना से अंबाला के लिए चलने का समय शाम सवा चार बजे का है।

पैसेंजर ट्रेनाें को मेल बनाकर चला रहा रेलवे

इसके इलावा फिरोजपुर डिवीजन में चलने वाली ट्रेनों में पठानकोट से जोगिंदरनगर, बठिंडा से फिरोजपुर, अमृतसर से पठानकोट, बनिहाल से बारामूला व पठानकोट-उधमपुर वाली ट्रेन है। बड़ी बात यह है कि इन नई चलाई जाने वाली सभी ट्रेनों में यात्री करंट टिकट लेकर सफर कर सकेंगे। वहीं चिंता की बात यह भी है कि यह सभी ट्रेनें पैसेंजर है जिनको मेल बना कर चलाया जा रहा है। ऐसे में हर यात्री से मेल ट्रेन का किराया वसूला जाएगा।

Punjab Municipal polls: विरोध की आंधी में भी भाजपा ने मौजूदगी दर्ज कराई, जानें क्‍या हैं आगे के संकेत


चंडीगढ़।
पंजाब के स्‍थानीय निकाय चुनाव में तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने में कामयाब रही। इसके साथ ही पार्टी ने राज्‍य की सियासत के लिए अपने संकेत भी दे दिए। शिरोमणि अकाली दल (SAD) से गठबंधन टूटने और किसान विरोध के बीच भाजपा ने आठ नगर निगम के चुनाव में 20 और 109 नगर काउंसिल में 29 सीटों पर हासिल पर जीत हासिल की। शिअद से गठबंधन टूटने के बाद उसने यह पहला चुनाव लड़ा। भारी विरोध और हमलों के बावजूद वह इस चुनाव में 60 फीसद सीटोें पर उम्‍मीदवार खड़े करने में सफल रही।

नगर निगम में 20 और 109 नगर काउंसिल में 29 सीटों पर हासिल की जीत

भाजपा इस बात को लेकर राहत महसूस कर रही है कि राज्य में कृषि कानून बिलों को लेकर जिस प्रकार से उसका विरोध हो रहा था, उस स्थिति में भी भाजपा का खाता खुलना ही बड़ी बात है। वहीं, पार्टी की चिंता यह है कि मुकेरियां, होशियारपुर, दसुआ, पठानकोट जैसे क्षेत्र जोकि भाजपा के मजबूत स्तंभ माने जाते हैं। वहां पर भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा।
अश्‍वनी शर्मा बोले- भाजपा के लिए बड़ी चुनौती थे ये चुनाव, हमें रोकने को कांग्रेस ने पूरा दम लगाया

भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा कहते है, निश्चित रूप से निकाय चुनाव में भाजपा के लिए खासी चुनौती भरा था। सत्तारूढ़ कांग्रेस ने भाजपा को रोकने के लिए पूरा जोर लगा रखा था। भाजपा पहली बार अकेले दम पर चुनाव मैदान में थी। तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भाजपा अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने में कामयाब रही।

अहम पहलू यह है कि कृषि कानूनों को लेकर पूरे पंजाब में भाजपा नेताओं पर हमले हुए। यहां तक की भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा, पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला समेत वरिष्ठ नेताओं पर हमले हुए। किसान व किसान समर्थकों ने भाजपा के प्रचार अभियान को रोका, वहीं कई जगह पर तो भाजपा के दफ्तर को भी नहीं खुलने दिया। भाजपा के लिए परेशानी वाली बात यह भी थी कि कृषि कानूनों को लेकर लोगों में इतना गुस्सा देखने को मिला कि भाजपा के उम्मीदवारों को लोगों ने अपने घरों से भी भगा दिया। तमाम विरोध के कारण भाजपा को सभी काउंसिलों में उम्मीदवारों को खड़ा करना भी मुश्किल हो गया था।
भाजपा के महासचिव सुभाष शर्मा कहते हैं कि चुनाव परिणाम आज भले ही हमारे लिए प्रतिकूल हो लेकिन एक बात तय है कि पंजाब में विपक्ष के लिए स्पेस अब भी खाली है। शिरोमणि अकाली दल का प्रदर्शन भी उतना प्रभावशाली नहीं रहा। इसके साथ ही पंजाब में खुद को राजनीतिक विकल्प बताने वाली आम आदमी पार्टी महज 57 सीटें ही हासिल कर सकी। आप का इस चुनाव में कहीं कोई विरोध नहीं था और वह पंजाब विधान सभा में मुख्‍य विपक्षी पार्टी भी है।

सुभाष शर्मा कहते है, इस चुनाव में सबसे ज्यादा विरोध भाजपा को झेलना पड़ा। भाजपा के मुकाबले अकाली दल का इतना विरोध नहीं था। वहीं, कांग्रेस पार्टी का पूरा फोकस भाजपा को ही रोकने पर लगा हुआ था। इसके बावजूद भाजपा अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने में कामयाब रही है।

