-बठिंडा जिले की तीन शराब कंपनियों के पास सरकार की देनदारी करीब 70 करोड रुपए हैं
-आरटीआई एक्टिविस्ट
संदीप पाठक की ओर से जारी आरटीआई में हुआ खुलासा
बठिंडा. सरकार बठिंडा की तीन प्रसिद्ध वाइन
कंपनियों से पिछले 4 सालों में 70 करोड़ रुपए का रेवेन्यू रिकवर करने में नाकाम रही
है। यह खुलासा आरटीआई एक्टिविस्ट संदीप पाठक की ओर से एक्साइज विभाग से मांगी गई
आरटीआई की जानकारी से
हुआ है। आरटीआई के अनुसार पंजाब सरकार और एक्साइज विभाग उक्त शराब कंपनियों से एक
भी पैसा रिकवर नहीं कर पाया। इतनी बड़ी राशि रिकवर ना करवाने के पीछे
कहीं ना कहीं एक्साइज विभाग के अधिकारियों के नुमाइंदों की शराब कंपनियों के
संचालकों से मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता।
आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट संदीप कुमार पाठक ने एक्साइज विभाग
की ओर से स्टेट रिवेन्यू लोस के संबंध में मांगी गई आरटीआई की जानकारी देते हुए
बताया कि गगन वाइन एंड फाइनेंसर लिमिटेड शराब कंपनी के पास 2016 में 2017 तक का 23 करोड 83 लाख 82324 रुपे का रेवेन्यू बाकी है। इसके एकम वाइन कंपनी
के पास सरकार और एक्साइज विभाग का 24 करोड़ 33 लाख 21 हजार 59 रुपए स्टेट रिवेन्यू
रिकवरी होना बाकी है। वही एडवांस वाइंस कंपनी की तरफ पंजाब सरकार का 20 करोड़ 33 लाख 66395 रुपए स्टेट रिवेन्यू
के रिकवर होने बाकी हैं। एक्साइज डिपार्टमेंट पिछले 4 सालों में इन शराब
कंपनियों से एक भी पैसा रिकवर करने में नाकाम रहा है। उन्होंने बताया एक तरफ तो
सरकार खजाना खाली होने की बात कर रही है वही 70 करोड रुपए 3 शराब कंपनियों के
पास पिछले 4 साल से स्टेट रिवेन्यू के तौर पर बकाया है जिसे रिकवर करने में
सरकार व संबंधित डिपार्टमेंट नाकाम रहा है।
एडवोकेट संदीप पाठक ने बताया अभी पूरे पंजाब की जानकारी आनी
बाकी है उन्होंने पूरे पंजाब की शराब कंपनियों से स्टेट रिवेन्यू लोस की जानकारी
मांगी है लेकिन विभाग की तरफ़ से जानकारी अभी तक नहीं दी गई जिस के संबंध में वह
स्टेट आरटीआई कमिशन को शिकायत करेंगे। संदीप पाठक एडवोकेट ने बताया अगर सरकार समय
रहते वक्त स्टेट रिवेन्यू की रिकवरी कर ले तो उक्त करोड़ों रुपए राज्य के विकास
में काम आ सकते हैं। इस पूरे मामले की सरकार गहराई से जांच कराए तो कई चौकाने वाले
मामले सामने आ सकते हैं। उनकी पंजाब सरकार वित्त मंत्री मनप्रीत बादल से यही अपील
है कि शराब कंपनियों के पास बकाया करोड़ों रुपए रिकवर करवाया जाए ताकि उक्त राशि
सरकारी मुलाजिमों को वेतन देने के अलावा राज्य के विकास में खर्च हो सके या फिर
सरकारी खजाने में जमा हो सके।
उन्होंने मांग की है कि पंजाब सरकार इस मामले की उच्च स्तरीय
जांच करवाने के लिए एसआईटी का गठन करें और इस सारे मामले की जांच के बाद जो
भी अधिकारी यह सरकार का नुमाइंदा आरोपी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त
कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि इसी मामले में 29 दिसंबर को उन पर
जानलेवा हमला हुआ जिसके तहत थाना कोतवाली में उन्होंने एफ आई आर भी दर्ज
करवाई जिसमें आज तक कोई गिरफ़्तारी नहीं की गयी ।
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