बठिंडा। शहीद भाई मणि सिंह जिला सिविल अस्पताल बठिंडा में माहिर डाक्टरों ने एक महिला की सफल एडवांस लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की है। यह सर्जरी एडवांस तकनीक से की जाती है व इसमें मरीज का जहां खर्चा कम होता है वही उसे ज्यादा दवा लेने की जरूरत नहीं पड़ती है। वही मरीज को मात्र दो दिन अस्पताल में रखकर छुट्टी दे दी जाती है। वही अगले दिन से वह कोई भी घरेलु व दफ्तरी काम सामन्य तौर पर कर सकता है। सिविल अस्पताल में साधनों की कमी के बावजूद डाक्टरों की तरफ से इस तरह का जटिल आपरेशन सफलतापूर्वक करने पर उच्चाधिकारियों ने टीम को बधाई दी। इस अस्पताल में फाइब्रॉएड गर्भाशय से पीड़ित एक मरीज दाखिल हुई थी। महिला ने बताया कि डा. मनिंदर पॉल सिंह (एसएमओ डीएच बठिंडा), डा. प्रीत मनिंदर (स्त्री रोग विशेषज्ञ) की टीम नेइ आपरेशन को सफलतापूर्वक किया है। शहीद भाई मणि सिंह जिला अस्पताल बठिंडा में किए गए लेप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी के कोई बच्चा नहीं था। डा. रोहिणी चोपड़ा (एनेस्थेटिक) और सहायक स्टाफ नर्स सोनिया और कुलदीप कौर ने इस आपरेशन को करवाने की सलाह मरीज को दी थी। लैप्रोस्कोपिक का ऑपरेशन पहली बार जिला अस्पताल बठिंडा में मूल उपकरणों और एंडोस्कोपिक स्यूटिंग के साथ किया। लैपाप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी का फायदा यह है कि मरीज को दूसरे पोस्ट ऑपरेटिव दिन में ही छुट्टी मिल जाती है और उसे दूसरी सर्जरी के मुकाबले कम दर्द होता है। यही कारण है कि मरीज को दूसरे आपरेशन के मुकाबले जहां कम दवा की जरूरत होती है व उसका खर्चा बचता है वही उसे पांच से सात दिन तक डाक्टरों की केयर में रहने की जरूरत नहीं पड़ती है। यही नहीं आपरेशन के बाद वह नियमित रूप से कोई भी काम शुरू कर सकते हैं।
डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों
सिविल सर्जन बठिंडा ने डा. मनिंदर पाल सिंह और उनकी टीम को बहुत ही बुनियादी
उपकरणों के साथ सफल एडवांस सर्जरी के लिए बधाई दी और भविष्य के लिए शुभकामनाएं
दीं।
उच्च अधिकारियों ने इस
बाबत सेहत विभाग से हार्मोनिक स्केलपेल, वेसल सीलर और
मॉर्सेलेटर जैसे विशेष उपकरणों की आपूर्ति करने का आग्रह भी किया, ताकि इस तरह की उन्नत सर्जरी से सर्जन को थोड़ी आसानी हो और रोगियों को अधिक
सुरक्षा मिल सके। वही लोगों का सरकारी अस्पतालों के प्रति विश्वास पहले से ज्यादा
मजबूत हो।
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