Saturday, June 26, 2010

विश्व नशा विरोधी दिवस पर समागम आयोजित

बठिंडा। अंतर्राष्ट्रीय नशा विरोधी दिवस पर शहर केञ् विभिन्न संगठनों द्वारा अलग- अलग स्थानों पर नशा विरोधी जागरूञ्कता समागमों का आयोजन किया गया। जानकारी मुताबिक स्थानीय रैडक्रञस नशा छुड़ाओ केंञ्द्र में जिला रैडक्रास सोसायटी की तरफ से समागम करवाया गया। जिसमें मुख्यातिथि के तौर एडीसी डी सी सिब्बन, एसडीएम केपीएस माही, सिविल सर्जन डा.इंदर दायल गोयल शामिल हुए। समागम को संबोधित करते हुए श्री सिब्बन ने लोगों को नशे की बुराईयों से अवागत करवा व उनको नशा विरोधी जागरूकता फैलने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर उन्होने नशा छुड़ाओं केंद्र में भर्ती मरीजों का हालचाल पूछा। गौरतलब है कि जिला रैडक्रास की तरफ से क्षेत्र में दो नशा छुड़ाओ केंद्र व एक सलाहकार केंद्र चलाया जा रहा है। अब तक इन केंद्रों में लगभग 50 हजार के करीब ओपीडी व इंडोर उपचार से मरीज लाभ उठा चुके हैं। इस मौके पर नशा केंद्र के अधिकारियों ने कहा कि नशे की बीमारी से लोगों को खुद व अपने परिवार को बचाना चाहिए। ताकि उनका शारीरिक व मानसिक विकास हो सके। नशे के खिलाफ प्रशासन जागरूकता मुहिम चला रहा हैं। उन्होंने नशे के खिलाफ कार्यरत समाज सेवी संस्थाओं की खुलकर तारीफ की। श्री सिब्बन ने केंद्र की गतिविधियों के बारे में जानकारी लेते हुए उन्होंने समस्या को दूर करने का भरोसा दिलाया। वहीं दूसरी तरफ स्थानीय कांग्रेस भवन में भी नशा विरोधी जागरूकता विचार सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विशेष तौर पर उपस्थित समाज सेवक राकेञ्श नरूला, यूथ कांग्रेस जिला प्रमुख लखविंदर सिंह लक्खा, प्रिंसिपल चेतराम ग्रोवर, आशु ठाकुर व यंग वैलफेयर सोसाईटी के प्रधान डा. तरसेम गर्ग ने संबोधित किया। इस विचार सभा में रुपिंद्र बिंद्रा, रंजित सिंह, गुरजीत सिंह, नवदीप सिंह, हरमेल सिंह, बलराज सिंह के अलावा जिला यूथ कांग्रेस के उच्चपदाधिकारियों ने भाग लिया। सभा को संबोधित करते हुए डा. तरसेम गर्ग ने कहा कि नशे की समस्या विश्व भर में भयानक रूप धारण कर चुकी है। इसके बावजूद अगर नशे करने वाले व्यक्ति का मनोबल उंच्चा हो तो इससे पीछा छुड़ाया जा सकता है। नशे का वैज्ञानिक तरीके से उपचार हो सकता है। उन्होंने नशे के शरीर पर पड़ने वाले तथा मानसिक तौर पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे मेंजानकारी दी। इसके अलावा स्थानीय रेलवे स्टेशन पर जीआरपी पटियाला की तरफ से चल रहे नशा विरोधी जागरूकता अभियान के तहत जीआरपी बठिंडा के एसएचओ हरबंस सिंह की अगुवाई में जीआरपी की टीम ने रेलवे स्टेशन पर परचे लगाये। वहीं दूसरी तरफ शिरोमणि अकाली दल की ओर से बीबी वाला रोड़ स्थित पार्टी आफिस में विश्र्व नशा मुक्ति दिवस पर एक सभा का आयोजन किया गया। सभी को संबोधित करते हुए हल्का इंचार्ज सरूप चंद सिंगला ने कहा कि नशा एक बड़ी बुराई है। इसके कारण हमारा समाज खोखला होता जा रहा हैं। हमारी युवा पीढ़ी नशे की दलदल में फंसकर अपना मकसद से भटक रही है, को बचाने के लिए हम सब को आज संकल्प लेने चाहिए के हम समाज को नशा मुक्त समाज बनेगें। इस मौके पर उन्होने कहा कि अकाली दल की तरफ से पूरे शहर में सभी वार्ड में एक-एक कमेटी का गठन किया जायेगा। जोकि लोगों को नशे के विरुद्ध प्रति जागरूकता करेगी। इस मौके पर दलजीत सिंह बराड़, रजिद्र सिंह सिद्धू, गुरप्रीत सिंह बेदी, भपिंद्र सिंह भुल्लर आदि उपस्थित थे। इसके अलावा समाज सेवी संस्था आसरा वेलफेयर सोसाईटी द्वारा जारी प्रेस पत्र में संस्था के प्रधान रमेश मेहता ने शहरवासियों से अपील की व नशे से दूर रहें। इसके अलावा उन्हें मेडिकाल स्टोर संचालकों से निवेदन किया कि वो डाक्टर की रसीद के बिना दवाई न दें।

Friday, June 25, 2010

बरसात ने दी जानलेवा गर्मी से राहत

बठिंडा। वीरवार की देर सांय हुई बरसात ने जहां जानलेवा गर्मी से लोगों की राहत पहुंचाई वही शहर के कई हिस्सों में पानी भरने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। रात दस बजे के  करीब तेज आंधी के साथ शुरू हुई बरसात तीन घंटे तक चली जिससे शहर के कई हिस्सों में जलभराव रहा। इसमें प्रमुख तौर पर वीर कालोनी, पावर हाऊस रोड, माल रोड, गुरु नानक पुरा, पुराना थाना में पानी भरने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। बरसात से बेशक धान की खेती को फायदा हुआ लेकिन खेतों में तैयार होकर खड़ी नरमे की फसल को नुकसान झेलना पड़ा। जिले की विभिन्न मंडियों में अधिकतर नरमा तैयार होकर पहुंच चुका है जिसमें बरसात होने से मंडी में खुले आसमान में पडे़ नुकसान को भी नुकसान हुआ है। दूसरी तरफ 47 डिग्री तक पहुंच चुके  दिन का तापमान शुक्रञ्वार को 40 डिग्री तक पहुंच गया है। 

स्वयं-रोजगार सिखलाई कैंप का विधिवत समापन किया


बठिंडा। डायमण्ड वेलफेयर सोसायटी की तरफ से सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित 21 दिवसीय निशुल्क स्वयं रोजगार सिखलाई कैंप का विधिवत समांपन किया गया। इस अवसर पर जीत पैलेस में एक रंगारंग सांस्कृतिक प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न स्कूलों व कालेजों की लड़कियों के इलावा कैंप में शामिल छात्रों ने विभिन्न गीतों पर डांस पेश किया। इस दौरान लड़कियों की तरफ से हाथों से तैयार की गई वस्तुओं की प्रदर्शनी भी लगाई गई। संस्था की प्रमुख वीणू गोयल ने बताया कि 21 दिवसीय कैंप के दौरान औरतों व लडकियों को सिलाई, कढाई, हैंड वर्क , गिफ्ट मेकिंग, ब्यूटिशन, पेटिंग, डेकोरेशन मटीरियल, महेंदी, टाई-डाई आदि की विशेष सिखलाई दी गई। कैंप का मुख्य मकसद लड़कियों को अपने पैरों पर खडे़ करने के साथ उन्हें आर्थिक तौर पर सक्षम बनाना है। इस मौके पर महेंदी लगाओ व दुल्हन सजाओं प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस दौरान मंचन संचालन की जिम्मेदारी एमके मन्ना ने बाखूबी निभाई। शिरोमणि अकाली दल के  हल्का इंचार्ज सरूप सिंगला की अध्यक्षता में आयोजित कैंप को सफल बनाने में सोनू, राकेश नरुला, परमजीत देवता ने योगदान दिया।

तेज आंधी से गिरे पेड़ों ने रोका नहर का बहाव, 80 फुट की दरार


-एक हजार एकड़ जमीन में फैला तीन से चार फुट का पानी
-किसानों की कई एकड़ खड़ी फसल हुई खराब, दरार भरने में नहीं मिली सफलता
बठिंडा। जिले में वीरवार की रात हुई तेज बरसात से भुच्चो मंडी के नजदीक स्थित दौलतपुरा पुल के नजदीक नहर में दरार पड़ गई जिससे एक हजार एकड़ में चार ड्डुञ्ट तक पानी भर गया। इसमें लगभग चार सौ एकड़ में खड़ी धान व नरमे की फसल खराब हो गई। जिला प्रशासन और नहरी विभाग के अधिकारी नहर में पड़ी दरार को भरने के लिए प्रयास कर रहे थे लेकिन इसमें सात घंटे बाद भी सफलता नहीं मिल सकी थी। जानकारी अनुसार वीरवार की रात दस बजे के करीब तेज बरसात और आंधी चली, जो लगभग तीन घंटे तक जारी रही। इस दौरान रात के करीब 12 बजे दौलतपुरा के नजदीक नहर पर बनी पुली पर आसपास के पेड़ गिर गए। जिससे नहर का पानी रुक गया। 

देखते ही देखते कुछ समय बाद नहर में 80 फुट की दरार पड़ गई व पानी आसपास के क्षेत्र में फैलना शुरू हो गया। इसकी जानकारी गांव के किसानों को सुबह चार बजे के करीब उस समय मिली जब प्रतिदिन की तरह खेतों में फसल देखने के लिए गए। इन चार घंटों के दौरान गांव गिल गोशल, चक्क बख्तू और दौलतपुरा के खेतों में साढे़ तीन से चार फुट तक पानी भर गया जबकि नहर से पानी का तेज बहाव जारी था। इसके बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों को सूचित किया गया वही नहर में दरार पड़ने की सूचना गांव के किसानों को गुरुद्वारा साहिब के लाऊड स्पीकर से दी गई। इसके बाज किसानों ने दरार को भरने का काम शुरू कर दिया। पानी का तेज बहाव होने के साथ किसानों के पास समुचित साधनों के अभाव में दरार भरने में सफलता नहीं मिल सकी। शुक्रवार की दोपहर बाद नहरी विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे लेकिन गांववासी ही नहरी पानी को रोकने का प्रयास करते रहे। गांव दौलतपुरा के किसान बलवंत सिंह ने बताया कि उसके 15 एकड़ खेती वाली जमीन की फसल पूरी तरह से पानी में डूब गई है। वही प्रीतम सिंह की 15 एकड़, नछत्तर सिंह की पांच एकड़, बहादर सिंह की 15 एकड़, जसवंत सिंह की 12 एकड़ धान व नरमा की फसल पानी में डूबने से खराब हो गई है। 

नहरी विभाग के जेई हरभजन सिंह का कहना है कि नहर में पड़ी दरार को भरने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें अभी 24 घंटे तक का समय ओर लग सकता है। दूसरी तरफ गांववासियों ने बताया कि नहरी विभाग की लापरवाही के चलते पिछले साल भी इसी नहर में दरार पड़ी थी। किसान बहादुर सिंह का कहना है कि नहरी पानी के साथ खेतों में रेत वाली मिट्टी दो फुट तक भर जाती है जिसे साफ करने के बाद ही अगली फसल लगाई जा सकती है। इसमें एक एकड़ में 25 हजार रुपये तक का अतिरिक्त खर्च उन्हें वहन करना पडे़गा। उन्होंने जिला प्रशासन व सरकार से दरार के कारण हुए नुकसान की एवज में किसानों को कम से कम 30 हजार रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा दे।

शराब के ठेके को लेकर महिलाओं का प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी

-प्रशासन को पहले दिया था अल्टीमेंट, कार्रवाई न होने पर लगातार चल रहा धरना 
बठिंडा। बुधवार की देर रात बठिंडा के निकटवर्ती गांव चुघ्घे कलां में शराब के  ठेके  को बंद करने की मांग को लेकर सैकड़ों महिलाओं का प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा। इसमें हैरानी वाली बात यह है कि इस प्रदर्शन को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता इनके समर्थन में उतर रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन इसमें किसी तरह की कार्रवाई करने से कतरा रहा है। इसमें प्रशासन जहां आबकारी विभाग पर जिम्मेवारी डाल रहा है वही आबकारी विभाग इसमें किसी तरह की कार्रवाई करने में असमर्थता जाहिर कर रहा है। महिलाओं के प्रदर्शन को देखते हुए ठेकेदार ठेका बंद कर दो दिन पहले ही फरार हो गया था जबकि प्रदर्शनकारी ठेके को स्थायी तौर पर वहां से हटाएं बिना वहां से हटने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि जिला प्रशासन को इस बाबत वह पहले भी ठेके को हटाने की मांग कर चुके हैं लेकिन इसमें किसी तरह की कार्रवाई न होता देख उन्हें मजबूरी में प्रदर्शन करना पड़ रहा है। जानकारी अनुसार गांव चुघ्घे कलां में गांव के मध्य बने शराब के ठेके को लेकर गांव की पंचायत ने जिला प्रशासन को एक मांगपत्र डीसी बठिंडा को दिया था। इसमें प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि शराब के ठेके को हटाने के लिए आबकारी विभाग को लिखा जाएगा व लोगों को जल्द ही इस समस्या से निजात मिल जाएगी। इसमें एक सप्ताह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी ठेके को नहीं हटाया गया है। इससे आक्रोशित सौ के करीब गांव की महिलाओं ने बुधवार की देर रात विरोध का बिगुल बजा दिया। गांव वासी रंजीत कौर, कर्मजीत कौर, अमरजीत कौर, स्वर्णजीत कौर, हरदीप कौर का कहना है कि शराब का ठेका गांव के मध्य में बनाया गया हैं जिससे ठेके के आसपास से महिलाओं व बच्चों का गुजरना भी मुश्किल हो जाता है। शराब के नशे में धुत शराबी आने-जाने वाली महिलाओं से छेड़खानी करते हैं वही विरोध करने पर झगड़ा करने लगते हैं। यही नहीं शराब का ठेका नजदीक होने के कारण उनके घरों के पुरुष व बच्चे भी शराब पीने लगे हैं। उन्होंने अपना धरना तब तक जारी रखने को कहा जब तक प्रशासन ठेके को वहां से हटाने का फरमान जारी नहीं करता है।