वहीं, भाजपा यह मान रही है कि किसान आंदोलन के खत्म होने के बाद जब स्थितियां सामान्य होनी शुरू होंगी तो  भाजपा को अपना विस्तार करने का पूरा मौका मिलेगा। करीब ढ़ाई दशक के बाद यह पहला मौका था जब भाजपा अकेले दम पर चुनाव लड़ी थी। गठबंधन में रहते हुए भाजपा महज नगर निगम व नगर काउंसिल की 33 फीसदी सीटों पर ही चुनाव लड़ती थी। इसी प्रकार विधान सभा की 117 सीटों में से मात्र 23 सीटें भाजपा के खाते में थी। बाकी की सीटों पर शिरोमणि अकाली दल चुनाव लड़ती थी।

Thursday, February 18, 2021

पंजाब में अपनी पसंद के मेयर बनाएंगे कैप्‍टन, ताकि आगे काेई चुनाैती न दे, जानें कौन-कौन हैं दावेदार


चंडीगढ़।
 पंजाब के आठ नगर निगमों में जीत के बाद अब इनके लिए मेयर के चयन को लेकर कांग्रेस में माथापच्ची शुरू हो गई है। स्थानीय मंत्री और विधायक अपनी पसंद का मेयर बनाने की कोशिश में जुटे हैं। संवैधानिक तौर पर मेयर का चयन हाउस में जुड़ने वाले पार्षदों को करना है लेकिन असल में मुहर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से ही लगनी है। ऐसे में कैप्‍टन अमरिंदर सोच-समझ कर ऐसे लोगों को मेयर बनाएंगे जिससे भविष्‍य में कोई चुनौती ने पैदा करे और सारा कुछ नियंत्रण में रहे।
सात नगर निगमों में कांग्रेस के मेयर बनना तय, मोगा में भी पार्टी का मेयर बनने की उम्‍मीद

दरअसल, पंजाब के स्थानीय निकाय चुनाव में कांग्रेस को मिली बड़ी सफलता ने कैप्टन अमरिंदर को और मजबूत कर दिया है। आठ नगर निगमों में से सात निगमों बठिंडा, पठानकोट, बटाला, कपूरथला, होशियारपुर, मोहाली व अबोहर में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है। मोगा में बहुमत नहीं मिला है, लेकिन उम्मीद है कि कांग्रेस का ही मेयर बनेगा। चूंकि अभी इन आठों नगर निगमों में मेयर के पद महिलाओं और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित भी होने हैं इसलिए सारा खेल कैप्टन अमरिंदर के हाथ में ही है।
कैप्‍टन अमरिंदर मेयर चयन में अगले विधानसभा चुनाव का भी रखेंगे ध्‍यान

नगर निगमों में मेयर का चयन करने के मामले में मुख्यमंत्री अगले साल होने वाले विधानसभा के चुनाव को भी ध्यान में रखेंगे। हालांकि 2017 में उन्होंने कहा था कि वह अपना अंतिम चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन अब उन्होंने कहना शुरू कर दिया कि वह फिर से चुनाव लड़ना चाहेंगे। कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ ने भी बुधवार को 'कैप्टन फॉर 2022' स्‍लोगन जारी कर इसको लेकर बात आगे बढ़ा दी है।
साफ है कि इससे कैप्टन के बाद  लीडरशिप की उम्‍मीद करने वाले नेताओं इससे निराश होगी। ऐसे नेता कैप्‍टन अमरिंदर के लिए कोई परेशानी न पैदा करें इसलिए स्थानीय इकाइयों के प्रधान, निगमों के मेयर, विधायक और जिला प्रधान तक बनवाने में कैप्टन अपने हिसाब से लगवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

अमृतसर में मेयर बनाने के मामले में कैप्टन ने उस समय स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की भी चलने नहीं दी थी। निकाय मंत्री होने के नाते सिद्धू इस पद अपने नजदीकी को बिठाना चाहते थे, लेकिन कैप्टन  ऐसा लाभ सिद्धू को देने के मूड में नहीं थे। यही वजह रही कि कर्मजीत सिंह रिंटू के नाम को सीएम ने हरी झंडी दी और सिद्धू अपने पसंद के नेता काे यह पद नहीं दिला सके।

बठिंडा में जगरूप सिंह गिल मेयर पद के प्रबल दावेदार

अब यह स्थिति इस बार के स्‍थानीय निकाय चुनाव के बाद भी दिख सकती है। बठिंडा में जगरूप सिंह गिल मेयर पद के प्रबल दावेदार हैं। वह सातवीं बार पार्षद बने हैं और मुख्यमंत्री के करीबी माने जाते हैं। हाल ही में उन्होंने जिला योजना बाेर्ड की चेयरमैनशिप को भी छोड़ा है। साफ है कि सीएम की ओर से उन्हें ही मेयर बनाए जाने को हरी झंडी है। हालांकि वित्तमंत्री मनप्रीत बादल भी यहां अपना उम्मीवार खड़ा करना चाहेंगे।

