चंडीगढ़। Punjab Budget Session 2021: पंजाब विधानसभा के बजट सत्र में शुक्रवार को भारी हंगामा हुआ। स्पीकर की चेतावनी के बावजूद शिरोमणि अकाली दल के विधायकों को पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित (नेम) कर दिया गया। मार्शलों ने शिअद के विधायकों को सदन से बाहर कर दिया। इससे पहले भी हंगामे के कारण स्पीकर काे सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। बाद में फिर कार्यवाही शुरू होने पर शिअद विधायकों ने नारेबाजी और शाेरगुल शुरू कर दिया। इस पर स्पीकर ने शिअद सदस्यों को तीन दिन के लिए नेम (निलंबित) करने की चेतावनी दी। बाद में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सदन में एक प्रस्ताव पेश किया। इसमें कहा गया है कि केंद्र पिछले दिनों बनाए गए तीनाें कृषि कानूनों को रद करे।
सदन की वेल में बैठे शिअद के नौ विधायक
स्पीकर की बार-बार चेतावनी के बावजूद शिरोमणि अकाली दल के विधायक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के भाषण को बाधित करते रहे। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने शिअद के विधायकों को बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया और उनके सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी। इसके बाद अकाली विधायक सदन की वेल में आकर बैठ गए। शिकद के नौ विधायकों ने वहां बैठकर एक दूसरे की बाहें पकड़ लीं। बिक्रम मजीठिया, हरिंदर चंदूमाजरा, डॉ सुखविंदर कुमार, पवन टीनू, कंवरजीत सिंह, एनके शर्मा, शरनजीत सिंह ढिल्लों, गुरप्रताप वडाला, बलविंदर सिंह खैहरा सदन बैठ गए। बाद में उन्हें उठाने के लिए मार्शल्स आ गए। इस पर शिअद विधायकों ने कोई विरोध नहीं किया और मार्शलों के साथ सदन से बाहर चले गए।
इससे पहले सीएम ने कहा कि सरकार ने तीन कृषि कानून पर संशोधन बिल पास किए। सुखबीर बादल ने मुझे पत्र लिखा कि तीनों बिल ठीक हैं और अब ये विरोध कर रहे हैं। इसी दौरान सीएम द्वारा हरसिमरत कौर बादल का ज़िक्र करने पर अकालियों ने फिर शोर मचाना शुरू कर दिया। मजीठिया में कहा कि जब संसद में ये संसद बिल पास हुए तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी कहां थे। अकाली दल के विधायक दोबारा वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे।
इस पर स्पीकर ने अकाली विधयकों को तीन दिन के लिए नेम करने की चेतावनी दी। स्पीकर ने अकाली विधायकों को चेतावनी दी कि अगर आप सोचते है कि हाउस नहीं चलने देगे तो ऐसा नहीं होगा। स्पीकर का धर्म है कि हाउस को चलाए।
इससे पहले हंगामा कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस का जवाब देने के समय हुआ। शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी के विधायकों ने पंजाब में पिछले दिनों हुए स्थानीय निकाय चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार द्वारा धांधली करने का आरोप लगाया। बाद में सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई।
सदन में शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने फिर शुरू की नारेबाजी
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्यपाल के अभिभाषण का जवाब देना शुरू किया। इसी दौरान शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने बिजली दरों के मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया। शिअद के विधायक सदन की वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। इस पर स्पीकर राणा केपी सिंह ने हंगामा कर रहे शिअद विधायकों को नेम करने की चेतावनी दी। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर आमआदमी पार्टी की उपनेता सरबजीत कौर मानुके ही सदन में मौजूद थीं। आप के अन्य विधायक सदन में नहीं आए।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कोरोना संकट से निपटने को लेकर सरकार द्वारा उठाए गए कदमाें के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान दो फसलों की खरीद की गई। मंडियों में सरकार ने पुख्ता इंतजाम किए। 62 हज़ार करोड़ की लागत से 203 लाख टन धान और128 लाख गेहूं खरीदी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में बच्चों का दाखिला बढ़ा।