देर से ही सही पत्रकारों ने नई पहल तो की


हरिदत्त जोशी
लंबे समय से बठिंडा जिले के पत्रकारों को एक मंच पर लाने के लिए प्रयास किए जा रहे थे  लेकिन इसमें हर बार असफलता ही हाथ लग रही थी। इसका विपरित प्रभाव यह पड़ रहा था कि पत्रकारों में एकता न होने से उनकी मांगों व समस्याओं को लेकर सरकार के साथ प्रशासन हमेशा से निरसता ही दिखाता रहा। यह बात अलग है कि जिले के पत्रकारों ने किसी भी पत्रकार बंधु पर आई बड़ी समस्या का एकजुटता दिखाकर हल निकाला है व एकता का परिचय दिया लेकिन यह सिलसिला ज्यादा लंबा नहीं चल सका। हाल में एक समाचार काफी सुखद रहा जिसमें जिला बठिंडा के पत्रकारों की एक प्रेस क्लब गठित हो गई है। इस लब के गठन की खास बात यह रही है कि इसका प्रधान एक ऐसे व्यक्ति को बनाया गया है जो काफी सूझवान तो है वही सभी सामाचार पत्रों के प्रतिनिधियों में मान्य व सम्मानिय है। अंग्रेजी अखबार ट्रिब्यून के विशेष प्रतिनिधि एसपी शर्मा को बठिंडा प्रेस क्लब का प्रधान बनाया गया है। उनके नेतृत्व में प्रेस क्लब निरंतर आगे बढे़गा व पत्रकारों के हितों के साथ पत्रकारिता के मूल्य की रक्षा करेगा ऐसा मैं उम्मीद करता हूं। मैं बठिंडा के उन सभी पत्रकार बंधुओं से भी निवेदन करना चाहूंगा जो अब तक अह की झूठी जंग लड़ते रहे हैं व हमेशा प्रेस क्लब को गठन होने में रुकावट पैदा करते रहे हैं व इस सर्वमान्य नेतृत्व को अपना सहयोग देंगे। मैं उन सभी लोगों की भरसक सराहना करता हूं जिन्होंने बठिंडा प्रेस क्लब के गठन में अपना योगदान दिया व सर्वसम्मति बनाने के लिए माहौल तैयार किया है। बठिंडा में प्रेस क्लब बनाने की मांग आज की नहीं बल्कि पिछले कई दशकों से चल रही थी। ऐसा नहीं है कि यहां प्रेस क्लब का गठन नहीं हुआ बल्कि कई बार प्रेस प्रतिनिधि एक मंच पर इकट्ठा हुए लेकिन सिनियर, जूनियर या फिर नए पुराने के चक्कर में इस क्लब को उसके असल मुकाम तक पहुंचाने में सफल नहीं हो सके। मुझे याद है कि कुछ साल पहले प्रेस क्लब का गठन करने के लिए वरिष्ठ पत्रकार रणधीर सिंह गिलपत्ती के नेतृत्व में प्रयास शुरू हुए थे। इसमें मेरे सभी पुराने सभी अखबार के साथियों ने पूरा सहयोग भी दिया, इसमें क्लब के संविधान से लेकर नए गठन को लेकर सहमति बन गई लेकिन एकाएक अह की जंग ने इस प्रयास को पूरा नहीं होने दिया। इसके बाद भी एक नहीं कई बार इस तरह के प्रयास होते रहे हैं लेकिन हर बार असफलता ही हाथ लगी। इस प्रयास में मैं बठिंडा की फोटोग्राफर एसोसिएशन की सराहना करना चाहूंगा जो पिछले दो साल से अधिक समय से सफलतापूर्वक काम कर रही है। उन्होंने हर कदम पर हर चुनौती का सामना करते हुए फोटोग्राफरों की समस्याओं को हल करवाया है व अपनी नई पहचान बनाई है। इस प्रयास का नतीजा ही है कि पत्रकार समूह के पत्रकारों ने बठिंडा प्रेस क्लब का गठन किया है। एक बार फिर से सभी पत्रकारों और प्रेस क्लब का नेतृत्व करने वाले पदाधिकारियों को मेरी शुभकामनाएं। हम उम्मीद कर सकते हैं कि यह संगठन एक नई किरण और उम्मीद पत्रकारिता के क्षेत्र में जगाने में सफल होगा। 

Thursday, June 24, 2010

शराब के ठेके को लेकर महिलाएं उतरी सड़कों पर

-प्रशासन को पहले दिया था अल्टीमेंट, कार्रवाई न होने पर दिया धरना   
-ठेकेदार ताला जडक़र भागे, ठेका हटाए बिना नहीं हटेगा प्रदर्शन
-दलित सेना के साथ कांग्रेस ने दिया लोगों का साथ  
बठिंडा। मानसा के गांव रामदित्तेवाला में बुधवार को शराब का ठेका बंद करवाने के लिए महिलाओं ने प्रदर्शन किया तो बुधवार की देर रात को बठिंडा के निकटवर्ती गांव पक्का कलां में शराब के  ठेके  को बंद करने की मांग को लेकर सैकड़ों महिलाएं सड़कों पर उतर गई। महिलाओं के प्रदर्शन को देखते हुए ठेकेदार ठेका बंद कर फरार हो गए जबकि प्रदर्शनकारी ठेके को स्थायी तौर पर वहां से हटाएं बिना वहां से हटने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि जिला प्रशासन को इस बाबत वह पहले भी ठेके को हटाने की मांग कर चुके हैं लेकिन इसमें किसी तरह की कार्रवाई न होता देख उन्हें मजबूरी में प्रदर्शन करना पड़ रहा है। जानकारी अनुसार गांव पक्का कलां में गांव के मध्य बने शराब के ठेके को लेकर गांव की पंचायत ने जिला प्रशासन को एक मांगपत्र डीसी बठिंडा को दिया था। इसमें प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि शराब के ठेके को हटाने के लिए आबकारी विभाग को लिखा जाएगा व लोगों को जल्द ही इस समस्या से निजात मिल जाएगी। इसमें एक सप्ताह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी ठेके को नहीं हटाया गया है। इससे आक्रोशित सौ के करीब गांव की महिलाओं ने बुधवार की देर रात विरोध का बिगुल बजा दिया। गांव वासी रंजीत कौर, कर्मजीत कौर, अमरजीत कौर, स्वर्णजीत कौर, हरदीप कौर का कहना है कि शराब का ठेका गांव के मध्य में बनाया गया हैं जिससे ठेके के आसपास से महिलाओं व बच्चों का गुजरना भी मुश्किल हो जाता है। शराब के नशे में धुत शराबी आने -जाने वाली महिलाओं से छेड़खानी करते हैं वही विरोध करने पर झगड़ा करने लगते हैं। यही नहीं शराब का ठेका नजदीक होने के कारण उनके घरों के पुरुष व बच्चे भी शराब पीने लगे हैं। उन्होंने अपना धरना तब तक जारी रखने को कहा जब तक प्रशासन ठेके को वहां से हटाने का फरमान जारी नहीं करता है। दूसरी तरफ लोगों के विरोध को देखते हुए ठेका मालिकों ने स्थिति को भांपते हुए कल रात से ही ठेके  को ताला जड़ा हुआ है। गांव वासी कल रात से ही धरने पर बैठे हुए हैं और धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक समस्या का हल नहीं निकल जाता।  दूसरी तरफ महिलाओं के विरोध प्रदर्शन को दलित सेना व लोकजनशक्ति पार्टी के साथ कांग्रेस ने समर्थन देने की घोषणा की है। दलित सेना के प्रदेश प्रधान किरणजीत सिंह गहरी ने महिलाओं के प्रदर्शन में शामिल होकर कहा कि प्रशासन लोगों की समस्याओं को देखते हुए शराब के ठेके को यहां से तत्काल तबदील करे। कांग्रेस के प्रेस सचिव रत्न राही ने कहा कि अकाल सरकार जहां नौजवानों को नशे से दूर रहने के लिए योजना चलाने का दावा कर रही है वही ग्रामीण क्षेत्रों में घरों के बाहर ठेके खोलकर नौजवानों को नशा बांट रही है। इसमें लोगों के विरोध के बावजूद ठेके को हटाया नहीं जा रहा है। उन्होंने इस बाबत जल्द ही प्रशासन से लोगों की मांग पूरी कर शराब का ठेका हटाने को कहा।

एनसीसी के दस दिवसीय कैंप के बाद होगा थल सेना के लिए चुनाव

बठिंडा। 20 पंजाब बटालियन एनसीसी की ओर से ज्ञानी जैन सिंह इंजीनियरिंग कालेज में दस दिवसीय कैंप का आयोजन किया जा रहा है। 19 जून से आरंभ हुए कैंप का 30 जून को विधिवत समापन होगा।  इसमें बटालियन के कमाडिंग अफसर लेफ्टीनेट कर्नल वीएस दयाल एडम अफसर एस शंकर विशेष तौर पर ट्रैनिंग दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस कैंप में बठिंडा, भुच्चो, रामपुरा, बरनाला, मौड़ मंडी, मानसा, भिखी, मंडी कला, डबवाली और नाभा के स्कूल, कालेजों से एनसीसी कैडिट हिस्सा ले रहे हैं। इस कैंप में कैडिटों को शरीरिक शिक्षा, ड्रिल हथियारों की सिखलाई, मैप रिडिंग, फील्ड क्राफ्ट आदि के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसके अतिरिक्त कैडिटों को अच्छा नागरिक बनाने के लिए विभिन्न विषयों पर जागृत किया जा रहा है। वीरवार को कैडिटों की जानकारी के लिए एक सेमिनार का आयोजन भी किया गया। इसमें हैड कांस्टेबल सुखराज सिंह विशेष तौर पर पहुंचे। कैंप में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों का थल सेना के लिए भी चुनाव किया जाएगा।



पावर लिफ्टिंग में बाबा फरीद के छात्र ने जीता कांस्य पदक 
बठिंडा। राष्ट्रीय स्तर की पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में बाबा फरीद पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्रों ने राज्य का नाम रोशन किया। झारखंड के राची शहर में आयोजित प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर खेल चुकी स्कूल की तीन छात्राओं ने हिस्सा लिया। इसमें सिमरणप्रीत कौर बराड़ ने 82.5 किलोग्राम भार वर्ग में 170 किलोग्राम भार उठाकर कास्य पदक जीता। इसके इलावा 44 किलोग्राम भार वर्ग में अनमोलप्रीत कौर व सिमरणजीत कौर ने राष्ट्रीय स्तर पर पांचवां स्थान हासिल किया। इस उपलब्धि पर बाबा फरीद इंस्टीच्यूट के प्रबंधकीय निर्देशक गुरमीत सिंह धालीवाल, प्रशासकीय प्रबंधक परमजीत कौर धालीवाल ने छात्रों की उक्त उपलब्धि पर बधाई दी। उन्होंने इसके लिए स्कूल के डीपीआई परविंदर सिंह को भी बधाई दी।

वाहन चोरी कर बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया

-चार बिलेरो गाड़ी के साथ एक एसेंट गाड़ी मौके से बरामद की गई
-गिरोह के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार करने के लिए छापामारी

बठिंडा। पुलिस ने वाहन चोरी करने वाले एक गिरोह को पकड़ने में सफलता हासिल की है। इसमें दो लोगों को गिरफ़्तार कर उनसे छह चोरी के वाहन बरामद किए गए है। जानकारी अनुसार परविंदर सिंह पुत्र ठाना सिंह वासी डबवाली ने एक गिरोह बना रखा था। इसें चरणजीत सिंह वासी रामा मंडी बठिंडा उसका सहयोगी था। परविंदर सिंह हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश से वाहन चोरी कर बठिंडा में चरणजीत सिंह के पास लेकर आता था। चरणजीत सिंह इन वाहनों की जाली आरसी बदलने के साथ वाहनों के रंग बदलकर आगे ग्राहकों की तलाश करता था। इसमें सस्ते दाम में वाहन खरीदने वाले लोगों को उक्त चोरी के वाहन बेच दिए जाते थे। दोनों जालसाज अब तक दर्जनों वाहनों को चोरी कर बेच चुके थे। एसएसपी डा. सुखचैन सिंह ने बताया कि इस गिरोह के संबंध में पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी। इसी के आधार पर तलवंडी साबो थाना ने परविंदर सिंह को एक बलैरो गाड़ी सहित तलवंडी साबों से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद उसने अपने दूसरे साथी चरणजीत सिंह का नाम भी बता दिया। दोनों को गिरफ्तार कर विभिन्न स्थानों में चोर कर रखे गए वाहनों को बरामद करवाया। इसमें एक जीप, चार बलैरो गाड़ी, व एक एसेंट कार शामिल है। उक्त लोगों ने जीप जालंधर से चोरी की थी जबकि चार बलैरो गाडि़यां दिल्ली, अबोहर, होशियारपुर व राजस्थान से चोरी की। एसेंट कार डेरा बाबा नानक से चोरी करके आगे बेचने की तैयारी कर रहे थे। उनका कहना है कि पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है व गिरोह में शामिल अन्य लोगों को गिरफ्तार करने के लिए छापामारी की जा रही है। इसमें चोरी किए अन्य वाहन भी बरामद होने की संभावना है।

Wednesday, June 23, 2010

एआईई की राज्य प्रधान सहित 150 वर्करों पर मामला दर्ज



-सडक़ पर जाम लगाकर यूनियन वर्करों को खुदकुशी के लिये उकसाया था
बठिंडा। मंगलवार की रात एआईई अध्यापकों का प्रशासन से इस बात को लेकर समझौता हुआ कि उन पर दायर सभी मामले पुलिस वापिस ले लेगी लेकिन धरना सामाप्त होने के बाद बुधवार को पुलिस ने सडक़ पर जाम लगाकर एआईई यूनियन वर्करों को आत्महत्या के लिये उकसाने व आत्महत्या का प्रयास करने केञ् मामले में यूनियन की प्रदेश प्रधान स्वर्णा देवी सहित यूनियन के 150 मेंबरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। उक्त मामला थाना नहियांवाला के एसआई गुरप्रीत सिंह के बयानों पर दर्ज किया गया है। एसआई गुरप्रीत सिंह मुख्य अफसर थाना नहियांवाला ने बताया कि एआईई यूनियन के वर्करों ने बठिंडा-अमृतसर जीटी रोड़ पर धरना देकर नारेबाजी की। यह ही नहीं आरोपियों ने नारेबाजी कर गांव भोखड़ा में बनी पानी की टंकी पर चढे़ यूनियन मेंबरों को आत्महत्या का प्रयास करने के लिये उकसाया। वर्करों की ओर से लगाये गये जाम से आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस मामले में पुलिस ने यूनियन की प्रधान स्वर्णा देवी, मंजीत कौर, राखी रानी, बिमला देवी, जसवीर सिंह, कमल शर्मा, शेर सिंह, सुखजीवन सिंह, शेर खां, हरजिंदर सिंह, संदीप कौर, कुलविंदर कौर, प्रदीप कौर, आशु शर्मा, मंजीत कौर, बिमला सहित 150 अज्ञात वर्करों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। दूसरी तरफ एआईई अध्यापकों की यूनियन की प्रधान स्वर्णा देवी का कहना है कि प्रशासन एक तरफ उनकी मांगों को पूरा करवाने का आश्वासन दे रहा है वही उनके कार्यकर्ताओं पर केञ्स दायर किए जा रहे हैं। इससे प्रशासन मामले को हल करने की बजाय उन्हें आंदोलन के लिए उकसा रहा है, इसे किसी भी हालत में सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने उन्हें बुधवार की सुबह 11 बजे बैठक के लिए बुलाया था लेकिन इसके बाद सांय तीन बजे का समय दिया गया लेकिन इस दौरान भी प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें बैठक के लिए नहीं बुलाया है। इस बाबत यूनियन कार्यकर्ता जब डीसी गुरकृतकृपाल सिंह से मिले तो उन्होंने कहा कि जब भी मुख्यमंत्री से उनकी मांगों को लेकर बात होगी वह उन्हें सूचित कर बैठक के लिए बुला लेंगे।  