मोहाली में स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के भाई अमरजीत जीती भी दौड़ में आगे हैं। बड़ा सवाल है क्या भाई होने के नाते बलबीर सिंह सिद्धू उन्हें मेयर बनवा पाएंगे या फिर यहां भी कोई नया चेहरा देखने को मिलेगा। बटाला नगर निगम पर कांग्रेस ने 35 सीटे जीतकर कब्जा कर लिया है। यहां कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और उनके प्रतिद्वंद्वी व पूर्व विधायक अश्विनी सेखड़ी के बीच अपने-अपने उम्मीदवार को मेयर बनाने की माथापच्ची होना तय है।
पठानकोट में मेयर की दौड़ में पन्ना लाल भाटिया सबसे आगे हैं, लेकिन अगर यह सीट महिला के लिए आरक्षित हो जाती है तो कोमल के नाम पर मुहर लग सकती है। उनके अलावा अजय कुमार और विक्रम महाजन भी दौड़ में हैं। अबोहर में निश्चित रूप से पार्टी प्रधान अपनी पसंद का मेयर बनाना चाहेंगे। पांचवी बार पार्षद बने विमल ठठई का नाम सबसे आगे माना जा रहा है।

बठिंडा नगर निगम चुनावों में धांधली के आरोप लगा चुनाव फिर से करवाने की मांग, राजनीतिक दलों ने सड़कों पर किया प्रदर्शन


बठिंडा.
नगर निगम चुनाव नतीजों में धांधली के आरोप लगा समूह विपक्षी दलों ने सड़कों में उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने सत्ताधारी दल पर चुनावों में धक्केशाही करने व ईवीएम मशीनों से छोड़खानी करने के आरोप लगाए। मामले में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के साथ पंजाब चुनाव आयोग, राष्ट्रीय चुनाव आयोग को लिखित शिकायत भेजकर मामले में चुनाव रद्द करने की मांग की गई। प्रदर्शन में आप, भाजपा, आजाद व अकाली दल से संबंधित उम्मीदवारों के साथ उनके समर्थक हाजिर रहे। उन्होंने कहा कांग्रेस ने चुनाव प्रचार से लेकर चुनाव संपन्न होने तक लोगों को धमकाने, उन्हें प्रचार करने से रोकने, मतदान वाले दिन जाली वोट डलवाने व बाद में चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए मशीनों के साथ छोड़खानी की। इस बाबत मौके पर उम्मीदवारों ने विरोध जताया लेकिन उनकी एक न सुनी गई व उन पर मामले दर्ज करने की धमकी दी गई। इस संबंध में राजनीतिक दलों ने निष्पक्ष चुनाव फिर से करवाने व पहले घोषित नतीजों को रद्द करने की मांग रखी।  
नगर निगम चुनावों में कांग्रेस की हुई गुंडागर्दी के बाद मतगणना के दिन बड़ी धांधली सामने आने पर सभी पार्टियों में आजाद उम्मीदवारों द्वारा सांझे रूप से चुनाव कमीशन व कांग्रेस सरकार का पुतला दहन किया गया। 200 से करीब पार्टियों सेे जुुुड़े और आजाद उम्मीदवारों द्वारा इस मतगणना के खिलाफ माननीय उच्च अदालत में पिटीशन भी दायर की गई। सभी ने एक स्वर में कहा कि  पहले तो चुनावों के दिन मौजूदा सरकार द्वारा जमकर गुंडागर्दी की गई और फिर मतगणना के समय सरेआम अबजर्वरो द्वारा व मौजूदा सरकार द्वारा लोकतंत्र की हत्या की गई किसी भी उम्मीदवार व काउंटिंग एजेंट को मशीनों की सीले चैक नहीं करवाई गई और मशीन में चुनाव की तारीख के बदले 16 फरवरी क्लोजिंग दिन दिखाया जा रहा था। जिसका एतराज करने पर  मौजूदा अफसरों द्वारा कोई कार्रवाई करने की बजाय कैंडिडेट व उनके काउंटिंग एजेंट को वहां से बाहर निकलने के लिए कहा गया। जिसके खिलाफ उन्होंने तुरंत एतराज भी दर्ज कराया लेकिन मौजूदा प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। भाजपा के प्रदेश सचिव सुखपाल सिंह सरां ने कहा के प्रदेश  प्रदेश सरकार बेनकाब हो चुकी है और गुंडागर्दी  व सरकारी मशीनरी के  बल पर निगम में कब्जा जमाने के लिए तैयारी कर रही है जो की सरेआम लोकतंत्र की हत्या है। जिसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरां ने कहा कि धांधली का इस बात से स्पष्ट होता है कि स्ट्रांग रूम में कोई सीसीटीवी कैमरों से निगरानी नही की गई, और न ही मतगणना की कोई वीडियोग्राफी हुई, जबकि उम्मीदवार बार बार एतराज जता रहे थे। उन्होंने मांग की की सभी मशीनों को केंद्र सरकार कब्जे में लेकर उच्च स्तरीय जांच करवाएं। सरां ने कहा उन्होंने पहले ही शंका जाहिर की थी कि इस तरह पंजाब पुलिस साफ सुथरे चुनाव नही करवा सकेगी सोो केंद्रीय सुरक्षा बल लगाए जाएं लेकिन कांग्रेस के दबाब में ऐसा नही हुआ। अब इसके खिलाफ माननीय हाईकोर्ट में केस किया जाएगा और इसे लेकर आजाद उम्मीदवारों सहित सभी पार्टियों के  कैंडिडेट द्वारा पिटीशन दायर कर चुके हैं और इस पर सख्त नोटिस लिया जाएगा। अकाली दल के राकेश काका ने कहा कि चुनावो के समय जो गुंडागर्दी की गई व नतीजों में जो गड़बड़ की गई वो असहनीय है जिसने समाज को शर्मसार किया है। बठिण्डा सोशल ग्रुप के डॉक्टर तरसेम गर्ग ने कहा कि लोकतंत्र के लिए काला दिन है अगर ऐसे ही चुनाव धांधली करके जीतने थे तो चुनाव की जरूरत ही क्या थी। आजाद उम्मीदवार अलका चावला ने कहा कि उनकी आवाज दबाई गई बार बार शोर मचाने पर भी किसी ने कोई सुनवाई  की गई।

