चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने इंडियन पार्टनरशिप एक्ट, 1932 में 90 साल पुराने फीस ढांचे में संशोधन करके फर्म के पार्टनरशिप आवेदन की तीन रुपयेे ली जाने वाली फीस को बढ़ाकर पांच हजार रुपये कर दिया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इसको मंजूरी दे दी गई है। एक्ट की धारा 71 अधीन अनुसूची-1 में फर्मों का रजिस्ट्रेशन, रिकार्ड का अपडेशन, निरीक्षण और कॉपी करने संबंधी अलग-अलग सेवाओं के लिए फीस में संशोधन करने केे लिए ‘इंडियन पार्टनरशिप (पंजाब संशोधन) बिल, 2021’ को मंजूरी दे दी गई है।
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इसमें संशोधन करने की जरूरत है, क्योंकि 1932 में एक्ट के लागू होने के बाद से मौजूदा फीस में कोई बदलाव नहीं किया गया। अब आवेदन के रजिस्ट्रेशन के लिए 5000 रुपये वसूल किए जाएंगे। इसके लिए पहले 3 रुपये वसूले जाते थे। प्रवक्ता ने बताया कि धारा 60 के तहत कारोबार के मुख्य स्थान और फर्म के नाम को बदलने , धारा 61 के अंतर्गत शाखाओं को बंद करने और खोलने की सूचना देने, धारा 62 के अंतर्गत भागीदारों के नाम और पते में तबदीली संबंधी सूचित करने के लिए, धारा 63 (1) और 63 (2) के अंतर्गत किसी फर्म में तबदीलियां और भंग करने, किसी नाबालिग का नाम वापस लेने के अलावा धारा 64 के अंतर्गत गलतियों के सुधार के लिए आवेदन देने जैसी सेवाओं के लिए मौजूदा समय में ली जाती फीस 1 रुपये की जगह हर स्टेटमेंट के लिए 500 रुपये अदा करने होंगे।
इसके अलावा, धारा 66 की उप-धारा (1) अधीन फर्मों के रजिस्टर के एक भाग की जांच करने के लिए और धारा 66 की उप-धारा (2) अधीन रजिस्टर और दायर किए गए दस्तावेजों की जांच संबंधी एक फर्म के साथ संबंधित सभी दस्तावेजों की जांच के लिए अब पुरानी फीस 50 पैसे की जगह 100 रुपये लिए जाएंगे।पंजाब और हरियाणा को छोड़कर महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे अन्य बड़े राज्यों ने इंडियन पार्टनरशिप एक्ट, 1932 अधीन दी जाती विभिन्न सेवाओं के लिए फीस में पहले ही बदलाव कर दिया।
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