मोबाइलों की दुकान में चोरी करने वाले तीन काबू

-चोरी के 54 मोबाइल फोन व बिग टीवी डिस बरामद, गैंग का सरगना फरार
बठिंडा। मोबाइल फोन की दुकान में भारी मात्रा में मोबाइल फोन व अन्य कीमती सामान चुराने वाले एक गैंग केञ् तीन सदस्यों को पुलिस ने काबू किया है। पुलिस ने आरोपियों ने चोरी के 54 मोबाइल फोन, एक बिग टी.वी डिस बरामद किये हैं। जानकारी अनुसार आरोपियों लाडी सिंह, गोशा सिंह निवासी मानसा व गोल गुजराती निवासी मानसा ने पूछताछ के दौरान माना कि उन्होंने 5-6 जून की रात्रि भुच्चो मंडी में मोबाइल फोनों की दुकान से उक्त सामान चोरी किया था। इस चोरी में उनका चौथा साथी नटवरलाल उर्फ काला निवासी मानसा भी था। जो इस गैंग का सरगना है। जो अब चोरी के कुछ मोबाइल फोनों के साथ फरार है। आरोपी पर विभिन्न शहरों में चोरी के मामले दर्ज हैं। वहीं आरोपी नटवरलाल अदालत द्वारा कई मुकदमों में भगौड़ा करार दिया गया है। पकडे़ गये आरोपियों को अदालत में पेश करके रिमांड हासिल करके गहराई से पूछताछ की जा रही है। आरोपियों से कई अन्य चोरियां ट्रेस होने की उम्मीद है। नटवरलाल उर्फ काला को पकडऩे के लिये हर संभव कोशिश की जा रही है।

एटीएम मशीनों से जालसाजी कर पैसे निकलवाने वाला काबू
-लोगों को धोखा दे एटीएम मशीनों से निकलवाये थे दो लाख 71 हजार 
-लंबे समय से बठिंडा में पाश कालोनी में रह रहा था
बठिंडा। पिछले लंबे समय से धोखे से भोले-भाले लोगों केञ् एटीएम कार्ड द्वारा लाखों रुपये की चपत लगाने वाले एक नटवरलाल को सीआईए स्टाफ ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी से 2,71,300 रुपये, चार एटीएम कार्ड व एक नई कार बरामद की है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी अनुसार एसएसपी डा. सुखचैन सिंह गिल आईपीएस सीनियर पुलिस कप्तान बठिंडा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि बठिंडा पुलिस द्वारा असामाजिक तत्वों के खिलाफ शुरूञ् की गई मुहिम के तहत कप्तान पुलिस(डी) रणवीर सिंह पीपीएस की निगरानी में एसआई राजिंद्र कुमार इंचार्ज सीआईए स्टाफ बठिंडा ने अश्वनी कुमार उर्फ प्रिंस पुत्र अशोक कुमार निवासी मकान नंबर 32, नजदीक बारादरी गार्डन यादविंदरा कालोनी, पटियाला हाल, फ्लेट नंबर 23-बी सिटी होम कालोनी बल्ला राम नगर बठिंडा जो काफी समय से एटीएम मशीन पर जाकर वहां भोले-भाले लोगों के पैसे निकलवाते समय उनके एटीएम का कोर्ड बड़ी होशियारी व चालाकी से देख लेता था व एटीएम में से पैसे निकलवाने वाले व्यक्ति के पैसे निकलवाने के बाद किसी बहाने उसका एटीएम कार्ड पकड़ कर अपने पास उसी किस्म के पकडे़ हुए एटीएम कार्ड से बदल लेता था व खाता साफ करने के बाद उस खाली किये हुए एटीएम कार्ड को अगले शिकार से बदल लेता था। ऐसी ही घटना हमीर सिंह पुत्र आत्मा सिंह निवासी अजीत रोड़ बठिंडा से हुई जिसके खाते में से एटीएम द्वारा उक्त आरोपी ने 1,52,800 रुपये क्ब्-01-2010 से क्त्त्-01-2010 तक विभिन्न तरीकों से निकलवा लिये थे। जिस संबंधी मुकदमा नंबर 62 तिथि 22/01/2010 अ/ध 420/406 आईपीसी थाना कोतवाली दर्ज रजिस्टर किया गया व काफी मेहनत के बाद आरोपी अश्वनी कुमार उर्फ प्रिंस को टे्रस करके गिरफ्तार किया गया। आरोपी ने पूछताछ के दौरान माना कि उसने शहर बठिंडा व कई अन्य शहर में ऐसी काफी वारदातों को अंजाम दे चुका है। आरोपी अश्वनी कुमार उर्फ प्रिंस के पास से भोले-भाले लोगों से हेराफेरी कर धोखे से निकलवाई रकम 2,71,300 रुपये, चार एटीएम कार्ड व एक नई रिटज कार नंबर एचआर-26 एम-4041 बरामद की जा चुकी है व इसके द्वारा अन्य ऐसी ठगियों के बारे में तफ़तीश जारी है। आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया|


कार की टक्कर से मोटरसाइकिल सवार व्यक्ति की मौत
बठिंडा। जिले के गांव बुट्टर के पास एक कार की टक्कर से मोटरसाइकिल सवार की मौत हो गई जब कि दूसरा घायल हो गया। इस मामले में थाना संगत पुलिस ने आरोपी कार चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी अनुसार पुलिस को दर्ज करवाई शिकायत में बिक्कर सिंह ने बताया कि वह और सतनाम सिंह निवासी मसीता मोटरसाइकिल पर जा रहे थे। जब वह गांव गहरी बुट्टर के पास पहुंचे तो आरोपी सोमनाथ ने कार द्वारा लापरवाही से टक्कर मार दी। हादसे में सतनाम सिंह की मौके पर मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में आरोपी सोमनाथ के खिलाफ धारा 304 ए, 279, 337, 338, 427 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

घर में घुसकर महिला से की अश्लील हरकत, दंपति पर मामला दर्ज
बठिंडा। रामपुरा मंडी में एक घर में घुसकर महिला के साथ अश्लील हरकतें करने के मामले में पुलिस ने दंपति पर धारा 354, 323, 452, 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी अनुसार पुलिस को दर्ज करवाई शिकायत में रानी कौर पत्नी बलजीत सिंह निवासी रामपुरा मंडी ने बताया कि 21 जून को आरोपी अमरजीत कौर अपने पति कुञ्लविंदर सिंह के साथ उसके घर में घुस गये। आरोपी अमरजीत कौर ने उसे पकड़ लिया, आरोपी के पति उसके साथ अश्लील हरकतें की। चौंकीदार के सीटी बजाने पर आरोपी वहां से फरार हो गये। पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

घर में घुसकर महिला से मारपीट
बठिंडा। घर में घुसकर महिला से मारपीट करने के मामले में नथाना पुलिस ने दो आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी अनुसार पुलिस को दर्ज करवाई शिकायत में कर्मजीत कौर ने बताया कि 17 जून की सांय आरोपी मंजीत कौर, गोरा सिंह व गुरलाल सिंह उसके घर में घुस गये। आरोपियों ने उसकेञ् साथ मारपीट की। आरोपी वारदात को अंजाम देने केञ् बाद फरार हो गये। पुलिस ने इस मामले में तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

Tuesday, June 22, 2010

गर्मी से दो की मौत

बठिंडाः बठिंडा डबवाली रोड पर बठिंडा से 30 किलोमीटर की दूरी पर डूमवाली एक खेत में एक नौजवान की लाश पड़ी होने की सूचना सहारा जन सेवा के वर्करों को फोन पर मिली। जिसके तुंरत बाद संसथा के वर्कर एम्बुलैंस सेवा सहित घटना स्थल में पहुंचे। इसकी सूचना संसथा वर्करों ने पुलिस को दी। जिसके पश्चात पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस की मौजूदगी में संस्था वर्कञ्रों ने लाश को पोसटमार्टम के लिए बठिंडा के सिविल अस्पताल पहुंचाया। मृतक व्यक्ति की शिनाख्त राकेश कुमार वासी डबवाली के तौर पर हुई। इस सबंध में संस्था वर्करों ने बताया कि मृतक व्यक्ति की मौत गर्मी के कारण हुई है। इसी तरह एक अन्य मामले में बठिंडा बादल रोड पर दो दिन पहले एक बेसहारा व्यक्ति की जो सडक़ पर बेहोश पड़ा था। जिसकी सूचना सहारा जन सेवा के वर्करों को मिलते ही संस्था वर्करों ने घटना स्थल में पहुंच कर बेहोश व्यक्ति को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया लेकिन कुछ समय बाद भी व्यक्ति की हालत में कोई सुधार न होने के चलते बेसहारा व्यक्ति की गर्मी के कारण मौत  हो गई।
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बिजली की चोरी रोकना पड़ी महंगा


बठिंडा। स्थानीय फूल मंडी के वासी को अपने पड़ोसी को बिजली की चोरी करने से रोकना काफी मंहगा पड़ गया। आरोपी व्यक्ति ने अपने दोस्त के साथ मिलकर शिकायतकर्ता पर गंडासे से हमला कर गंभीर रुप से घायल कर दिया। इस मामले में फूल पुलिस ने घायल व्यक्ति के बयान के आधार पर पांच आरोपियों पर आईपीसी की धारा 341, 324, 323, 427, 149, 148 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी हैं। गौर हो कि पुलिस ने अभी तक किसी भी आरोपी व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं की है। जानकारी अनुसार पुलिस के पास दर्ज करवाई शिकायत में रजिंद्र सिंह पुत्र अवतार सिंह वासी बुर्ज गिल ने बताया कि विगत दिवस को उसका दोस्त गुरतेज सिंह पुत्र महिंद्र सिंह अपने ड्राईवर के साथ घर की तरफ जा रहा था। इस दौरान आरोपी गुरबाज सिंह, सिंकदर सिंह पुत्र सुरजीत सिंह, कमल सिंह पुत्र सिकंञ्दर सिंह, अमृत पाल सिंह पुत्र गुरबाज सिंह, जसकरण सिंह पुत्र जसवंत सिंह वासी बुर्ज गिल ने उसके ऊपर गढ़से व अन्य हथियार से हमला कर उसे व उसके ड्राईवर को गंभीर रुप से घायल कर घटनास्थल से फरार हो गए। रजिंद्र सिंह ने बताया कि उक्त आरोपी इस बात को लेकर गुरतेज सिंह से रंजिश रखते थे कि उक्तञ् आरोपी बिजली की कुंडी लगाकर अपनी मोटर चलते थे और गुरतेज सिंह उन्हें इसे करने से रोकता था। इसी रंजिश का बदला लेने की नीयत से उक्त आरोपियों ने उसके ऊपर जानलेव हमला किया हैं। वहीं सदर पुलिस के दी शिकायत में गुरविंद्रर सिंह पुत्र हरबंस सिंह वासी दिओण ने बताया कि विगत दिवस को वह अपने मोटरसाईकिल पर सवार होकर घर की तरफ जा रहा था। इस दौरान तीन मोटरसाईकिल पर सवार तीन अज्ञात लोग उसके पास आए और मोटरसाईकिल रोक उसके साथ मारपीट कर घटनास्थल से फरार हो गये। पुलिस ने अज्ञात तीन लोगों पर मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी हैं। 


चैक बाउंस के आरोप में एक व्यक्ति पर मामला दर्ज 
बठिंडा। सिविल लाईन पुलिस ने चैक बांऊस होने के मामले में एक व्यक्ति पर मामला दर्ज किया हैं। पुलिस ने आरोपी व्यक्ति पर आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत केस दायर कर कार्रवाई शुरु कर दी हैं। जानकारी अनुसार पुलिस के पास दर्ज करवाई शिकायत में भूपेस शर्मा पुत्र वैद प्रकाश वासी सिविल कलोनी ने बताया कि उसने आरोपी नीरज कुमार पुत्र मोहन लाल गोयल वासी गणेश बस्ती से 12 लाख 50 हजार रुपये की रकम लेनी थी। जिसके तहत उक्त आरोपी ने उसे उसके नाम 12 लाख 50 हजार रुपये की कीमत वाला चैक दे दिया। जब उसने उक्त चैक बैंक में जमा करवा तो बैंक द्वारा उक्त चैंक बाउंस कर दिया गया। भूपेस कुमार ने बताया कि उक्त आरोपी को पता था कि उसके खाते में किसी भी प्रकार की रकम नहीं हैं, यहां सब कुछ जानते हुए भी उक्त आरोपी नीरज कुमार ने उसके साथ धोखाधड़ी की। पुलिस ने आरोपी नीरज कुमार पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया हैं। 