फोटो -बठिंडा में फायर ब्रिग्रेड चौक में चुनावों में धांधली के आरोप लगा विरोध प्रदर्शन करते विपक्षी राजनीतिक दलों के उम्मीदवार। 

Bathinda-कांग्रेस के विकास एजेंडे के सामने अकाली दल रहा कमजोर तो आप व भाजपा नहीं कर सके मुकाबला


-अकाली दल से कई दिग्गज नेता कांग्रेस में गए जिससे कांग्रेस हुई मजबूत वही चुनाव प्रचार में भी मारी बाजी  
बठिंडा. बठिडा नगर निगम चुनावों में कांग्रेस का विकास एजेंडा दूसरी पार्टियों पर भारी पड़ गया। निगम पर 53 साल बाद कांग्रेस का कब्जा हुआ है। हालांकि बठिंडा को निगम बने 16 साल के करीब हुआ है लेकिन इससे पहले रही कौंसिल में भी कांग्रेस को अपना प्रधान व अब मेयर बनाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। कांग्रेस पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए 50 वार्डो में से 43 पर परचम लहराया है, जबकि 53 साल से निगम पर काबिज शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को पहली बार सात सीटें ही मिल पाईं।









 वहीं आम आदमी पार्टी (आप) व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपना खाता तक नहीं खोल पाए। बठिडा के पचास वार्डों में से 1, 7, 8, 13, 19, 20 व 22 में शिअद ने जीत दर्ज कराई है, जबकि बाकी के वार्डों में कांग्रेस ने जीत प्राप्त की है। फिलहाल अकाली दल की हार के लिए जहां कांग्रेस का चुनाव से काफी पहले शुरू हुआ प्रचार जिम्मेवार रहा वही अकाली दल में पिछले चार साल से लगातार हो रहे बिखराव ने भी उन्हें पराजय की तरफ धकेला। अकाली दल के दर्जनों धुरंधर जो पार्टी को खड़ा करने में अहम रहे वह कांग्रेस ज्वाइन कर गए। वही कांग्रेस के पास एक दर्जन से अधिक उम्मीदवार ऐसे थे जो अकाली दल छोड़कर कांग्रेस में आए थे। इस उथलपुथल ने अकाली दल को कमजोर व कांग्रेस को मजबूत करने का काम किया। यही नहीं अकाली दल का भाजपा के साथ गठजोड़ टूटना व किसानों के आंदोलन को मजबूती से पकड़ने में नाकामी ने शहर के जाट वोट व अग्रवाल वोट को अपने खेमे में करने में नाकाम रही। हालांकि दलित वोट ने अकाली दल को काफी स्पोर्ट किया। इसके पीछे लाइन पार इलाके में तत्कालीन मेयर बलवंत राय नाथ का प्रभाव माना जा रहा है। 
बठिडा नगर निगम चुनाव में ज्यादातर वार्डों में मुकाबला अकाली दल व कांग्रेस का ही रहा। यानि कि दूसरे स्थान पर शिअद या कांग्रेस के उम्मीदवार ही रहे। जबकि आम आदमी पार्टी महज आठ वार्डों में ही दूसरा स्थान प्राप्त कर पाई और भाजपा के उम्मीदवार केवल दो वार्डों में ही फाइट दे पाए। चार 4 वार्डों में जीतने वाले उम्मीदवार का नजदीकी मुकाबला आजाद उम्मीदवारों से हुआ। आम आदमी पार्टी ने वार्ड नंबर 2,15,16,24,32,33,38 व 40 में जीतने वाले उम्मीदार को फाइट दी और दूसरे स्थान पर रही। इनमें सबसे कम मार्जिन से वार्ड 32 की उम्मीदवार मनदीप कौर रामगढि़या रही। वह केवल 164 के अंतर से पीछे रही है। जबकि वार्ड 24 में सबसे ज्यादा मार्जिन रहा। वार्ड 24 में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अशोक कुमार 703 वोट मिले हें जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी शाम लाल जैन 2550 वोट। दोनों में 1847 वोटों का अंतर है लेकिन बाकी के उम्मीदवारों के इनसे भी कहीं कम वोट मिले हैं। वार्ड 40 में 898, वार्ड 36 से 865, वार्ड 37 में 1430, वार्ड 38 में 1115, वार्ड 15 में 233, वार्ड 16 में 1149, वार्ड 32 में 961, वार्ड 2 में 1337 के अंतर से पीछे रहे हैं।
