बठिंडा। कोरोना लॉकडाउन के बाद स्कूल खुलने के कुछ दिनों के बाद स्कूलों में अध्यापकों व विद्यार्थियों के कोरोना पॉजिटिव आने पर संज्ञान लेते हुए शिक्षा विभाग ने प्रदेश के तमाम स्कूलों को एसओपी गाइडलाइंस का लाजिमी तौर पर पालन करने के निर्देश जारी किए हैं।
कड़ी चेतावनी के बावजूद स्कूलों में हेल्थ एडवाइजरी के नियमों की परवाह नहीं की जा रही। पंजाब के अलग-अलग जिलों समेत बठिंडा के कटार सिंह वाला में कोरोना केस सामने आने पर भी स्कूल प्रबंधक कोई सबक नहीं ले रहे हैं।
शिक्षा विभाग ने खुद माना है कि विभिन्न जिलों में विजिट के दौरान पाया गया कि कुछ विद्यार्थी व अध्यापक एसओपी गाइडलाइंस की पालना नहीं करते। दैनिक भास्कर की टीम ने शनिवार को कुछ सरकारी, एडेड व प्राइवेट स्कूलों का औचक निरीक्षण किया जिनमें अधिकांश स्कूलों की कक्षाओं में बैठे बच्चों में सोशल डिस्टेंसिंग नहीं दिखी, वहीं बच्चों के चेहरे पर मास्क नजर नहीं आए।
यही नहीं, अध्यापक भी भी कई जगह पर मास्क नहीं लगाते। कैमरा देखते ही मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग को भगदड़ मच गई। अलग से फंड जारी होने के बावजूद स्कूलों में बच्चों व स्टाफ के हैंड सेनिटाइज नहीं किए जा रहे।
4 जिलों के अध्यापक व विद्यार्थी मिल चुके पॉजिटिव, टेस्ट से कतरा रहे
सेहत विभाग की टीम के स्कूल पहुंचने पर अध्यापक ही कोरोना टेस्ट करवाने से इनकार कर रहे हैं। कनाल कॉलोनी के सरकारी आदर्श सीसे स्कूल में शनिवार की सुबह पहुंची टीम लगातार डेढ़ घंटा तक बैठी रही, लेकिन काफी समझाने के बावजूद स्कूल के 24 टीचिंग-नान टीचिंग स्टाफ में से सिर्फ 2 ही सैंपल देने को राजी हुए। जिले के स्कूल में कोरोना की दस्तक के बाद सेहत विभाग ने जिले के 236 सरकारी स्कूलों के स्टाफ का आरटीपीसीआर तकनीक से कोरोना टेस्ट करवाने के कड़े निर्देश दिए थे।
सिविल अस्पताल समेत 12 अस्पतालों की टीमें अपने-अपने ब्लॉक के स्कूलों में जाकर अध्यापकों का कोरोना टेस्ट कर रही हैं। शिक्षा विभाग ने 7 जनवरी से 5वीं से 12वीं जबकि 27 जनवरी से पहली से 12वीं तक के सभी स्कूलों को रूटीन में खोलने के निर्देश दिए।
स्कूल खुलने के एक महीने के अंतराल में ही प्रदेश के 4 जिलों में एक स्कूल अध्यापिका की मौत हो गई जबकि कई अध्यापक और बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए गए। 23 जनवरी को लुधियाना के गालिबकलां के सीसे स्कूल की शिक्षिका की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई जबकि उनकी बेटी व पति भी कोरोना संक्रमित हुए तथा स्कूल के 9 अन्य अध्यापक व 3 बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए गए।
इसके अलावा 2 फरवरी को नवांशहर के हाई स्कूल के 3 अध्यापक व 14 विद्यार्थी कोरोना पॉजिटिव पाए गए, फिर 9 फरवरी को साहनेवाल के गांव चौंता के सेकंडरी स्कूल की अध्यापिका कोरोना पॉजिटिव मिली। वहीं 18 फरवरी को जिला बठिंडा के कटार सिंह वाला हाई स्कूल के 12 बच्चे व एक अध्यापिका कोरोना पॉजिटिव पाई गई।
शिक्षा विभाग की ओर से हेल्थ एडवाइजरी की एसओपी गाइडलाइंस की पालना तमाम सरकारी, एडेड व प्राइवेट स्कूलों में यकीनी बनाने के निर्देश दिए गए हैं। हर स्कूल में एक अध्यापक को नोडल अफसर बनाया जाएगा जबकि हर क्लास में एक विद्यार्थी को मॉनिटर बनाकर हरेक बच्चे को नियमों के पाबंद बनाया जाएगा। जिला शिक्षा अफसर एलिमेंटरी व सेकंडरी एडेड और प्राइवेट स्कूलों का भी निरीक्षण करेंगे।
टेस्ट न करवाने वाले स्कूल स्टाफ से होगा जवाबतलब
सेहत विभाग की टीम से कोविड 19 सेंपलिंग करवाने में आनाकानी करने वाले स्टाफ से जवाबतलब होगा, हालांकि सरकारी स्कूलों के ज्यादातर स्टाफ की ओर से कोरोना टेस्ट करवाया जा चुका है। फिर भी टेस्ट करवाने से दूसरों का भी बचाव होगा। एसओपी की पालना के लिए सोमवार से डीईओ आफिस की अलग-अलग टीमें सरकारी, एडेड व प्राइवेट स्कूलों का निरीक्षण करेंगी। -इकबाल सिंह, डिप्टी डीईओ बठिंडा