झोलाछापा डाक्टर नशीली दवाईयां सहित गिरफ्तार 
बठिंडा। जिला पुलिस द्वारा नशे विरोधी शुरु किए अभियान के तहत कैनाल पुलिस व सदर पुलिस ने तीन व्यक्तियों को नशीली दवाईयां व भुक्की सहित गिरफ्तार किया हैं। पुलिस ने उक्त आरोपियों पर आईपीसी की धारा एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी हैं। जानकारी अनुसार एसआई हरनेक सिंह ने बताया कि पुलिस टीम को गुप्त सूचना मिली की आरोपी संजू कुमार पुत्र सुरजीत सिंह वासी परसराम नगर अपने आप को डाक्टर बताकर लोगों को दवाईयां की आड़ में नशीली दवाईयां बेचने का कारोबार करता हैं। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर संजू कुमार की दुकान में छापेमारी कर 280 पारवन स्पास कैप्सूल बरामद किए। इस दौरान आरोपी संजू कुमार घटनास्थल से फरार हो गया, जबकि पुलिस ने मोहन सिंह को मौके पर गिरफ्तार कर लिया। वहीं दूसरी तरफ सदर थाना पुलिस ने गश्त के दौरान आरोपी जसपाल सिंह उर्फ पाला सिंह  को छह किलो भुक्की चूरा पोस्त सहित गिरफ्तार कर लिया। नथाना पुलिस ने भी गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर बलजिंद्र सिंह शर्मा पुत्र ओम प्रकाश शर्मा को नशीली दवाईयां सहित गिरफ्तार किया हैं। पुलिस ने आरोपी बलजिंद्र सिंह पर मामला दर्ज कर लिया हैं। 

घर के सामने से कार चोरी
बठिंडा। विगत दिवस को किसी अज्ञात व्यक्ति ने स्थानीय माडल टाऊन से एक कार चोरी कर ली हैं। इस संबंध में सिविल लाईन पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति पर चोरी का मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी हैं। जानकारी अनुसार पुलिस को दी शिकायत में विपन कुमार पुत्र ज्ञान चंद वासी माडल टाऊन ने बताया कि विगत दिवस को उसने अपनी कार नंबर पीबी 08 जैडए -5438 अपने घर के सामने पार्क की थी, जिसे कोई अज्ञात व्यक्ति चोरी कर घटनास्थल से फरार हो गया। पुलिस ने कार के मालिक के बयान के आधार पर अज्ञात व्यक्ति पर आईपीसी की धारा 379 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

सट्टा लगाते हुए एक काबू 
बठिंडा। कोटफत्ता पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर एक व्यक्ति को सट्टा लगाते हुए मौके पर गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी व्यक्ति पर जुआ एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया हैं। जानकारी अनुसार हवलदार लक्ष्मण सिंह ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली की आरोपी जनक राज वासी कोटशमीर सट्टा लगवाने का कार्य कर रहा हैं। सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छापेमारी कर आरोपी लक्ष्मण सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
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पानी की डिग्गी में दो अध्यापकों ने लगाई छलांग हालत गंभीर



-प्रशासन की मौजूदगी में खेला गया मौत का खेल, प्रबंध रहे नाकाफी
-पिछले 24 घंटे से चढे़ है पानी की टैंकी पर, प्रशासन नहीं कर रहा बातचीत 
                                                                                   फोटो : बब्बल
बठिंडा। जिला प्रशासन की मौजूदगी में अलटरनेटिव इनोवैटिक एजूकेशन (एआईई) के दो अध्यापकों ने मौत का खेल खेल दिया। इसमें दोनों महिलाओं की हालत गंभीर बनी हुई है। अध्यापकों ने एक घंटा पहले ही सभी को सूचित किया कि वह पानी की टंकी में चढ़कर आत्मदाह करेगी या फिर स्वयं को साथ लगती पानी की डिग्गी में छलांग लगा देगी। इसके बावजूद प्रशासन ने किसी तरह की पुख्ता व्यवस्था नहीं की जिसमें देखते ही देखते दो अध्यापिकाओं ने पानी की टैंकी से छलांग लगा दी। यही नहीं पानी की टैंकी पर चढ़ी अध्यापक यूनियन की प्रधान स्वार्णारानी नींचे कूञ्दकर आत्महत्या करने की धमकी दी रही है। उसे लगभग सात लोगों ने टैंकी के ऊपर पकड़ कर रखा हुआ है। इससे पहले अध्यापकों की चेतावनी के बावजूद जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इस दौरान थाना नहियावाला थाना प्रभारी ही मौके पर मौजूद थे जबकि सुबह के समय एसपी सीटी कुछ मिनट वहां रुके व पुलिस कर्मचारियों से बात कर वापिस लौट गए। इस दौरान न तो एबूलेस की व्वस्था थी और न ही किसी तरह का नेंट व अन्य राहत सामान वहां रखा गया। पानी की डिग्गी में डूबे दोनों अध्यापकों को बाहर निकालने के लिए प्रशासन के पास किसी तरह की व्यवस्था नहीं थी जबकि नहियावाला थाना प्रभारी गुरप्रीत सिंह ने पानी की डिग्गी में छलांग लगाई लेकिन वह एक अध्यापक को बाहर निकालने में सफल हो सके। इसके बाद आसपास के दूसरे लोगों ने दूसरी महिला को बाहर निकाला। दोनों महिलाओं को तैरना नहीं आता था। जानकारी अनुसार मंगलवार की सुबह एआईई अध्यापक पहले से ज्यादा आक्रोशित नजर आ रहे थे। इसके चलते उन्होंने जिला प्रशासन को पहले ही चेतावनी दी कि अगर उन्होंने निरसता की नीति नहीं छोड़ी व उनकी मांगों को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई तो वह आत्महत्या करने जैसा कदम उठाने को मजबूर हो जाएंगे। इसके बावजूद प्रशासन ने उनकी चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया व मामले को हलके में लिया। इसके बाद छह के करीब अध्यापक यूनियन की प्रधान स्वर्णारानी व राजरानी के साथ पानी की टैंकी में चढ़ गए। इसमें मंजीत कौर वासी सरदूलगढ़ मानसा और विमला रानी वासी गुरहरसहाय फिरोजपुर ने पानी की टैंकी में छलांग लगा दी। दोनों की हालत काफी गंभीर बनी हुई है। इस दौरान जिला प्रशासन की तरफ से मौके पर किसी तरह की एबूलेंस की व्यवस्था न होने से जीप में डालकर दोनों अध्यापकों को सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। घटना के बाद प्रशासन की नींद खुली और सभी अधिकारी मौके पर पहुंचे व उन्होंने मामले में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बुलाया। फिलहाल दोनों अध्यापकों की हालत काफी गंभीर बनी हुई है।

प्रशासन की निरसता से एआईई अध्यापकों का आ बढ़ा
-20 घंटे बाद प्रशासन की नींद खुली, सुरक्षा के लिहाज से इंतजाम किए
                                                                                  फोटो बब्बल 
बठिंडा। अलटरनेटिव इनोवैटिक एजूकेशन (एआईई) का विरोध प्रदर्शन को लेकर जिला प्रशासन 20 घंटे बाद हरकत में आया। इससे पहले जिला प्रशासन उनके प्रदर्शन को लगातार हलके में ले रहा था, जिसके चलते अध्यापकों की तरफ से दी जा रही चेतावनी को नजरअंदाज किया जा रहा था। मंगलवार को दोपहर एक बजे के बाद एआईई अध्यापकों का आक्रञेश चरम पर पहुंच गया व उन्होंने प्रशासन से आरपार की जंग लड़ने का ड्डैञ्सला ले लिया। इस दौरान चंडीगढ़ गई यूनियन की प्रधान स्वर्णा देवी भी मौके पर पहुंच गई। उनके आते ही सभी प्रदर्शनकारियों में नई जान ड्डूंञ्क गई। स्वर्णा देवी स्वयं टैंकी पर चढे़ अध्यापकों के पास पहुंच गई और उसने नीचे छलांग लगाने की कोशिश की। उनके इरादों को भांपते हुए दूसरे साथियों ने उसे पकड़ लिया। लगभग एक घंटे तक उसे सात के करीब अध्यापकों ने पकडे़ रखा इसके बाद वह बेहोश होकर गिर पड़ी। इसके तुरंत बाद ही पानी की टैंकी के नीचे प्रदर्शन कर रही अध्यापिकाओं ने साथ में बनी पानी की डिग्गियों की तरफ रुख करना शुरू कर दिया। इस दौरान प्रदर्शन स्थल पर मात्र 15 के करीब सुरक्षा कर्मचारी मौजूद थे जबकि थाना स्तर का अधिकारी उनसे बात कर रहा था। जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी इस दौरान उनसे मिलने व उनकी बात सुनने के लिए नहीं पहुंचा। प्रशासन की नजरअंदाज करने की नीति के चलते ही प्रदर्शनकारी आक्रञ्मक रुख अख्तियार करने को मजबूर हुए। प्रशासन ने इस दौरान मौके पर किसी तरह की एबूलेंस का इंतजाम नहीं किया वही पानी की टैंकी पर चढे़ प्रदर्शनकारियों को नीचे उतारने व आपात स्थिति में किसी तरह की सहायता देने का इंतजाम भी प्रशासन के पास नहीं था। इस तरह की लापरवाही का अंदाजा इस बात से भी लगा सकते हैं कि जब दो अध्यापकों ने पानी की डिग्गी में छलांग लगाई तो 20 मिनट तक कोई भी व्यक्ति उन्हें बाहार निकालने के लिए मौजूद नहीं था जिससे दोनों की हालत खराब हुई। इस घटना के बाद प्रशासन थोड़ा हरकत में आया और उसने मौके पर प्राइवेट सामाजिक संस्थाओं की एबूलेंस मंगवाई वही आपात स्थिति के लिए जाल व तैराक मंगवाए गए। एआईई यूनियन की प्रदेश प्रधान स्वर्णा रानी का कहना है कि जिला प्रशासन उनकी मांगों को लगातार नजरअंदाज कर रहा है, पिछले दो दिन से प्रशासन उनकी कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं है। सो रही सरकार व प्रशासन को जगाने के लिए उन्हें इस तरह के कदम उठाने पड़ रहे हैं। डीसी गुरकृतकृपाल सिंह का कहना है कि अध्यापकों की मांगों को लेकर वह सरकार को अवगत करवा चुके हैं इसमें अधिसूचना सरकार ने जारी करनी है। जरूरत अनुसार घटनास्थल पर सुरक्षा के लिहाज से व्यवस्था पुलिस देख रही है।

Monday, June 21, 2010

शराब पीने से रोका तो पत्नी का कर दिया बेरहमी से कत्ल

-गली दबाकर की हत्या, पुलिस ने किया मामला दर्ज
-लंबे समय से शराब पीकर कर रहा था महिला को प्रताडि़त 
बठिंडा। महिला ने पति को शराब पीने से रोका तो उसका बेरहमी से कतल कर दिया गया। पुलिस ने आरोपी पति के खिलाफ केस दायर कर गिरफ्तार कर लिया। जानकारी अनुसार राजस्थान के संगरिया वासी चौधर सिंह ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई कि उसकी बहन बिंदर कौर का 18 साल पहले भौखड़ा वासी परमजीत सिंह पुत्र कृष्ण सिंह के विवाह हुआ था। विवाह के कुछ समय तक सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था। इसके बाद परमजीत सिंह शराब पीने का आदी हो गया। शराब पीकर वह बिंदर के साथ अकसर मारपीट करता था व उसे जान से मारने की धमकी देता था। बिंदर कौर उसे शराब पीने से रोकती थी लेकिन वह उसकी बात मानने से इंकार कर उससे मारपीट करता था। इसी तरह रविवार रात्रि परमजीत सिंह शराब पीकर घर आया तो बिंदर कौर ने उसे शराब छोडने व परिवार की तरफ ध्यान देने के लिए कहा। इससे आग बबूला हुआ परमजीत सिंह अपना आपा खो बैठा व उसका गला दबाकर हत्या कर दी। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी घटनास्थल से फरार हो गया। चौधर सिंह को आसपास के लोगों ने फोन पर सूचित किया। इसके बाद पुलिस के पास मामला दर्ज करवाया गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ़्तार कर जांच शुरू कर दी है।

मोबाइल लक्की ड्रा के नाम पर मारी 1.10 लाख की ठग्गी
-एक मिलियन डालर के पुरस्कार को लेकर भेजा था एसएमएस
-दिल्ली वासी सिदार्थ के खिलाफ दर्ज किया पुलिस ने केस 
बठिंडा। मोबाइल फोन पर लक्की ड्रा निकालने की एवज में एक लाख दस हजार रुपये की जलसाजी मारने वाले एक व्यक्ति के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इसमें पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए टीम का गठन किया है। जानकारी अनुसार फिल्ड हैल्थ आर्गोनाइजेशन कैंञ्ट बठिंडा वासी नायब जनता कुमार को दिल्ली वासी सिदार्थ उमेश सिंह ने छह मार्च 2010 को एक एसएमएस भेजा। इस मेसिज में कहा गया कि कोका कोला कंपनी की तरफ से एक लक्की ड्रा स्कीम चलाई जा रही थी। इस स्कीम के तहत आपके मोबाइल नंबर को लक्की ड्रा में शामिल किया गया था। इसमें एक मिलियन डालर का पुरस्कार नायब जनता कुमार को निकला है। पुरस्कार देने की शर्त के अनुसार एक लाख दस हजार 90 रुपये की स्कोयर्टी उनके पास जमा करवानी होगी। इसके लिए बकायदा एक खाता नंबर दिया गया व इसमें राशि जमा करने के लिए कहा गया। एसएमएस के बाद फोन वार्ता करने के बाद नायब जनता कुमार को विश्वास हो गया कि उक्त लक्की ड्रा सही में उसे निकला है। सिदार्थ की बातों पर विश्वास कर उसने एक लाख दस हजार 90 रुपये की राशि उसकी तरफ से बताए गए खाते में जमा कर दिए। इसमें तीन माह बीचने के बाद जब सिदार्थ ने न तो फोन उठाया और न ही स्कीम के बारे में अगली कोई जानकारी दी तो उन्हें शक हुआ। इसके बाद जनता कुमार बहिरा ने उक्त नंबर के बारे में जानकारी हासिल की तो पता चला कि सिदार्थ उमेश सिंह सी-सात चौथी मंजिल इगनो रोड दिल्ली में रहता है। वह पिछले लंबे समय से लोगों के साथ इसी तरह की जालसाजी कर रहा है। इसके बाद मामले में बैंक रसीद व भेजे गए एसएमएस के आधार पर पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई गई। पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद सिदार्थ उमेश सिंह के खिलाफ जालसाजी का केस दायर कर लिया। इसमें गिरफ्तारी के लिए एक पुलिस टीम का गठन भी किया गया है।
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प्रशासन की मौजूदगी में खेला गया मौत का खेल, प्रबंध रहे ना-काफी

