बठिंडा। सांसद भगवंत मान ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू अगर आप में शामिल होते हैं तो उनका खुले दिल से स्वागत है और उन्हें वे खुद बुक्का भेंट करके वेलकम करेंगे। वे तो उनके क्रिकेट प्रतिभा के फैन हैं। रविवार को सर्किट हाउस में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भगवंत मान ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी का कोई लीडर नहीं है, सारे कार्यकर्ता ही लीडर हैं क्योंकि सभी आम आदमी ही हैं। आम आदमी पार्टी में अच्छी छवि वाले हरेक व्यक्ति का स्वागत है।
सांसद भगवंत मान ने कहा कि कि आम आदमी पार्टी पहली पार्टी है जिसने किसान आंदोलन में भाग लिया और किसानों का समर्थन किया। पार्टी की दिल्ली सरकार और कार्यकर्ताओं ने आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए हरसंभव सहयोग किया। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए आम आदमी पार्टी की ओर से 21 मार्च को बाघापुराना में किसान महासम्मेलन किया जा रहा है जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री व आप के नेशनल कनवीनर अरविंद केजरीवाल किसानों को संबोधित करेंगे। महासम्मेलन में किसान के अलावा किसानी से जुड़े मजदूर, कारोबारी भी भारी संख्या में शामिल होंगे। महासम्मेलन के लिए वे 3 दिनों से पंजाब के विभिन्न जिलों के गांवों की चौपाल, सार्वजनिक स्थलों पर जनसभाएं कर रहे हैं जिसमें उनके साथ किसान खुद-बखुद जुड़ रहे हैं।
भगवंत मान बोले कि किसान आंदोलन फेल नहीं हुआ बल्कि फैल चुका है, राजस्थान, हरियाणा, यूपी के अलावा बंगलादेश में भी किसानों के हक में बड़ी रैलियां हो रही हैं। वहीं कृषि कानून के मुद्दे पर भाजपा-अकाली व कांग्रेस समेत तीनों पार्टियों ने मिलकर किसानों के जीवन को खतरे में डाल दिया और इन्होंने हर मोर्चे पर किसानों को बर्बाद करने वाला कदम उठाया। उन्होंने कहा कि 2013 में इन तीनों दलों ने सर्वसम्मति से पंजाब विधानसभा में किसानों को कॉरपोरेटों का बंधुआ बनाने वाला कानून कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट पारित किया।
आम आदमी पार्टी ने कृषि कानून के मुद्दे पर भाजपा-अकाली और कांग्रेस तीनों पार्टियों पर निशाना साधा। रविवार को मीडिया को संबोधित करते हुए आप के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने कहा कि इन तीनों पार्टियों ने मिलकर किसानों के जीवन को खतरे में डाल दिया और इन्होंने हर मोर्चे पर किसानों को बर्बाद करने वाला कदम उठाया।
उन्होंने कहा कि 2013 में इन तीनों दलों ने सर्वसम्मति से पंजाब विधानसभा में किसानों को कॉरपोरेटों का बंधुआ बनाने वाला कानून 'कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट' पारित किया। फिर 2017 में कैप्टन की सरकार आने पर उन्होंने इसी कानून को आगे बढ़ाया। कैप्टन ने एपीएमसी संशोधन एक्ट पारित किया जिससे फल और सब्जी के बाजार का निजीकरण किया गया। इसी कानून का नतीजा है कि आज अबोहर में किन्नू उत्पादन लागत से कम कीमत पर बेचा जा रहा है। ये दोनों कानून केंद्र के काले कानूनों का जड़ है।
मान ने कहा कि अब जब किसान इन पार्टियों की नियत समझ चुके हैं, तो अब ये लोग किसान समर्थक होने का दिखावा कर रहे हैं।अकालियों और कांग्रेसियों ने हर मोर्चे पर किसान आंदोलन को पटरी से उतारने की कोशिश की। बीजेपी के साथ मिलकर अकाली दल पहले यह प्रचार कर रहा था कि खेती कानूनों से किसानों को फायदा होगा। फिर काले कानून को बनाने के लिए बने हाई पावर कमेटी में जब कैप्टन अमरिंदर सिंह शामिल थे, तब उन्होंने इसका विरोध नहीं किया था। कृषि कानून को लेकर कैप्टन आज तक प्रधानमंत्री से नहीं मिले। जब वे अमित शाह से मिले तो उन्होंने कृषि कानून का जिक्र तक नहीं किया।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी पहली पार्टी है जिसने किसान आंदोलन में भाग लिया और किसानों का समर्थन किया। हमारी पार्टी की दिल्ली सरकार और कार्यकर्ताओं ने आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए हर संभव सहयोग किया और सेवाएं दी। अब आम आदमी पार्टी किसान आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए 21 मार्च को किसान महासम्मेलन का आयोजन करने जा रही है। किसान महासम्मेलन के माध्यम से हम किसानों की आवाज पूरे देश की जनता तक पहुंचाएंगे और कृषि कानूनों के दुष्प्रभाव को लोगों को बताएंगे। मान ने किसान आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए 21 मार्च को होने वाले किसान महासम्मेलन में पंजाब के लोगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में आने का आग्रह किया।
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