भाजपा के उम्मीदवार वार्ड नंबर 35 व 49 में दूसरे स्थान पर रहे हैं। इसमें वार्ड 49 में कांग्रेस की प्रत्याशी कमलेश रानी को 1275 वोट मिले जबकि बीजेपी की शमा रानी को 633,यानि कि 642 वोटें से पीछे रही। इसी प्रकार वार्ड 35 में कांग्रेस के रमन गोयल को 1453 वोट और बीजेपी की सीमा अरोड़ा 319 वोट मिले। यान कि 1134 वोटें से बीजेपी प्रत्याशी पीछे रही है। बठिडा के वार्ड 12, 21, 29 व 42 में आजाद उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे हैं।
बठिडा जिले में नगर निगम समेत नगर कौंसिलों और नगर पंचायत में कुल 224 वार्डों पर चुनाव लड़े गए। इनमें से लहरा मोहब्बत की चार सीटों पर किसी ने भी नामांकन नहीं भरा था। बाकी के 220 वार्डों में से 154 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है, जबकि शिअद को सिर्फ 33 वार्डों पर ही सब्र करना पड़ा है। आम आदमी पार्टी को सिर्फ तीन वार्डों मे ही जीत मिली है, जबकि बहुजन समाज पार्टी सिर्फ एक सीट जीत पाई। वहीं भाजपा इस चुनाव में अपना खाता भी नहीं खोल पाई। हालांकि 29 आजाद चुनाव जीत गए हैं। छह में पांच कौंसिलों और आठ पंचायतों में से छह पर भी कांग्रेस विजयी निकाय चुनाव में जिले में कांग्रेस ने छह नगर कौंसिलों में से पांच पर शानदार जीत हासिल की है, जबकि आठ नगर पंचायतों में से छह पर भी अपना कब्जा जमा लिया है। बठिडा देहाती हलके की नगर पंचायत संगत मंडी पर शिअद कब्जा कर लिया है। छह नगर कौंसिलों तथा आठ नगर पंचायतों के 164 वार्डों में 111 पर कांग्रेस, 26 पर शिअद, तीन पर आप, एक पर बसपा तथा 30 पर आजाद उम्मीदवार विजयी रहे हैं। इन नगर पंचायतों तथा नगर कौंसिलों की वोटों में सिर्फ नथाना नगर पंचायत से ही आप के तीन उम्मीदवार सफल हुए हैं जबकि अन्य जगहों पर आप का पत्ता साफ हो गया है। बसपा ने भी एक सीट जीतकर अपनी हाजिरी दर्ज करवा दी है।
बठिडा नगर निगम चुनाव में 50 वार्डों में से 43 में कांग्रेस ने जीत प्राप्त करने के बाद वित्त मंत्री मनप्रीत ने कहा कि जितनी बड़ी जीत उतनी बड़ी ही जिम्मेदारी होती है। बठिडा के लोगों ने कांग्रेस के पक्ष में फतवा दिया है। पहले अकाली दल और भाजपा की कमेटी होने के कारण ग्रांटों में काफी अड़चनें आती थी। अब बठिडा दिन दोगुनी और रात चौगुनी तरक्की करेगा। बठिडा में हमने कैप्टन अमरिदर सिंह और कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ की अगुवाई में क्लीन स्वीप किया है। मुझे ऐसा महसूस होता है कि हम इतने काबिल नहीं थे, जितना लोगों ने भरोसा हम पर जताया है।

डी.टी.एफ.पंजाब ने 21 फरवरी की बरनाला किसान-मजदूर रैली और पैंशन बहाली के लिए पटियाला रैली का समर्थन