पहले की स्थिति पर विशेष रिपोर्ट
सीएम से खफा तीन एआईई अध्यापकों ने लगाई आग
-साथी अध्यापकों ने बचाया, एक की हालत खराब
पिछले 24 घंटे से चढे़ है पानी की टैंकी पर, प्रशासन नहीं कर रहा बातचीत
-कई गांवों में अभी भी रुकी पड़ी है पानी की सप्लाई, लोग हुए परेशान
                        फोटो : बब्बल
बठिंडा। मांगों को लेकर एक बार फिर संघर्ष कर रहे अध्यापक सोमवार सांय से पानी की टैंकी में चढ़े पडे़ हैं। इसमें सोमवार की रात को घटित एक घटनाक्रम में चार अध्यापकों ने स्वयं पर तेल छिड़क दिया जबकि तीन ने स्वयं को आग लगाने का प्रयास किया। इस दौरान टैंकी पर चढ़ी एक अध्यापिका राखी को पिछले 16 घंटे से कपड़ों में आग लगने के बावजूद पानी की टैंकी पर चढ़ी है। उसका कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी वह इसी तरह पानी की टैंकी पर चढ़ी रहेगी। दूसरी तरफ तीन अन्य अध्यापक रेखा रानी वासी अबोहर, कमल शर्मा वासी जीरा व सुखजीत सिंह वासी साहनेवाल ने भी स्वयं पर केरोसीन का तेल छिड़क लिया। इसमें रेखा पानी, कमल शर्मा ने भी स्वयं को आग लगाई जिसमें मौके पर खडे़ लोगों ने उनके कपड़ों में लगी आग को बुझा दिया जबकि सुखजीत सिंह को भी वहां से तत्काल उठाकर सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया। जहां कुञ्छ समय पर उक्त अध्यापकों को भर्ती करने के बाद वहां से अन्य स्थान में स्थान्तरित कर दिया गया। फिलहाल पानी की टैंकी पर चढ़ी राखी सोमवार को चार घंटे से अधिक समय तक पानी की टैंकी में बेहोशी की हालत में पड़ी रही इस दौरान उसे किसी तरह का प्राथमिक उपचार भी नहीं दिया जा सका जबकि मंगलवार की सुबह जब राखी को टैंकी से नीचे उतरकर उपचार करवाने के लिए कहा गया तो उसने तब तक टैंकी से नीचे नहीं उतरने की बात कही जब तक उनकी सभी मांगों को पूरा नहीं किया जाता व सरकार की तरफ से अधिसूचना जारी नहीं की जाती है।  गौरतलब है किञ् इस बार पिछले एक दिन से अलटरनेटिव इनोवैटिक एजूकेशन (एआईई) से जुडी 12 महिला अध्यापक गोनियाना मंडी के नजदीक स्थित भौकड़ा पानी की टैंकी में चढ़े पडे़ हैं। उक्त लोग पहले की तरह इस बार भी कैरोसीन का तेल लेकर ऊपर चढे़ है व चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह आत्मदाह करने का प्रयास जारी रखेंगे। फिलहाल जिला प्रशासन के अधिकारी पानी की टैंकी के नीचे इकट्ठा होकर उनसे वार्ता करने में जुट गए हैं। गौरतलब है कि अलटरनेटिव इनोवैटिक एजूकेशन से जुडे़ अध्यापकों का पांच सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से चंडीगढ़ में मिला था। इस दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय से सूचित किया गया कि उनकी मांगों को लेकर अधिसूचना शिक्षा विभाग के डायरेक्टर की तरफ से जारी की जाएगी। जब इस बाबत अध्यापकों ने शिक्षा विभाग से बात की तो उन्होंने इस बाबत किसी तरह की अधिसूचना मिलने से इंकार कर दिया। इसके बाद अध्यापकों का आक्रञेश ड्डूञ्ट पड़ा व उन्होंने बठिंडा में टीचर होम में आयोजित रैली के बाद सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजा दिया। एआईई अध्यापक किसी तरह गोनियाना रोड स्थित पानी की टैंकी के पास पहुंच गए। इसमें 12 महिला अध्यापक पानी की टैंकी में चढ़ गए। 
फोटो : बब्बल
इसके बाद पानी की टैंकी में बने वाटर सप्लाई दफ्तर में काम कर रहे कर्मचारी वहां से फरार हो गए, जिससे आसपास के गांव में पानी की सप्लाई पूरी तरह से बंद हो गई। इससे आक्रञेशित गांव गिलपत्ती व भौकडा की पंचायत सौ के करीब लोगों को  साथ लेकर पुलिस थाना गोनियाना पहुंचे व पानी की सप्लाई बहाल करने की मांग की। इसमें पुलिस ने किसी तरह की सहायता करने से इंकार कर दिया व कहा कि वह इस बाबत आक्रञेशित अध्यापकों से मिले। गांव वासी जब अध्यापकों से मिले तो उन्होंने कहा कि पानी की सप्लाई से उनका कोई लेना देना नहीं है, वह तो अपना आंदोलन कर रहे हैं व पानी की सप्लाई वाटर वर्क्स के कर्मी के भागने से बांधित हुई है। फिलहाल जिला प्रशासन जहां पानी की टैंकी पर चढे़ अध्यापकों से बातचीत शुरूञ् कर रहा है वही गर्मी के मौसम में आधा दर्जन के करीब गांव में रुकी पानी की सप्लाई को बहाल करवाने के प्रयास में जुटा है। इन गांवों में लगभग तीस हजार की आबादी रहती है। डीसी गुरकृतकृपाल सिंह का कहना है कि पानी की टैंकी पर चढ़े अध्यापकों की मांगों को बातचीत चल रही है। उक्त अध्यापक ईटीटी में बिना शर्त दाखिला देने की मांग कर रहे हैं इसमें अधिसूचना राज्य सरकार की तरफ से जारी की जानी है।

दिन के तापमान में फिर से हुई बढ़ोतरी, गर्मी से हुए लोग बेहाल

-दिन का तापमान 46.8 डिग्री तक पहुंचा, बाजारों में कर्फ्यू की स्थिति
-अस्पताल में मरीजों की तादाद बढ़ी डाक्टर ने दिए बचने के सुझाव 
बठिंडा। पिछले दस दिन तक मौसम में रही ठंडक के बाद दो दिन से तापमान फिर से चर्म पर पहुंच गया है। पिछले सप्ताह शुक्रवार को जहां तापमान 40 डिग्री के आसपास था वही रविवार को तापमान 45 डिग्री व सोमवार को दिन का अधिकतम तापमान 46.8 डिग्री पहुंचने ने आम जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित होकर रह गया। वही गर्मी के साथ लगने वाले बिजली कटों के कारण लोग बेहाल होकर रह गए है। बढ़ती गर्मी के कारण व्यापारिक प्रतिष्ठनों में भी मंदी की मार पड़ रही है। दिन के समय सड़कों में कर्फ्यू की स्थिति है। वही गर्मी के कारण अस्पतालों में मरीजों की तादाद फिर से बढ़ने लगी है। इसमें अधिकतर मरीज तेज बुखार, आंखों में जलन व नाक से खून निकलने वाले पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही कई क्षेत्रों में पेट दर्द व चक्कर खाकर गिरने वाले मरीजों की तादाद भी बढ़ी है। सिविल अस्पताल में गर्मी से संबंधित दो सौ के करीब मरीज पिछले दो दिन में पहुंचे हैं। इसमें बच्चों के साथ बुजुर्ग लोगों की तादाद अधिक है। बच्चों के माहिर डाक्टर एनडी गोयल का कहना है कि गर्मी के कारण तेज बुखार, नाक से खून निकलने, एकाएक बेहोशी की स्थिति बनने के साथ आंखों में लाली की शिकायतें ज्यादा आती है। गर्मी केञ् दौरान पानी का सेवन अधिक मात्रा में करे वही दिन के समय घर, दफ़्तर से बाहर निकलते हुए सिर को टोपी से ढककर रखे या छाते का इस्तेमाल करे। निबू पानी के साथ ग्लूकोज का पानी अधिक पिए। सिर में गर्मी लगने पर ठंडे पानी की पट्टी रखे व सिर को ठंडे पानी से धोए। गौरतलब है कि पिछले 15 दिनों से मौसम में एकाएक तबदीली चल रही है। इसमें आसमान में बादल छाने के साथ बरसात होने के कारण तापमान में दस डिग्री तक गिरावट दर्ज की गई थी। जून माह के शुरू में तो तापमान 38 डिग्री तक रहा जबकि पिछले दो दिन से तापमान एक बार फिर से बढ़ने लगा है। आज सोमवार का तापमान 46.8 डिग्री व न्यूनतम तापमान 29 डिग्री तक दर्ज किया गया। सोमवार को बढ़ती गर्मी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि सुबह दस बजे के करीब ही तापमान 42 डिग्री के करीब रहा। इस बीच महानगर में दिन के समय बिजली कटों का सिलसिला भी तेज हो गया है। दिन में बाहरी क्षेत्रों में तो सात से आठ घंटे के बिजली कट लग रहे हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में तो यह सिलसिला 16 घंटे तक पहुंच गया है। बठिंडा की तहसील रामपुरा, भुच्चों, मौड़ व गोनियाना मंडी के साथ भगता में दिन के समय 16 घंटे के बिजली कट लग रहे हैं।

नाबालिग के अपहरण केस में नहीं दर्ज हो रहा मामला

बठिंडा। 12 साल की नाबालिग लड़की को भगाने वाले युवक के भाई को मौड़ मंडी पुलिस ने हिरासत में ले लिया लेकिन आरोपी लड़के के खिलाफ 48 घंटे बाद भी केस दायर नहीं किया है। इसे लेकर लड़की के परिजनों ने पुलिस के आला अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कर इंसाफ की गुहार लगाई है। जानकारी अनुसार प्रताप सिनटेस मिल मौड़ मंडी में काम करने वाले  राम लाल की 12 वर्षिय बेटी को उसके पड़ोस में बनी पानी की फैक्ट्री में काम करने वाला एक युवक एक माह पहले बहला फुस्लाकर भगा ले गया था। 19 मई 2010 को लड़की के परिजनों ने मौड़ पुलिस के पास मामले की शिकायत दर्ज करवाई लेकिन पुलिस ने किसी तरह की प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज नहीं की। इसके बाद चार दिन पहले पुलिस ने लड़की का अपहरण करने वाले लड़के के भाई को हिरासत में ले लिया लेकिन आरोपी लड़के को पकड़ने के लिए किसी तरह का प्रयास नहीं किया जा रहा है। लड़की के परिजनों का कहना है कि पुलिस मामले को दबाने के साथ दूसरे पक्ष के साथ समझौता करने के लिए दबाब डाल रहे हैं। उन्होंने एसएसपी बठिंडा से मामले में हस्तक्षेप करने व नाबालिग लड़की को भगाने वालों को गिरफ्तार करने की मांग की है।  


कार में नशीली दवा लादकर ले जा रहे दो गिरफ्तार
-नौजवानों को नशे के तौर पर बांटी जानी थी खेप  
बठिंडा। कार में नशीली दवाओं की खेप लादकर ले जा रहे दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उक्त लोगों से भारी तादाद में नशीली दवा बरामद की गई है। जानकारी अनुसार कोठे मान सिंह वाला वासी हरप्रीत सिंह व बूटर थकूहा वासी जसवीर सिंह मारुति कार में सवार होकर विर्क कला की तरफ जा रहे थे। इसी दौरान पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर नाकाबंदी कर रखी थी। जांच पड़ताल के दौरान कार से 101 नशीले टीके, चार शीशी लोमोटीन, चार सौ गोलियां सहित सैकड़ों प्रतिबंधित दवाएं लाद रखी थी। इसका समुचित बिल भी उक्त लोगों के पास नहीं मिला। गिरफ्तार लोगों ने बताया कि वह इसे आगे तस्करी के लिए ले जा रहे थे। इसमें मंहगे दाम में नशा नौजवानों को बेचा जाता था। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

जमीन पर कब्जा करने के लिए खराब की फसल
-पुलिस ने छह लोगों के खिलाफ दर्ज किया मामला
बठिंडा। गांव गोनियाना खुर्द में आपसी रंजिश के चलते एक किसान की खेतों में खड़ी यंत्र की खेती को बरबाद कर दिया व जमीन में कब्जा करने की कोशिश की। जानकारी अनुसार बिंदर सिंह पुत्र मेजर सिंह वासी गोनियाना खुर्द ने पुलिस केञ् पास शिकायत दर्ज करवाई कि जगसीर सिंह पुत्र गुलजार सिंह, सुरजीत सिंह, गुरदीप सिंह, गुरप्रीत सिंह, अवतार सिंह व सुखदेव सिंह उसकी जमीन पर अवैध कब्जा करना चाहते थे। इसी केञ् चलते विगत सांय उक्त लोग टैरेक्टर लेकर उसके खेतों में आ गए व वहां खड़ी फसल को खराब कर दिया। इसके बाद उक्त लोगों ने जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की। इसके बाद मामला पुलिस के पास दर्ज करवाया गया। जिसमें पुलिस ने कब्जा धारकों के खिलाफ केस दायर कर जमीन से कब्जा छुड़वाया।  

