-हेल्थ सेक्टर रिस्पांस एंड प्रोक्योरमेंट कमेटी ने लिया फैसला, सिविल सर्जनों को जारी किए आदेश
बठिंडा.
प्रदेश समेत विभिन्न जिलों में हररोज हजारों की तादाद में मिल रहे कोरोना संक्रमित
मरीजों के चलते सेहत विभाग के पास फतेह मिशन किट का संकट हो गया है। विभाग के पास
मौजूदा समय में इतनी फतेह किट नहीं है कि वह हर एक कोरोना संक्रमित मरीज को उपलबब्ध
करवा सके। ऐसे में सेहत विभाग ने फतेह किट की कमी को दूर करने के लिए फैसला लिया
है कि अब परिवार में अधिक कोरोना मरीज भी होंगे तो भी उन्हें फतेह किट एक ही
मिलेगी। बीते दिनों
चीफ सैक्रेटरी की अगुवाई में हेल्थ सेक्टर रिस्पांस एंड
प्रोक्योरमेंट कमेटी की मीटिंग में यह फैसला लिया गया है। प्रिंसिपल सेक्रेटरी
हेल्थ ने सभी सिविल सर्जनों को यह ऑर्डर जारी कर दिए हैं। इसके साथ एक रैपिड
रिस्पांस टीम का गठन किया गया है,
जोकि यह देखेगी कि अगर किसी मरीज को कंडीश्न के आधार पर और दवाइयों
की जरूरत है, तो
उन्हें वो मुहैया कराई जाएगी। अभी तक हर मरीज को एक फतेह किट मिलती थी। कई बार एक
परिवार में कई-कई सदस्य भी कोरोना की चपेट में आ जाते थे, तो उन्हें कई किटें मिल
जाती थी। इसमें एक-एक परिवार के पास कई ऑक्सीमीटर, स्टीमर, थर्मामीटर पहुंच जाते थे, जिसकी उन्हें जरूरत नहीं होती थी। वहीं कई जरूरतमंदों तक यह किटें
पहुंच नहीं पा रही थी।दरअसल पंजाब सरकार द्वारा कोरोना मरीज को एक फतेह किट मुहैया
करवाई जा रही है। उस किट में एक ऑक्सीमीटर, डिजीटल थर्मामीटर,
स्टीम, मास्क, सैनेटाइजर और कोरोना से
संबंधित दवाइयां होती हैं,लेकिन
पिछले कुछ समय से फतेह किट मिलने में दिक्कत हो रही है। कोरोना मरीजों को देरी से
यह किट उपलब्ध कराई जा रही है। इसलिए अब नए आए आदेशों के मुताबिक एक परिवार को एक
ही किट दी जाएगी।
कोरोना महामारी से जूझ रहे पंजाब में पहले से ही पल्स ऑक्सीमीटर का
संकट है। ऑक्सीमीटर शरीर में ऑक्सीजन का सेचुरेशन लेवल देखने में इस्तेमाल होता
है। पंजाब सरकार कोरोना रोगियों कों इलाज की फतेह किट के साथ इसे मुफ्त दे रही है, लेकिन अब सरकार ने उन लोगों
से ऑक्सीमीटर वापस लौटाने को कहा है, जो कोरोना से ठीक हो चुके हैं। इन्हें सैनिटाइज कर नए कोरोना मरीजों
को दिया जाएगा। ऐसे में सरकार ने अपील की है कि इन्हें नजदीकी सरकारी सेहत
संस्थानों में जमा करवा दें। इस बारे में जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 104 पर भी संपर्क कर सकते हैं।
जो कोरोना से पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। वो इन्हें अपने नजदीकी सरकारी सेहत केंद्र
में जमा करा दें ताकि मुश्किल घड़ी में यह दूसरे कोरोना रोगियों को दी जा सके।
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