बठिंडा.
देश भर चल रहे किसान आंदोलन की हिमायत में संगठनों की एकता को मजबूत करने के लिए किसान-मज़दूर संगठनों की तरफ से बरनाला में 21 फरवरी को महा रैली की जा रही है। डी.टी.एफ के ज़िला बठिंडा के प्रधान रेशम सिंह, कार्यकारी सचिव गुरप्रीत सिंह खेमोआना, उपप्रधान परविन्दर सिंह और सचिव अनिल भट्ट ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से पास किए तीन खेती कानूनों, लेबर कानूनों में संशोधन और नई शिक्षा नीति के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए डेमोक्रेटिक टीचर्ज फ्रंट पंजाब पिछले लंबे समय से संघर्ष कर रहा है। इसमें पंजाब भर के सरकारी स्कूलों के अध्यापकों की तरफ से 21 फरवरी को बरनाला में होने जा रही बरनाला किसान -मजदूर महा रैली में शामिल होने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह 28 फरवरी को पुरानी पैंशन बहाल करवाने के लिए पटियाला में हो रही प्रदेश स्तरीय रैली में भी डेमोक्रेटिक टीचर्ज फ्रंट शामिल होगा। साल 2004 के बाद भर्ती हुए समूचे मुलाजिमों पर नई पैंशन स्कीम लागू कर सरकार ने मुलाजिमों के भविष्य के साथ खीलवाड़ किया है। पुरानी पैंशन के लिए लड़ना अब ज़रूरत है जिसके लिए डेमोक्रेटिक टीचर्ज फ्रंट नई पैंशन के अधीन आते समूचे मुलाजिमों के संघर्ष में कंधे के साथ कंधा जोड़कर संघर्ष करेगी। प्रदेश स्तर के नेताओं जसविन्दर सिंह,  नव चरनप्रीत कौर, ब्लाक प्रधान भुपिन्दर सिंह माईसरखाना, कुलविन्दर सिंह विर्क, भोला राम,  राजविन्दर जलाल,  अंग्रेज़ सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति रद्द करवाने, अहलूवालिया कमेटी की सभी सिफारश रद्द करवाने, तीनों खेती कानून और दूसरे लोक विरोधी कानून रद्द करवाने, बिजली एक्ट 2020 रद्द करवाने,  पुरानी पैंशन बहाल करवाने और वेतन आयोग की रिपोर्ट तुरंत जारी कराने, सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली और सार्वजनिक वितरण प्रणाली बहाल कराने वाले सभी संघर्षों में संगठन की तरफ से हिस्सा लिया जाएगा। 
जिला नेताओं बलजिन्दर कौर, बलजिन्दर सिंह, हरमिन्दर सिंह गिल, जसविन्दर सिंह बॉक्सर ने बताया कि डीटीएफ पंजाब की प्रदेश लीडरशीप के फैसले के अंतर्गत किसान संघर्ष का डटकर समर्थन देने के लिए संगठन की तरफ से घोषित प्रदेश स्तरीय 21 फरवरी की संगरूर रैली रद्द की गई है जिससे किसान महा रैली में सभी नेता शामिल हो सके। वक्ता ने बताया कि 28 फरवरी की पटियाला में होने जा रही पुरानी पैंशन बहाली के लिए रैली में भी हिस्सा लेने का फैसला लिया गया है। 
फोटो -किसान संगठनों की हिमायत के संबंध में जानकारी देते डीटीएफ मुलाजिम कमेटी के सदस्य़। 

23 फरवरी को डायरेक्टर सेहत विभाग के दफ्तर का घेराव करेंगे सेहत कर्मी 


बठिंडा।
सेहत मुलाजिम संघर्ष कमेटी पंजाब की मीटिंग वीरवार को प्रदेश नेता गगनदीप सिंह की अगुआई में सिविल अस्पताल बठिंडा में हुई। इस मीटिंग में कमेटी की तरफ से अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए किए जा रहे संघर्ष ओर तेज करने के लिए कई अहम फैसले लिए गए। इसके तहत 23 फरवरी चंडीगढ़ में स्थित डायरेक्टर सेहत विभाग के दफ्तर का घेराव करने का फैसला वीरवार को हुई मीटिंग में लिया गया और इस घेराव को सफल बनाने के लिए सेहत कर्मियों की ड्यूटी भी लगाई गई। कमेटी के नेता गगनदीप सिंह ने बताया कि पूर्व 21 जनवरी से डायरेक्टर दफ्तर चंडीगढ़ में  लगातार सेहत कर्मियों की हड़ताल चल रही है। हररोज दफ्तर के बाहर सेहत कर्मियों द्वारा हड़ताल की जा रही है, लेकिन इसके बावजूद भी सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है, जिसके चलते कमेटी ने संघर्ष ओर तेज करने का मन बनाया है। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार भी केंद्र सरकार की तर्ज पर सरकारी विभागों का निजीकरण करने की तैयारी कर रही है। लोगों को रोजगार देने की बजाय उन्हें बेरोजगार करने का योजना बना रही है। लोगों को मिलने वाली सेहत सुविधाएं खत्म करने की तैयारी भी पंजाब सरकार की तरफ से की जा रही है। कमेटी के जसविंदर शर्मा और रंजीत कौर ने बताया कि जब तक सरकार कच्चे कर्मियों को पक्का नहीं करने,नवनियुक्त मल्टीपर्पज हेल्थ वर्करों का प्रवेशन पीरियड 2 साल नहीं करने और कोविड कर्मियों को स्पेशल इंक्रीमेंट नहीं देने के अलावा बठिंडा में शांतिमाई रोष मार्च करने वाले सेहत कर्मियों पर दर्ज किए गए पुलिस केस रद्द नहीं किए जाते, तब तक इसी तरह से संघर्ष जारी रहेगा। कमेटी की भूपिंदर कौर तलवंडी और राजेश कुमार मौड़ ने बताया कि सेहत मुलाजिम संघर्ष कमेटी पंजाब की तरफ से 23 फरवरी को सेहत डायरेक्टर दफ्तर का घेराव किया जाएगा। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है और बठिंडा जिले से बड़ी संख्या से सेहत कर्मी डायरेक्टर दफ्तर का घेराव करने के लिए शामिल होंगे, इस बाबत सेहत कर्मियों की ड्यूटी भी लगाई लगाई गई है। राजविंदर सिंह, जगदीश सिंह, मनप्रीत सिंह ने बताया मांगें पूरी होने तक संघर्ष जारी रहेगा, वही जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक कोविड वैक्सीन का बायकाट भी जारी रहेगा। इस मौके पर सुरिंदर कौर, अमरजीत कौर, शिवपाल सिंह, हरविंदर सिंह, सरबजीत सिंह, निर्मल सिंह, किरणजीत आदि उपस्थित थे।