बरसाती पानी की निकासी योजना पर भ्रष्टाचार का साया

-पहले भी पक्का करने की बन चुकी योजना
-लाखों का हुआ था मामले में घपला
बठिंडा। जून-जुलाई में संभावित मानसून के चलते जिला प्रशासन बरसाती पानी से निपटने के लिए बैठकों का सिलसिला शुरूञ् कर रहा है। दूसरी तरफ जमीनी स्तर पर बरसाती पानी की निकासी को लेकर नगर निगम, कौंसिले व नगर पंचायते चुप्पी साधकर बैठे हैं। यही नहीं सरकार की तरफ से करोड़ों रुपया नहरों, रजवाहों व सीवरेज सफाई के लिए जारी किया जाता है लेकिन इस फंड का समुचित इस्तेमाल नहीं होने से बरसातों में लोगों के लिए आफत बनी रहती है। प्रशासन की लापरवाही का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जिले की सरहिंद कनाल की खस्ता हालत को सुधारने के लिए डेढ़ दशक से कोई काम नहीं किया जा सका है। इसके लिए करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने वाले नहरी विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते इसकी सफलता पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है। इससे पहले कैञ्प्टन सरकार के कार्यकाल में नहरों की दशा सुधारने के लिए 60 करोड़ रुपये का बजट पारित किया गया था। इसमें जिले में 25 करोड़ रुपये खर्च कर नहरों को पक्का करने और खस्ता हालत को सुधारने की योजना भी शुरू कर दी गई, लेकिन बरसात में विभिन्न स्थानों में नहरों के साथ पक्के किए रजबाहों के टूटने के सिलसिले ने उक्त योजना में व्याप्त खामियों को उजागर करके रख दिया। मामले की जांच भी की गई लेकिन राजनीतिक प्रभाव में दबा दिया गया। इसमें जिले भर में छह नहरी विभाग के अधिकारियों पर गाज गिरी और उनका तबादला कर इतिश्री कर दिया गया। गौरतलब है कि जिले की सरहिंद नहर को पक्का करने और इसकी सफाई कर पानी के बहाव को तेज करने की योजना पिछले डेढ़ दशक से कागजों में सिमटी पड़ी है। कागजों में तो हर साल पक्का करने के साथ उनकी सफाई करवाई जाती है। इसमें लाखों रुपया खर्च भी दिखा दिया जाता है लेकिन जमीनी स्तर पर ठेकेदार और विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से कोई भी काम नहीं हो पाता। विभाग नहरों के आसपास बनने वाली दीवार को पांच ड्डुञ्ट तक बनाता है। इसमें नियमानुसार टूटे हिस्से की बरसात से पहले मरम्मत करवाई जाती है। लेकिन बठिंडा सरहिंद नहर में ही पिछले 15 साल से टूटी दीवारों को पूर्व की तरह छोड़ दिया गया है। दरार पडऩे की स्थिति में स्थानीय लोग ही इसमें मिट्टी डालने का काम करते हैं। इसी तरह की स्थिति नगर निगम व कौंसिल क्षेत्रों की है जहां अभी तक सीवरेज सफाई का काम शुरू नहीं किया जा सका है। महानगर में बिना बरसात के ही कई क्षेत्रों में सीवरेज का गंदा पानी सड़कों में इकट्ठा होकर लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता है। इसमें प्रताप नगर मुチय सड़क, अमरपुरा बस्ती, लाल सिंह बस्ती, संगुआना बस्ती, सिरकी बाजार, माल रोड़ का मध्य हिस्सा, हाजीरत्न चौक, पावर हाऊस रोड, गुरु नानकपुरा क्षेत्र ऐसे हैं जहां बरसात के दौरान चार से पांच फुट तक पानी भर जाता है। नगर निगम कमिश्नर रवि भगत का कहना है कि नगर निगम क्षेत्र में सीवरेज सफाई का काम शुरूञ् करने की हिदायते जारी कर दी गई है, इसमें बरसात शुरू होने से पहले काम पूरा कर लिया जाएगा। जिलाधीश गुरकिरत कृपाल सिंह ने बताया कि बठिंडा शहर को बरसातों व बाढ़ से बचाने के लिए 12 सेंटरों में बांटा गया है जिसके तहत प्रत्येक क्षेत्र का इंचार्ज एक सेंटर अफसर लगाया गया है ताकि सेंटरों में आने वाली समस्याओं का पहले से ही प्रबंध किया जा सके। संबंधित क्षेत्र में संबंधित सेंटर अफसर व ड्यूटी अधिकारी से संपर्कञ् करके उन्हें क्षेत्र से संबंधित समस्याओं बारे अवगत करवाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि नहरी विभाग के अधिकारियों को टूटी नहरों की मरम्मत करने के साथ संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध पहले से करने की हिदायतें जारी की गई है।

विशाल रक्तदान शिविर...आंकड़ों की दौड़

"आप रक्तदान न करें, तो बेहतर होगा" एक चौबी पच्चीस साल का युवक एक दम्पति को निवेदन कर रहा था, जिसके चेहरे पर चिंता स्पष्ट नजर आ रही थी, क्योंकि वो जिस रक्तदाता के साथ आया था, वो एक कुर्सी पर बैठा निरंतर उल्टियाँ कर रहा था, जिसको बार बार एक व्यक्ति जमीन पर लेट के लिए निवेदन कर रहा था। युवक की बात सुनते ही महिला के साथ आया उसका पति छपाक से बोला, यह तो बड़े उत्साह के साथ खून दान करने के लिए आई है। महिला के चेहरे पर उत्साह देखने लायक था, उस उत्साह को बरकरार रखने के लिए मैंने तुरंत कहा, अगर आप निश्चय कर घर से निकले हो तो रक्तदान जरूर करो, लेकिन यहाँ का कु-प्रबंधन देखने के बाद मैं आप से एक बात कहना चाहता हूँ, अगर पहली बार रक्तदान करने पहुंचे हैं तो कृप्या रक्तदान की पूरी प्रक्रिया समझकर ही खूनदान के लिए बाजू आगे बढ़ाना, वरना किसी छोटे कैंप से शुरूआत करें। वो रजिस्ट्रेशन फॉर्म के बारे में पूछते हुए आगे निकल गए, लेकिन मेरे कानों में अभी भी एक आवाज निरंतर घुस रही थी, वो आवाज थी एक सरदार जी की, जो निरंतर उल्टी कर रहे व्यक्ति को लेट के लिए निवेदन किए जा रहा था, लेकिन कुर्सी पर बैठा आदमी आर्मी पर्सन था, वो अपनी जिद्द से पिछे हटने को तैयार नहीं था। यह दृश्य पटियाला के माल रोड स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी के भीतर आयोजित पंजाब युवक चेतना मंच के विशाल रक्तदान शिविर का था। इस विशाल रक्तदान शिविर में जाने का मौका बठिंडा की एक प्रसिद्ध रक्तदानी संस्था के कारण नसीब हुआ, लेकिन विशाल रक्तदान शिविर के कु-प्रबंधन को देखने के बाद, मेरी आँखों के सामने उन अभिभावकों की छवि उभरकर आ गई, जो अंकों की दौड़ में बच्चों को लगाकर उनको मानसिक तौर से बीमार कर देते हैं, और उनको पढ़ाई बोझ सी लगने लगती है। इस शिविर में अंकों की नहीं, शायद आंकड़ों की दौड़ थी, दौड़ कोई भी हो, दौड़ तो आखिर दौड़ है। दौड़ में आँख लक्ष्य पर होती है, शरीर के कष्ट को रौंद दिया जाता है जीत के जश्न तले। इस शिविर में रक्तदाताओं के लिए उचित प्रबंध नहीं था, शिविर को जल्द खत्म करने के चक्कर में रक्तदातों को पूरी प्रक्रिया से वंचित रखा जा रहा था, जिसका नतीजा वहाँ उल्टियाँ कर रहे रक्तदाताओं की स्थिति देखकर लगाया जा सकता था। बाहरी गर्मी को देखते हुए भले ही रक्तदान शिविर का आयोजन एसी हाल में किया गया था, जो देखने में किसी सिनेमा हाल जैसा ही था, पुराने समय में जो स्थिति टिकट खुलते वक्त बाहर देखने को नसीब होती थी, कल वो मुझे इस एसी हाल के भीतर रिफ्रेशमेंट वितरण के मौके देखने को मिली, रक्तदाता रिफ्रेशमेंट के लिए एक दूसरे को धक्के मार रहे थे, यह विशाल शिविर के कु-प्रबंधन का एक हिस्सा था। विशाल शिविरों का आयोजन रक्तदान लहर को आगे बढ़ाने के मकसद से किया जाता है, लेकिन कल वाला रक्तदान शिविर तो रक्तदान की लहर को झट्का देने वाला ज्यादा लग रहा था, एक सौ फीसदी विकलांग रक्तदाता वहाँ की स्थिति देखकर रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने के बाद जमा करवाने का हौसला नहीं कर सका, जो इससे पहले दर्जनों बार खूनदान कर चुका है। ऐसे विशाल शिविर रक्तदान की लहर को प्रोत्साहन देने की बजाय ठेस पहुंचाते हैं। छोटा परिवार सुखी परिवार की तर्ज पर चलते हुए ऐसे विशाल शिविरों से तो बेहतर है कि छोटे शिविर लगाओ, ताकि रक्तदान की लहर को कभी वैसाखियों के सहारे न चलना पड़े, जो आज अपने कदमों पर निरंतर दौड़ लगा रही है। चलते चलते एक और बात जो रक्तदाताओं के लिए अहम है, "रक्तदान शिविरों में रक्तदान करने वाले व्यक्तियों को रक्तदान करने की पूरी प्रक्रिया से अवगत होना चाहिए, ताकि उक्त विशाल शिविर में हुई अस्त व्यस्तता से बचा जा सके।"

कुलवंत हैप्पी- 76967-13601

Saturday, June 19, 2010

राहुल गांधी का जन्म दिवस धूमधाम से मनाया

मनीष कार्की
बठिंडा : जिला कांग्रेस कमेटी बठिंडा शहरी की ओर युवा नेता राहुल गांधी जी का 40 वां जन्म दिवस बडी धूमधाम केसाथ मनाया गया। उनकी लंबी आयु की कामना के लिए गुरूद्वारा साहिब किला मुबारक में सभी कांग्रेसी वर्करों द्वारा अरदास की गई। इस मौके पर जिला शहरी प्रधान अशोक कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि राहुल गांधी भारत के आने वाला भविष्य हैं। देश के करोड़ों लोगों को राहुल गांधी से बड़ी आशा है कि वह भारत के लोगों की इससे भी ज्यादा प्रधान मंत्री के रूप में सेवा करें। इसके उपरान्त नंद लाल सिंगला, अवतार निटू, प्रीत मोहन एवं प्रेस सचिव रतन राही ने कहा कि राहुल गांधी ने थोड़े ही समय में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए बहुत से कार्य किये है जो बाके में ही काफी सराहनीय योग है। उन्होंने कहा कि उन्होंने  बहुत थोड़े समय में पार्टी की छवी को गरीब लोगों एवं जनता में उभारने के लिए गरीब के साथ मिलकर उनकी दुख दर्दों को भी बांटा है। इन्हीं कारणों से  राहुल गांधी जी को गरीब लोग ही नहीं बल्कि सभी लोग काफी पसंद करते है। उन्होंने कहा कि उनकी लोगों के प्रति इस लोक भावना के चलते पार्टी को और मजबूती मिलने में काफी सहयोग मिला है। इसके बाद कांग्रेस पार्टी के जुगराज सिंह, दुल्ली चंद कलानियां, डा. मुकेश, जगदीश मित्तल, रजिन्द्र गोल्ड़ी , गुरमीत सिंह, जसवंत गोल्ड़ी, भुपिन्द्र सिंह शर्मा, चरणजीत सिंह, गोरा नगा वाला, बलविन्द्र सिंह, भगवान दास भारती , बलवीर सिंह, मनजीत कौर, रजिन्द्र गोल्डी आदि ने भी आये हुए लोगों को धन्यवाद किया। 

कनाडेनियन यूनिवर्सिटी से मालवा कालेज ने मिलाया हाथ 
बठिंडा। मालवा कालेज बठिंडा ने सफलता की ओर एक और कदम बढ़ाते हुए यूनिवर्सिटी कनाडा वैस्ट के साथ हाथ मिलाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी दस्तक दी हैं। कालेज व यूनिवर्सिटी  के बीच हुए समझौते के बाद मालवा कालेज से बीए, बीकॉम, बीबीए और बीसीए की डिग्री प्राप्त छात्र, जो एमबीए में दाखिला लेगें उनको उक्त यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त डिग्री मिलेगी। इस मौके पर दिवाकर गांधी डायरेक्टर साऊथ एशियन एंड मिडल ईस्त आँफ कनाडा यूनिवर्सिटी वेस्ट ने सयुक्त शिक्षा प्रोग्राम के तहत एक समझौते पर हस्ताक्षर किये।  मालवा कालेज प्रबंधनञ् कमेटी ने कहा कि  उक्तञ् यूनिवर्सिटी  जिसके वैनकु वर, विक्टोरिया, वेस्ट कंलोबिया में कैंपस हैं, ने कालेज में पढाए जा रहे एमबीए पहला पाठ्यक्रम को स्वीकृति दे दी हैं। श्री गांधी ने बताया कि कालेज से बीकॉम व बीबीए किए छात्र दो साल की एमबीए फास्ट ट्रक के तहत एक साल में पूरी कर सकते हैं। डा.पी सुब्रामनियम प्रिंसिपल मालवा कालेज ने बताया कि यूनीवर्सिटी के मैंबर ग्लोब एजूकेशन कल्सटंट साल में मालवा कालेज में दो सेमिनार का आयोजन किया जायेगा, जिसके तहत छात्राओं को बैंकलोन,वीजा जैसी सुविधायें कालेज की तरफ से निशुल्क दी जायेगी। 

मोटरसाईकिल व मोबाईल फोन चोरी, केस दायर

बठिंडा। वाहन चोर गिरोह ने अपना कहर बपरते हुए विगत दिवस की रात को स्थानीय माल रोड़ से हाजरों रुपये की कीमत वाला मोटरसाईकिल चोरी कर लिया हैं। पुलिस ने शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर अज्ञात व्यक्ति पर आईपीसी की धारा 379 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी हैं। कोतवाली पुलिस को दी शिकायत में रोशन लाल पुत्र सुंदर लाल वासी कपूर का अहाता ने बताया कि गत दिवस की रात को वह किसी कार्य के लिए स्थानीय माल रोड़ पर गया था। इस दौरान उसने अपना मोटरसाईकिल नंबर पीबी 03-3987 माल रोड़ पर पार्क कर दिया। जिसे कोई अज्ञात व्यक्ति चोरी कर फरार हो गया। मोटरसाईकिल की कुल कीमत तीस हजार के करीब हैं। वहीं नहियांवाला पुलिस के पास दर्ज करवाई शिकायत में सुरिंद्र सिंह पुत्र कर्म सिंह वासी महिमा सरजा ने बताया कि विगत दिवस की रात को आरोपी रविंद्र सिंह पुत्र सुखमंदर सिंह, जगतार सिंह पुत्र जरनैल सिंह वासी महिमा सरजा ने उसके घर में दाखिल होकर घर में पड़े एक मोबाईल फोन चोरी कर लिया। जिसकी कुल कीमत पांच हजार रुपये हैं। पुलिस ने दोनों व्यक्तियों पर मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी हैं। 

