बठिंडा: लगातार दूसरे दिन शनिवार को छह और गांवों में प्रस्ताव पारित कर लोगों को दिल्ली किसान आंदोलन में पहुंचने को कहा गया। शनिवार को गाव कुटी किशनपुरा में ग्राम पंचायत तथा आम पंचायत की बैठक बुलाई गई। सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि गाव की हर पत्ती से सात दिन के लिए सात-सात ग्रामीण धरने में शामिल होंगे। वहां किसी वाहन के नुकसान की भरपाई गाव से पैसे इकट्ठे करके की जाएगी। वहीं गाव गोनियाना कला और मलकाना गांव में भी ग्राम पंचायत तथा भारतीय किसान यूनियन की ओर से प्रस्ताव पारित किया गया कि सभी नौ वार्डो से 9-9 लोग दिल्ली धरने में शामिल होंगे।
ऐसा न करने पर 21 सौ रुपये जुर्माना तथा परिवार का बहिष्कार करने की बात कही गई। वहीं जिला मानसा के गाव सिरसीवाला, डेलुआना, रमदित्तेवाला और जोड़किया में भी इसी तरह का प्रस्ताव पारित किया गया। यहा पर हर हफ्ते 10 व्यक्तियों को धरने में शामिल होने के लिए कहा गया है। ऐसा न करने पर 24 सौ रुपये जुर्माना देना होगा। पहले लौटने वाले को दिनों के हिसाब से जुर्माना लगेगा। धरने में हुल्लड़ बाजी करने पर 21 सौ रुपये जुर्माना निर्धारित किया गया है। संयुक्त किसान मोर्चे के समर्थन में मीटिग संयुक्त किसान मोर्चे के समर्थन में लहरा मोहब्बत वासियों की तरफ से गुरुद्वारा पातशाही छठी के पास मीटिग की गई। इस दौरान गुरमेल सिंह, जगजीत सिंह, जगदेव सिंह, जगजीत सिंह ने 26 जनवरी की घटना की निदा करते हुए इसे केंद्र सरकार की साजिश करार दिया। उन्होंने मांग की कि शांतमयी संघर्ष कर रहे किसान नेताओं पर दर्ज पर्चों को रद किया जाए। इस दौरान दिल्ली संघर्ष में शामिल होने के लिए 11 मेंबरी कमेटी का गठन किया गया, जो प्रत्येक घर के मेंबर की संघर्ष में शिरकत को यकीनी बनाएगी। यहां रामपाल सिंह, ज्योन सिंह, कर्मजीत सिंह, जगरुप सिंह, बलवीर सिंह, रणजीत सिंह आदि हाजिर थे।
कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के किसान (Kisan Andolan) पिछले कई महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। नवंबर के अंतिम सप्ताह से दिल्ली की सीमा पर बड़ी संख्या में बैठे किसानों को प्रदेश में पूरा समर्थन मिल रहा है। हर गांव से लोग और ट्रैक्टर्स इस आंदोलन में शामिल हैं। गांव-गांव में लोगों से इस संबंध में अपील भी की जा रही है।
बठिंडा जिले की विर्क खुर्द गांव से हर परिवार से कम से कम एक सदस्य को दिल्ली बॉर्डर पर भेजने की घोषणा की गई है। ग्राम पंचायत ने गांव के लोगों के लिए लिखित आदेश दिया। हर घर से एक सदस्य को एक सप्ताह के लिए सीमा पर भेजने का निर्देश जारी किया गया।
विर्क खुर्द गांव की सरपंच मनजीत कौर ने कहा, ‘जो लोग आंदोलन का हिस्सा नहीं बनेंगे, उनपर 1500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही उनका बहिष्कार भी किया जाएगा।’ गांव के लोगों ने भी सरपंच के इस निर्देश का पूरा सहयोग करने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि हरियाणा की सीमा से लगते सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर पंजाब के किसानों का आंदोलन दो महीने से भी अधिक समय से जारी है। इसके साथ ही हरियाणा के पलवल, यूपी के चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर पर भी प्रदर्शन चल रहा है। गणतंत्र दिवस के दिन किसानों ने बड़ी संख्या में ट्रैक्टर रैली भी निकाली, जिस दौरान हिंसा हो गई।
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