फोटो- मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करते सेहत मुलाजिम। 

शादी समारोह में महिलाओं के साथ नाचने से रोका तो 12 लोगों ने मिलकर सुबह सैर करने जा रहे व्यक्ति से की मारपीट, सोने की चैन छीनकर फरार


बठिंडा.
 विवाह समारोह में डीजे पर महिलाओं के साथ नाचने से रोकने पर करीब 12 लोगों ने मिलकर एक व्यक्ति को रास्ते में रोककर मारपीट की व उसके गले में डाली सोने की चैन छीनकर फरार हो गए। तलवंडी साबों पुलिस के पास गगनदीप सिंह वासी रामगढ़ भूदड़ गांव ने शिकायत दर्ज करवाई कि कुछ दिन पहले वह एक विवाह समागम में गए थे। वहां गुरप्रीत सिंह, जसबीर सिंह, गग्गी सिंह, अमरिक सिंह, कृष्ण सिंह, हरमन सिंह वासी नसीबपुरा भी आए हुए थे। विवाह में उक्त लोग उनकी घर की महिलाओं के साथ डीजे चलने पर जानबूझकर बीच में आकर नाचने लगे। उन्होंने उन्हें ऐसा करने से रोका तो उक्त लोग देख लेने की धमकी देकर वहां से चले गए। इसके बाद गत दिवस जब वह सुबह के समय नसीबपुरा गांव में सुबह की सैर करने जा रहा था तो उक्त छह लोगों ने अपने छह अन्य साथियों के साथ उसे रास्ते में रोक लिया व गाली गलोच करने लगे। इसके बाद उसके साथ मारपीट करने लगे। यही नहीं जाते समय उक्त हमलावरों ने उसके गले में डाली सोने की चैनी भी छीन ली व जाते हुए जान से मारने की धमकियां दी। फिलहाल पुलिस ने आरोपी लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।  

10 महीने पहले वट्सएप पर दी गालियां अब जाकर पुलिस ने दर्ज किया केस 

बठिंडा। वट्सएप मैसेज में एक व्यक्ति को जातिसूचक शब्द लिखने व गाली गलोच करने के मामले में कनाल पुलिस थाना ने श्री गंगानगर वासी एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है। कनाल कालोनी पुलिस के पास जसदीप सिंह वासी सुरखपीर रोड बठिंडा ने शिकायत दी कि करीब 10 माह पहले 6 अप्रैल 2020 को अवतार सिंह वासी गली नंबर एक शिवम कालोनी सद्भावना रोड श्री गंगानगर वासी ने उसे वट्सएप पर एड किया व इसके बाद उसमें जाति सूचक शब्द लिखने लगा जब उसने विरोध किया तो उसने उसके साथ गाली गलोच की। इस मामले में पुलिस के पास पहले ही लिखित शिकायत दे दी गई थी लेकिन मामले में करीब 10 माह तक जांच करने के बाद पुलिस ने आरोपी व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया है इसमें अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।



बठिंडा नगर निगम चुनाव में आप के आठ, बीजेपी के दो व आजाद चार वार्डो में रहे दूसरे नंबर पर, ज्यादातर वार्डों में मुकाबला अकाली दल व कांग्रेस का ही रहा


