बठिंडा. किसानों के समर्थन में विभिन्न संगठनों ने मोदी सरकार के सात साल पूरे होने पर 26 मई को काला दिवस के तौर पर मनाया। इस दौरान जहां किसान संगठनों ने विभिन्न स्थानों में प्रदर्शन किया वही वाहनों व घरों पर काले झंडे लगाकर अपना विरोध जताया। इस दौरान कन्हैया चौक में ठेका मुलाजीम संघर्ष कमेटी पावरकाम बठिंडा की तरफ से काले झंडे लहराकर जहां विरोध प्रदर्शन किया वही मोदी सरकार का पुतला जलाया। संघर्ष कमेटी के गुरविन्दर सिंह जरनल सचिव, खुशदीप सिंह और थर्मल कालोनी के गोरा भुच्चो ने कहा कि मोदी सरकार और कैप्टन सरकार की मिलीभगत से किसानों के हितों से खिलवाड़ किया जा रहा है।
कोआपरेट संस्थाओं के इशारे पर किसानों के साथ सरकारी जमीनों को बेचने और उन पर कब्जा करने की योजना बना कोरोना महामारी के दौरान इसे लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। लोगों को डंडो के जोर के साथ जबरन घरों के अंदर धकेलकर तीन खेती कानून पास किए गए हैं। वही लेबर कानूनों को खत्म कर चार लेबर कोड पास किए गए हैं। बिजली क्षेत्र पर मुकम्मल तौर पर कॉर्पोरेट घरानों का कब्ज़ा कराने, बिजली बिल 2020 को पास किया गया है। अब कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान जब लाखों लोग आक्सीजन और दवाओं से बगैर मर रहे हैं।
करोड़ों कामगार लोग बेरोजगार हो गए हैं। मोदी हकूमत लोगों के लिए रोज़गार, सस्ता राशन और इलाज करने की बजाय घडियाली आंसू बहा रही है। सरकार की इन बेइंसाफी के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के अहवान पर ठेका कर्मचारियों ने 26 मई को काला दिवस मनाते हुए मोदी सरकार के खिलाफ अलग अलग डवीजनों में और बठिंडा के भाई कन्हैया चौक में मोदी सरकार की अर्थी फूंकी गई। कर्मचारी संगठनों ने केंद्र के साथ राज्य की कैप्टन सरकार पर आरोप लगाया कि एक तरफ सरकार लोक विरोधी कानूनों को जबरदस्ती मढ़ रही और वही पंजाब सरकार की तरफ से खाली खजाने का बहाना बनाकर ठेका कामगारों को पक्के नहीं करने का फैसला लिया जो सरासर कच्चे कामगारों के साथ धोखा है इसके खिलाफ मोर्चो के बैनर तले संघर्ष तेज किया जाएगा।
फोटो - कर्मचारी संगठन किसानों के समर्थन में कन्हैया चौक में विरोध प्रदर्शन कर मोदी सरकार का पुतला जलाते हुए।