बस स्टेंड के साथ बने होटल, रेस्ट्रोरेंट बने देह व्यापार के अड्डे

राकेश राही/संजय शर्मा
बठिंडा। बस स्टेंड के नजदीक बने रेस्टोरेंट व होटल इन दिनों युवाओं के लिए आशकी के सेंटर बन चुके हैं। हालत यह है कि इनमें एक होटल तो देह व्यापार का अड्डा बना हुआ है जहां दूर दराज से लड़कियों को बुलाकर इस गौरख धंधे में धकेला जाता है। इसमें होटल मालिकों के साथ काला धंधा करने वाले लोग जमकर चांदी कूट रहे हैं। पंजाब का सच अखबार की तरफ से एकत्रित की गई जानकारी में खुलासा हुआ कि इन स्थानों में ग्रामीण क्षेत्रों से पढ़ने के लिए आने वाले लड़के लड़कियों की सर्वाधिक तदाद होती है जो किसी संस्थान में पढ़ने की बजाय कई घंटे इन सेफ स्थानों में बैठे रहते हैं। इसमें एक नियत समय तक बैठने के साथ कमरा बुक करवाने की एवज में मोटी राशि वसूल की जाती है। जानकार खुलासा करते हैं कि इस तरह के धंधे की जानकारी पुलिस के पास होती है लेकिन होटल प्रबंधकों की तरफ से एक मुश्त राशि का भुगतान करने के कारण इनके खिलाफ किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं की जाती है। जिला प्रशासन के दफ्तरों वाले मिनी सचिवालय के सामने बने इन रेस्टोरेंटों में आम लोगों की बजाय लड़के व लड़कियों की सर्वाधिक तदाद सुबह नौ से सांय चार बजे तक सामान्य तौर पर देखने को मिल जाती है। उक्त जोड़ों के लिए विशेष तौर पर कमरे बने होने के साथ उनके ठहरने के लिए कमरों तक की व्यवस्था की गई है। इसमें बठिंडा जिले के इलावा मलोट, पटियाला, चंडीगढ़ जैसे शहरों से भी मांग पर लड़कियां पहुंचती है जो एक मुस्त राशि हासिल कर इन होटलों में रात को ठहरती है। सामान्य तौर पर बडे़ होटलों में बिना परिचयपत्र व दाखिला रजिस्टर के ठहरने की मनाही रहती है लेकिन इन होटलों के लिए प्रशासन की तरफ से पारित किसी भी नियम की जरूरत नहीं पड़ती है। प्रशासन ने असामाजिक तत्वों पर लगाम कसने के साथ किसी तरह की आतंकी घटना को रोकने के लिए विभिन्न होटलों में ठहरने वाले लोगों का नाम, पता व पूरा विवरण रजिस्टर में लिखने के साथ उनके पहचान पत्र की फोटो कापी रखने का आदेश जारी कर रखा है। लेकिन उक्त होटल व रजिस्ट्रोरेंट संचालक इन तमाम नियमों को ताक पर रखकर लोगों को ठहरने की सुविधा प्रदान करते हैं। फिलहाल उक्त लापरवाही किसी भी तरह की अनहोनी घटना को अंजाम दे सकते हैं। इससे पहले भी कुछ होटल संचालकों की लापरवाही के चलते पाकिस्तान के जासूस कई दिनों तक होटलों में ठहरने के साथ देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देते रहे हैं। फिलहाल जिला प्रशासन को इन होटलों, रेस्ट्रोरेंटों के साथ आशकी के सेंटरों पर रोक लगाने के लिए पुख्ता कदम उठाने चाहिए ताकि समाज के साथ देश के लिए खतरा बनने वाली किसी तरह की अनहोनी को टाला जा सके।   

पंजाब को इमानदारी से उठानी होगी पानी पर रियालटी की मांग

राज्य में पानी के साधन तो है लेकिन इसका समुचित लाभ नहीं मिल रहा
राज्य में पिछले डेढ़ दशक से पानी का मुद्दा अहम रहा है। सतलुज यमुना लिंक नहर के मुद्दों को पंजाब के साथ हरियाणा के सियासतदान पिछले तीन चुनावों से जोर शोर से उठा रहे हैं इसमें विभिन्न राजनीतिक दलों को लाभ भी मिलता रहे हैं। इसी गनीमत ही कहेंगे कि किसी भी राजनीतिक दल ने सत्ता संभालने के बाद इस गंभीर मसले पर जमीनी स्तर पर काम नहीं किया है। पूर्व कैञ्प्टन सरकार से इस मुद्दे को लेकर थोड़ा प्रयास जरूञ्र किए लेकिन वह भी केंञ्द्र में बनी उनकी कांग्रेस सरकार ने ही सफल नहीं होने दिया बल्कि उन पर दबाब बनाकर इसे ठंडे बस्ते में डलवा दिया। वर्तमान में राज्य में अगर कोई बड़ी समस्या है तो वह पानी है। किसान पानी के बिना परेशान है। मानसून के थोडे़ लेट होते ही खेतों में फसले सूखने लगती है। लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिलता है। गर्मियों के दिनों में तो शहरों के साथ गांवों में हाहाकार की स्थिति पैदा हो जाती है। राज्य में पानी के साधन है लेकिन उनका लाभ उसे नहीं मिल रहा है। फिलहाल काफी लंबे समय से पिटारे  में बंद पानी का मुद्दा एक बार फिर से पिटारे से बाहर है। डेढ़ साल बाद राज्य में संभावित विधानसभा चुनावों के चलते भी इस मुददे्‌ को अकाली एक बार फिर से जोरशोर से उठाना चाहते हैं। इसी के चलते पंजाब सरकार ने अब अन्य राज्यों को दिए जा रहे पानी पर रायल्टी लेने का मन बनाया है। अगर इसके दूरगामी पहलुओं पर गौर किया जाए तो इसे पूरी तरह गलत भी नहीं कहा जा सकता है। अगर राज्य सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता के साथ इमानदारी से काम करती है तो इसका फायदा मिलेगा व राज्य के लाखों किसानों को इसका लाभ मिलेगा।  सभी राज्यों में कोई न कोई प्राकृञ्तिक संपदा होती है जिसकी उसे रायल्टी मिलती है तो फिर पंजाब के  साथ ही भेदभाव क्यों हो। गत दिवस मुख्यमंत्री ने इस संबंध में शीर्ष स्तर पर एक बैठक की, जिसमें वरिष्ठ वकीलों, कई मंत्रियों के अतिरिक्त नदी जल विशेषज्ञ तथा सिंचाई विभाग के  प्रमुखों ने हिस्सा लिया। बैठक में इस संबंध में कानूनी लडाई लडने की रूञ्परेखा पर विचार किया गया। जाहिर है कि इस प्रकार की कोई मांग अथवा लडाई उन प्रदेशों को तो रास नहीं आएगी जो पंजाब का पानी मुफ्त में इस्तेमाल कर रहे हैं, किंतु इस मामले में पंजाब सरकार में शामिल शिरोमणि अकाली दल की सहयोगी भारतीय जनता पार्टी का सरकार का साथ देना यह साबित करता है इस मुद्दे पर पंजाब के  सभी दल दलीय भावना से ऊपर उठ कर एक स्वर में बात करेंगे। इस मामले में हालांकि कांग्रेस की तरफ से किसी तरह की प्रतिक्रञ्या नहीं आई है लेकिन शिअद को चाहिए कि वह इस लडाई में कांग्रेस की भी मदद ले क्योंकि केंद्र और पडोस के  दोनों राज्य हरियाणा तथा राजस्थान में कांग्रेस की ही सरकार है। यह संकेत जाना आवश्यक है कि यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है बल्कि प्रदेश के  हितों से जुडा हुआ है। जब भी किसानों के  लिए किसी प्रकार की केंञ्द्रीय राहत की घोषणा की जाती है तो प्राय पंजाब की इस आधार पर अनदेखी कर दी जाती है कि इसके पास पर्याप्त पानी है और यह राज्य प्रथम हरित क्रञंति का अगुआ रहा है, किंतु जब पंजाब के  संसाधनों की बात होती है तो उसमें हिस्सा बांट दिया जाता है। पंजाब यदि अपना पानी अन्य राज्यों को दे रहा है तो क्या अन्य राज्यों का यह दायित्व नहीं बनता है कि वह इसके लिए कुछ अदा करें? पंजाब में कृषि बुरे दौर से गुजर रही है और राज्य में किसान आत्महत्या तक कर रहे हैं, ऐसी स्थिति में राज्य को अपनी जायज मांग को उठाने का पूरा हक है और केंद्र को भी चाहिए कि वह पंजाब की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करे और अन्य राज्यों पर पानी की रायल्टी देने के  लिए दबाव बनाए।

बेटे ने परिजनों के साथ मिलकर मां को उतारा मौत के घाट

-जमीनी विवाद को लेकर हुई थी मामूली तकरार, पेट में लात मार किया बेहोश 
-पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ केञ्स दायर कर शुरू की जांच  
बठिंडा। प्रताप नगर गली नंबर पांच डी में एक महिला को उसके ही बेटे ने बेरहमी से पीटकर मौत के घाट उतार दिया। हालांकि मामले में परिजन किसी तरह का मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं। पुलिस का कहना है कि आरंभिक जांच में महिला की हत्या की गई है, इस बाबत चार आरोपियों के खिलाफ हत्या का केस दायर कर जांच शुरूञ् कर दी है। जानकारी अनुसार प्रताप नगर गली नंबर पांच डी में रहने वाली महिला हरवंश कौर रेलवे में चपरासी का काम करती थी।  शुक्रवार की देर रात हरवंश कौर का अपने लड़के भुपिंदर सिंह उर्फ गोरा से किसी बात को लेकर थोड़ी सी तकरार हो गई। इसी दौरान उसकी पत्नी कुलविंदर कौर, बहन बलविंदर कौर और उसकी सास बिल्ला कौर भी घर में मौजूद थे। उक्त लोगों के बीच मकान की दीवार को लेकर झगड़ा हो गया। इसमें हरवंश कौर को उसके लड़के भुपिंदर सिंह ने पीटना शुरू कर दिया। जमीन में गिरी महिला के पेट में लात मारकर बेहोश कर दिया। बताया जा रहा है कि भुपिंदर सिंह का उसकी पत्नी, बहन व सास ने भी पूरा साथ दिया। बेहोश पड़ी महिला को उक्त लोगों ने बचाने का प्रयास भी नहीं किया। इससे उसकी हालत गंभीर हो गई। शोर सुनकर आसपास के लोग भी इकट्ठा हो गए। उन्होंने महिला को अस्पताल पहुंचाया लेकिन कुछ समय बाद उसकी मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने मामले को दबाने का प्रयास किया। सहारा जन सेवा के कार्यकर्ताओं ने महिला का शव पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल में पहुंचाया। इसमें पुलिस ने सूचना पाकर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी। जांच के दौरान पुलिस ने मृतक महिला के बेटे भुपिंदर सिंह सहित चार लोगों के खिलाफ हत्या और हत्या की साजिश में शामिल होने का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। घटना के बाद सभी मौके से फरार है। पुलिस उक्त लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी कर रही है। 

Friday, June 18, 2010

किसानों को भुगतना पड़ रहा खामियाजा

-ऋण का मामला
-केंद्र को भेजे प्रस्ताव को मंजूरी नहीं
-पंजाब सरकार ने केंद्र से जताया रोष
बठिंडा। आम तौर पर बेहतर काम करने वालों को पुरस्कृञ्त तो किया जाता है, लेकिन सहकारी क्षेत्र में अच्छा काम के  लिए एक तरह से सजा भुगतनी पड़ रही है। पंजाब के  सहकारी बैंकों व सोसायटियों के  ऋञ्ण की वापसी देश के अन्य राज्यों के मुकाबले काफी ज्यादा है। इसी के  चलते राज्य को केंञ्द्र सरकार से मिलने वाले पैसों में बड़ा कट लगाया जा रहा है और पंजाब सरकार के ऋञ्ण माफी के  लिए केंद्र को भेजे प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल पा रही है। पंजाब सरकार ने इस नीति के खिलाफ केंद्र से कई बार रोष भी जताया है। नीति के अनुसार जिस राज्य में सहकारी ऋण के जितने ज्यादा डिफाल्टर होंगे उस राज्य को केंद्र से उतनी ही ज्यादा सहायता मिलती है। इसका मूल कारण ऋण में डूबे किसानों को राहत देना है। पंजाब के किसानों को ऋण माफी के मामले में राहत इसलिए नहीं मिल पा रही है क्योंकि यहां सहकारी व कामर्शियल बैंकों का डिफाल्टर रेट अन्य राज्यों से काफी कम है। राजस्व विभाग की वित्तायुक्त रोमिला दूबे ने को बताया कि राज्य सरकार ऋण में राहत के  लिए कई बार प्रस्ताव केंद्र को भेज चुकी है, लेकिन राहत नहीं मिल पा रही है, क्योंकि तर्क यह दिया जाता है कि किसानों की ऋण वापस करने की क्षमता के कारण फिलहाल विदर्भ जैसी स्थिति नहीं आई है। 

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि  पंजाब सरकार ने किसानों के  सिर पर 24,500 करोड़ रुपये के  बोझ का प्रस्ताव भेजा था। इसमें 12 हजार करोड़ रुपये के  करीब आढ़तियों व अन्य बैंकों व अन्य वित्तीय संस्थाओं का है। राज्य सरकार ने वनटाइम सेटलमेंट और आढ़तियों के  ऋण से निकालने के  लिए आर्थिक  सहायता की मांग की थी लेकिन कुञ्छ नहीं मिला। आंध्रप्रदेश व महाराष्ट्र को डिफाल्टर किसानों के कारण तीन-तीन हजार करोड़ रुपये दिए गए हैं, जबकि  पंजाब को केवल 80 करोड़ मिला है। कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हालांकि पंजाब के किसानों की ऋण वापस करने की योग्यता आमदनी के कारण नहीं है बल्कि उत्पादन लागत बढऩे के कारण पंजाब सरकार की ओर से प्रत्येक वर्ष पांच सौ से एक  हजार रुपये तक बढ़ाई जाने वाली ऋण की लिमिट के कारण ऐसा हो रहा है। किसानों से पैसा भरवाकर अगले ही दिन बढ़ी लिमिट के हिसाब से उसे ऋण दे दिया जाता है। एक  तरह से यह नए-पुराने ही किए जाते हैं। यही तरीका किसानों के गले की फांस बन गया है।