इसी दौरान शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने महंगी बिजली दरों को लेकर फिर नारेबाजी शुरू कर दी और सदन की वेल में आ गए। शिअद विधायक ने कहा कि कोरोना के दिनों में दुकानदारों और इंडस्ट्री को एवरेज बिल भेजे गए।
इससे पहले विधानसभा में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्यपाल के अभिभाषण पर जवाब देना शुरू किया तो इसी दौरान आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। आप और शिअद ने स्थानीय निकाय चुनाव में धांधली को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। दोनों पार्टियों के विधायक सद के वेल में आ गए। कैप्टन ने स्थानीय निकाय चुनाव में भारी जीत के लिए लोगों बधाई दी तो मुक्तसर से अकाली विधायक कंवरजीत सिंह ने कहा कि 103 केस दर्ज हुए हैं।
सदन के वेल में विपक्षी दलाें के विधायक नारेबाजी करते रहे और स्पीकर की बातों का भी उन पर कोई असर नहीं हुआ। हालत बिगड़ता देख कांग्रेस विधायकों ने सीएम के चारों ओर घेरा बना लिया। इस दौरान वे अकाली दल के विधायको को पोस्टर दिख रहे थे। सबसे खास बात रही कि नारेबाजी कर रहे आप विधायकों का अलग हुए गुट के विधायक सुखपाल खैहरा, पिरमल सिंह, नजर सिंह मानशाहिया,कंवर संधु और जगदेव सिंह ने साथ नहीं दिया।
बाद में सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण का दूसरा चरण शुरू हो गया है। राज्य में कोरोना की टेस्टिंग फिर शुरू कर दी है। स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रवासी मज़दूरों को सुरक्षित उनके गांव में भेज गया है।
इससे पहले सदन में शून्यकाल के दौरान विपक्ष में ही टकराव हो गया। शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी के विधायकों क बीच तीखी बहस हो गई। शिरोमणि अकाली दल ने गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के मामले में गिरफ्तार पंजाब के युवाओं पर तिहाड़ जेल में अत्याचार किए जाने का आरोप लगाया। शिअद ने इस पर निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की। इसके बाद आप और शिअद विधायकों में नोकझाेंक हो गई। इससे पहले आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने अलग-अलग मुद्दों को लेकर विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किए।
पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के पांचवे दिन की कार्यवाही सुबह शुरू हुई। इसके बाद शून्य काल में शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने दिल्ली में गणतंत्र दिवस को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान उपद्रव के मामलों में गिरफ्तार पंजाब के युवाओं पर अत्याचार किए जाने का आरोप लगाया। शिअद विधायकों ने कहा कि दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद पंजाबी युवाओं पर अत्याचार हुआ है और अकाली दल ने इस निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की।
शिअद के आरोप का आम आदमी पार्टी के विधायकों ने विरोध किया। इस पर आप विधायकों और शिरोमणि अकाली दल के बिक्रम सिंह मजीठिया के बीच तीखी बहस हुई। शिरोमणि अकाली दल ने इसकी जांच के लिए विधानसभा की कमेटी बनाने की मांग भी की। बता दें कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर परेड की थी और इस दौरान काफी उपद्रव व हिंसा हुई। इन घटनाओं को लेकर दिल्ली पुलिस ने पंजाब के कई युवाओं को ग्रिफ्तार किया था।
इससे पहले विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले शिअद और आम आदमी पार्टी के विधायकों ने परिसर के बाहर प्रदर्शन किया। आम आदमी पार्टी के विधायकों ने एससी स्टूडेंट्स स्कॉलरशिप घोटाले के मुद्दे को लेकर प्रदर्शन किया। शिरोमणि अकाली दल के विधायकों ने पंजाब में बिजली की महंगी दरों के विरोध में प्रदर्शन किया।
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