बठिडा।
नगर निगम चुनाव में ज्यादातर वार्डों में मुकाबला अकाली दल व कांग्रेस का ही रहा। यानि कि दूसरे स्थान पर शिअद या कांग्रेस केउम्मीदवार ही रहे। जबकि आम आदमी पार्टी महज आठ वार्डों में ही दूसरा स्थान प्राप्त कर पाई और भाजपा के उम्मीदवार केवल दो वार्डों में ही फाइट दे पाए। चार 4 वार्डों में जीतने वाले उम्मीदवार का नजदीकी मुकाबला आजाद उम्मीदवारों से हुआ।
आम आदमी पार्टी ने वार्ड नंबर 2,15,16,24,32,33,38 व 40 में जीतने वाले उम्मीदार को फाइट दी और दूसरे स्थान पर रही। इनमें सबसे कम मार्जिन से वार्ड 32 की उम्मीदवार मनदीप कौर रामगढि़या रही। वह केवल 164 के अंतर से पीछे रही है। जबकि वार्ड 24 में सबसे ज्यादा मार्जिन रहा। वार्ड 24 में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अशोक कुमार 703 वोट मिले हें जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी शाम लाल जैन 2550 वोट। दोनों में 1847 वोटों का अंतर है लेकिन बाकी के उम्मीदवारों के इनसे भी कहीं कम वोट मिले हैं। वार्ड 40 में 898, वार्ड 36 से 865, वार्ड 37 में 1430, वार्ड 38 में 1115, वार्ड 15 में 233, वार्ड 16 में 1149, वार्ड 32 में 961, वार्ड 2 में 1337 के अंतर से पीछे रहे हैं।
भाजपा के उम्मीदवार वार्ड नंबर 35 व 49 में दूसरे स्थान पर रहे हैं। इसमें वार्ड 49 में कांग्रेस की प्रत्याशी कमलेश रानी को 1275 वोट मिले जबकि बीजेपी की शमा रानी को 633,यानि कि 642 वोटें से पीछे रही। इसी प्रकार वार्ड 35 में कांग्रेस के रमन गोयल को 1453 वोट और बीजेपी की सीमा अरोड़ा 319 वोट मिले। यान कि 1134 वोटें से बीजेपी प्रत्याशी पीछे रही है। बठिडा के वार्ड 12, 21, 29 व 42 में आजाद उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे हैं।
बठिडा नगर निगम पर 53 साल बाद कांग्रेस का कब्जा हुआ है। पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए 50 वार्डो में से 43 पर परचम लहराया, जबकि 53 साल से निगम पर काबिज शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को सात सीटें ही मिल पाईं। वहीं आम आदमी पार्टी (आप) व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपना खाता तक नहीं खोल पाए। बठिडा के पचास वार्डों में से 1, 7, 8, 13, 19, 20 व 22 में शिअद ने जीत दर्ज कराई है, जबकि बाकी के वार्डों में कांग्रेस ने जीत प्राप्त की है।
बठिडा जिले में नगर निगम समेत नगर कौंसिलों और नगर पंचायत में कुल 224 वार्डों पर चुनाव लड़े गए। इनमें से लहरा मोहब्बत की चार सीटों पर किसी ने भी नामांकन नहीं भरा था। बाकी के 220 वार्डों में से 154 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है, जबकि शिअद को सिर्फ 33 वार्डों पर ही सब्र करना पड़ा है। आम आदमी पार्टी को सिर्फ तीन वार्डों मे ही जीत मिली है, जबकि बहुजन समाज पार्टी सिर्फ एक सीट जीत पाई। वहीं भाजपा इस चुनाव में अपना खाता भी नहीं खोल पाई। हालांकि 29 आजाद चुनाव जीत गए हैं। छह में पांच कौंसिलों और आठ पंचायतों में से छह पर भी कांग्रेस विजयी निकाय चुनाव में जिले में कांग्रेस ने छह नगर कौंसिलों में से पांच पर शानदार जीत हासिल की है, जबकि आठ नगर पंचायतों में से छह पर भी अपना कब्जा जमा लिया है। बठिडा देहाती हलके की नगर पंचायत संगत मंडी पर शिअद कब्जा कर लिया है। छह नगर कौंसिलों तथा आठ नगर पंचायतों के 164 वार्डों में 111 पर कांग्रेस, 26 पर शिअद, तीन पर आप, एक पर बसपा तथा 30 पर आजाद उम्मीदवार विजयी रहे हैं। इन नगर पंचायतों तथा नगर कौंसिलों की वोटों में सिर्फ नथाना नगर पंचायत से ही आप के तीन उम्मीदवार सफल हुए हैं जबकि अन्य जगहों पर आप का पत्ता साफ हो गया है। बसपा ने भी एक सीट जीतकर अपनी हाजिरी दर्ज करवा दी है।
बठिडा नगर निगम को अपने 50 नए पार्षद मिल गए हैं। बेशक 50 वार्डों में 43 पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है, लेकिन फिर भी शहर मे 50 वार्डों में 1506 वोटरों को कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं आया, जिन्होंने चुनाव वाले दिन नोटा का बटन दबाया, जबकि शहर में होने वाले चुनावों के समय 282 उम्मीदवार चुना मैदान में थे।

प्रत्याशियों में अकाली दल, आप व भाजपा के 50-50 उम्मीदवार थे तो भाजपा के 39 उम्मीदवारों के अलावा 83 आजाद, 8 बसपा व 2 सीपीआइ एम के उम्मीदवार थे। मगर नतीजा आने के बाद सब कुछ उलट ही हो गया। यहां पर तो हर जगह कांग्रेस का ही दबदबा रहा। शहर के वार्ड नंबर 12 में सबसे ज्यादा 13 उम्मीदवार थे, यहां पर भी 37 लोगों ने नोटा का बटन दबाया है। हालांकि शहर के वार्ड नंबर 34 में सबसे कम 34 लोगों ने नोटा का बटन दबाया तो वार्ड नंबर 30 में सबसे ज्याद 71 लोगों ने नोटा का बटन दबाया। 

वार्डो में इतने लोगों ने दबाया नोटा

वार्ड/ नोटा

1- 47

2- 20

3- 27

4- 34

5 -42

6- 27

7 -33

8- 33

9- 40

10- 21

11 -38

12- 37

13- 35

14- 26

15- 39

16- 28

17- 21

18- 39

19 -48

20- 39

21- 29

22- 33

23- 21

24- 17

25- 45

26- 33

27- 27

28- 36

29- 17

30- 71

31- 27

32- 21

33- 21

34- 14

35 -31

36- 24

37- 22

38- 29

39 -34

40- 19

41- 39

42- 18

43 -25

44 -19

45 -41

46- 27

47- 21

48 -25

49 -23

50 -23

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