स्थानीय निकायों और पंचायतों की वित्तीय स्थिति खराब

-प्रशासनिक  कामकाज पर लगा सवालिया निशान
-स्थानीय निकायों को प्रति वर्ष हो रहा है 30 करोड़ का घाटा
बठिंडा। पंजाब में स्थानीय निकायों व पंचायती राज्य संस्थाओं की वित्तीय स्थिति पर सरकारी फैसलों ने उलटा असर किया है। इन संस्थाओं की आमदनी व खर्च का अंतर लगातार बढ़ रहा है, जिसके  चलते प्रशासनिक  कामकाज व विकास कार्यों पर सवालिया निशान लग गया है। वर्तमान में कई निगमों व कौंसिलों की स्थिति यह है कि केंद्र सरकार की तरफ से चलाई जा रही स्कीमों के अलावा वहां पर अन्य विकास योजनाए पिछले लंबे समय से नहीं शुरू हो सकी है। यह विश्लेषण हाल में वित्त आयोग की रिपोर्ट में भी किया गया है। आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि  विकास कार्यों की जिम्मेदारी स्थानीय निकायों व पंचायती राज संस्थाओं पर है, लेकिन इनके आमदनी के स्रोतों को पंजाब सरकार अपने फैसलों से खत्म कर रही है। स्थानीय निकायों को चुंगी से राज्य भर में करीब 550 करोड़ रुपये मिलते थे।

राज्य सरकार ने चुंगी खत्म करने का फैसला करके स्थानीय निकायों को राज्य सरकार पर निर्भर बना दिया है। इसी तरह सीवरेज व पेयजल के यूजर चार्जेज माड्ड  करके  व अन्य फैसलों के  चलते इन संस्थाओं को प्रशासनिक  ढांचा चलाने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। आयोग ने सिफारिश की है कि  वित्तीय संसाधनों का बंटवारा इस तरीके  से होना चाहिए कि  स्थानीय निकाय व पंचायती राज संस्थाएं खुद अपने टैक्सों से कामकाज चला पाएं। इसके  लिए राज्य के टैक्सों  के हिस्से में स्थानीय निकायों व पंचायती राज संस्थाओं का हिस्सा बढ़ाने की जरूरत है। इसके  अलावा जो ड्डैञ्सले राज्य सरकार ने चुंगी माफी सहित अन्य माफी के लिए हैं उनके बदले में लगातार ग्रांटें स्थानीय निकायों को मिलनी चाहिए। रिपोर्ट में दिए तथ्यों के  अनुसार स्थानीय निकायों को प्रति वर्ष औसतन 20 करोड़ रुपये का घाटा है। इसी तरह पंचायती राज संस्थान में आय व व्यय में प्रति वर्ष औसतन अंतर पंचायतों का 280 करोड़, पंचायत समितियां 37 करोड़ व जिला परिषदों का 10 करोड़ है। इस तरह कुञ्ल अंतर 327 करोड़ रुपये का है। दूसरी तरफ राज्य में डेढ़ साल बाद विधानसभा चुनाव की संभावित है। ऐसे में अकाली-भाजपा सरकार केञ् लिए चुनाव से पहले विकास कार्य करवाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। फिलहाल सरकार इस मामले में आय केञ् साधन जुटाने केञ् प्रयास में जुटी है लेकिन उसे सफलता हाथ नहीं लग रही है।

आयोग ने राज्य सरकार के  साथ-साथ स्थानीय निकायों व पंचायती राज संस्थाओं को भी कहा था कि  उन्हें अपनी आय बढ़ाने का प्रबंध करना चाहिए। इसके  लिए स्थानीय निकायें स्थानीय क्षेत्र कर, संपत्ति कर, उपभोक्ता कर व म्यूनिसपल एरिया में टर्न ओवर टैक्स लगाए तो उसकी आय में बढ़ोतरी संभव हो सकती है। टर्न ओवर टैक्स को भले ही स्थानीय निकायें वसूल करे या कराधान एवं आबकारी विभाग, लेकिन यह पैसा सीधे ही स्थानीय निकायों के खाते में जाना चाहिए। इसके अलावा ग्रांटों को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने का प्रबंध करके भी अंतर को कम किया जा सकता है। फिलहाल सरकार का दावा है कि इन तमाम समस्याओं को हल करने के लिए उन्होंने सुखवीर-कालिया कमेटी का गठन किया था इसमें की गई सिफारिशों को आपसी सहमती से लागू किया जा रहा है। इसमें कई मदों से करों की वसूली भी हो रही है।

अपराध समाचार 18 जून

नितिन सिंगला

सड़क हादसे में एक की मौत, केस दर्ज 
बठिण्डा : निकटवर्ती गाँव भूंदड़ में कल बाद दोपहर बस के नीचे आने से एक बच्चे मौत हो गई। इस मामले में बालिया वाली पुलिस ने बस चालक के विरुद्ध मामला दर्ज करते हुए आगे की कार्यवाई शुरू कर दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह हादसा कल बाद दोपहर उस समय हुआ, जब बाघ सिंह अपनी पत्नि एवं बच्चे के समेत बस से उतरकर अपने घर की तरफ जा रहा था, और बस चालक ने अचानक बस को बड़ी तेजी के साथ पीछे किया। इस दौरान रेशम कौर को काफी चोटें आई जबकि उनके बच्चे जसमेल की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने शिकायतकर्ता बाघ सिंह के बयानों के आधार पर बस चालक के विरुद्ध धारा 304 ए, 279, 337 के तहत केस दर्ज कर लिया।

जमीनी विवाद, चार के विरुद्ध केस
बठिंडा : थाना मौड़ के अधीन पड़ते गाँव मौड़ खुर्द में जमीन के कब्जे को लेकर हुए विवाद में पुलिस ने चार लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रूप सिंह निवासी मौड़ खुर्द ने पुलिस स्टेशन मौड़ में शिकायत दर्ज करवाई कि उसकी सवा दो एकड़ जमीन धान की फसल के लिए खाली पड़ी हुई थी, जिस पर आरोपियों बलवीर सिंह, धर्म सिंह, हरजोत सिंह, प्रकट सिंह पुत्र दारा सिंह निवासी मौड़ खुर्द ने धक्के से ट्रैक्टर चला दिया एवं उसे और उसके रिश्तेदार नाहर सिंह को जान से मारने की धमकी दी। गौरतलब है कि रूप सिंह ने अपने छोटे भाई मुख्तयार सिंह की सवा दो एकड़ जमीन अपने नाम करवा ली है, जो अभी तक कुंवारा है। पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मुकद्दमा दर्ज करते हुए आगे की कारवाई शुरू कर दी है।

अपनों के खून से सने हाथ

अपनों के खून से सने हाथ, आदम से इंसान तक का सफर अभी अधूरा है को दर्शाते हैं। झूठे सम्मान की खातिर अपनों को ही मौत के घाट उतार देता है आज का आदमी। पैसे एवं झूठे सम्मान की दौड़ में उलझे व्यक्तियों ने दिल में पनपने वाले भावनाओं एवं जज्बातों के अमृत को जहर बनाकर रख दिया है, और वो जहर कई जिन्दगियों को एक साथ खत्म कर देता है।

पाकिस्तान की तरह हिन्दुस्तान में भी ऑनर किलिंग के मामले निरंतर सामने आ रहे हैं, ऐसा नहीं कि भारत में ऑनर किलिंग का रुझान आज के दौर का है, ऑनर किलिंग हो तो सालों से रही है, लेकिन सुर्खियों में अब आने लगी है, शायद अब पाकिस्तान की तरह हिन्दुस्तानी हुक्मरानों को भी चाहिए कि वो भी मर्दों के लिए ऐसे कानून बनाए, जो उनको ऐसे शर्मनाक कृत्य करने की आजादी मुहैया करवाए। पाकिस्तानी मर्दों की तरह हिन्दुस्तानी मर्द भी औरतों को बड़ी आसानी से मौत की नींद सुला सके, वो अपना पुरुष एकाधिकार कायम कर सकें।

वोट का चारा खाने में मशगूल सरकारें मूक हैं और खाप पंचायतें अपनी दादागिरी कर रही हैं। इन्हीं पंचायतों के दबाव में आकर माँ बाप अपने बच्चों को मौत की नींद सुला देते हैं, जिनको जन्म देने एवं पालने के लिए हजारों सितम झेले होते हैं।

इसको एक सभ्य समाज कैसे कहा जा सकता है, जहाँ खुद पेड़ लगाकर खुद उखड़ा फेंकने का प्रचलन हो। जब मानव ऐसे शर्मनाक कृत्य करता है तो क्या फर्क रह जाता है आदम और पशु में। जब जब ऐसे ऑनर किलिंग के मामले सामने आते हैं तो सच में एक बात तो समझ में आने लगती है कि हमारी शिक्षा प्रणाली एवं हमारी धार्मिकता कितनी कमजोर है।

हमारे धार्मिक गुरू, ग्रंथ हमको अहिंसक होने का पाठ पढ़ाते हैं, प्रेम करने का पाठ पढ़ाते हैं, हमारी शिक्षा प्रणाली हमको गंवार से पढ़ा लिखा बनाती है ताकि हम अच्छे बुरे की पहचान कर सके, लेकिन हम इन चीजों को त्याग मूड़ लोगों की भीड़ खुद को खड़ा कर लेते हैं, जो वो भीड़ कर रही है, उसको ही सही मान रहे हैं।

भीड़ में सब अनजान होते हैं एक दूसरे से, किसी को कुछ अंदाजा नहीं होता वो क्या कर रहे हैं, वो सब सोच रहे होते हैं, बस जो कर रहे हैं अच्छा ही होगा, लेकिन जब कोई खुद को भीड़ से अलग कर एकांत में सोचता है तो उसकी हिम्मत नहीं पड़ती कि वो खुद से सामना भी कर सके, वो भीतर ही भीतर टूटकर बिखर जाता है। जब तलक मानव सोच शैतानी बचपने से उभरेगी नहीं, तब तक फगवाड़ा के गांव महेड़ू में हुए प्रवासी दम्पति की हत्या (ऑनर किलिंग) जैसे शर्मनाक कृत्य घटित होते रहेंगे।

कुलवंत हैप्पी-76967-13601

Thursday, June 17, 2010

क्या देखते हैं वो फिल्में.....

मंगलवार को एक काम से चंडीगढ़ जाना हुआ, बठिंडा से चंडीगढ़ तक का सफर बेहद सुखद रहा, क्योंकि बठिंडा से चंडीगढ़ तक एसी कोच बसों की शुरूआत जो हो चुकी है, बसें भी ऐसी जो रेलवे विभाग के चेयर कार अपार्टमेंट को मात देती हैं। इन बसों में सुखद सीटों के अलावा फिल्म देखने की भी अद्भुत व्यवस्था है।

इसी व्यवस्था के चलते सफर के दौरान कुछ समय पहले रिलीज हुई पंजाबी फिल्म मिट्टी देखने का मौका मिल गया, जिसके कारण तीन चार घंटे का लम्बा सफर बिल्कुल पकाऊ नहीं लगा।

पिछले कुछ सालों से पुन:जीवित हुए पंजाबी फिल्म जगत प्रतिभाओं की कमी नहीं, इस फिल्म को देखकर लगा। फिल्म सरकार द्वारा किसानों की जमीनों को अपने हितों के लिए सस्ते दामों पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हवाले करने जैसी करतूतों से रूबरू करवाते हुए किसानों की टूटती चुप्पी के बाद होने वाले साईड अफेक्टों से अवगत करवाती है।

फिल्म की कहानी चार बिगड़े हुए दोस्तों से शुरू होती है, जो नेताओं के लिए गुंदागर्दी करते हैं, और एक दिन उनको अहसास होता है कि वो सही अर्थों में गुंडे नहीं, बल्कि सरदार के कुत्ते हैं, जो उसके इशारे पर दुम हिलाते हैं।

वो इस जिन्दगी से निजात पाने के लिए अपने अपने घरों को लौट जाते हैं, लेकिन वक्त उनके हाथों में फिर हथियार थमा देता है, अब वो जंग किसानों के लिए लड़ते हैं, अपनों के लिए लड़ते हैं, सरकार के विरुद्ध संघर्ष अभियान चलाते हैं, और सरकार के खिलाफ चलाई इस मुहिम में तीन दोस्त एक एक कर अपनी जान गंवा बैठते हैं, लेकिन अंत तक आते आते फिल्म अपनी शिखर पर पहुंच जाती है। फिल्म का अंतिम सीन आम आदमी के भीतर जोश भरता है। इस दृश्य में किसान सति श्री अकाल और इंकलाब के नारे लगाते हुए पुलिस का सुरक्षा चक्र तोड़ते हुए नेता एवं फैक्ट्री मालक को मौत के घाट उतार देते हैं, और अपनी जमीन को दूसरे हाथों में जाने से रोक लेते हैं।

यह पिछले दिनों देखी गई पंजाबी फिल्मों में से दूसरी पंजाबी फिल्म थी, जो किसान हित की बात करते हुए सरकार के विरुद्ध आवाज बुलंद करने के लिए अपील करती है, आह्वान करती है। इससे कुछ दिन पहले पंजाबी गायक से अभिनेता बने बब्बू मान की फिल्म एकम - सन ऑफ सॉइल देखी। इस फिल्म में भी नायक एकम किसान वर्ग की अगुवाई करते हुए सरकार के विरुद्ध एक लड़ाई लड़ता है। इस फिल्म में बब्बू मान को देखकर पुरानी फिल्मों के अमिताभ बच्चन के उन दमदार किरदारों की याद आ गई, जो गरीब वर्ग की अगुवाई करते हुए गरीबों को उनके हक दिलाता था।

जैसे ही मिट्टी फिल्म खत्म हुई, तो एक के बाद एक सवाल दिमाग में आकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने लगे, क्या इन फिल्मों को उन्होंने देखा, जिन लोगों की स्थिति को पर्दे पर उभरा गया है, जिनके सवालों को बड़े पर्दे पर उठाया गया है। क्या सरकार के प्रतिनिधियों के पास सिनेमा देखने की फुर्सत है, वो भी ऐसी फिल्में, जो वास्तिवकता से रूबरू करवाती हों?

दिमाग को सवाल मुक्त करते हुए बस के भीतर बैठी सवारियों को एक नजर देखा, और पाया कि सब लोग नौकरी पेशा हैं, जिनके पास शायद चैन से बैठकर साँस लेने की फुर्सत भी न होगी, वो सरकार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए लामबंद कैसे हो सकते हैं, शायद उनके लिए तो बस में चल रही फिल्म भी कोई मतलब न रख रही होगी।

जिनको सरकार के विरुद्ध लामबंद करने के लिए फिल्म बनाई गई, वो तो बेचारे रोड़्वेज की उन बसों में भी बामुशिक्ल चढ़ते होंगे, जिन बसों में पुर्जों के खटकने की आवाजें कानों को पका देती हैं, सीटें माँस में चूंटी काट लेती हैं, और सफर खत्म होने तक जान मुट्ठी में रहती है, कहीं ब्रेक फेल न हो जाएं, वगैरह वगैरह।

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